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Monday, January 30, 2023

UGC : विश्वविद्यालय के प्रत्येक छात्र को अब पांच अनपढ़ लोगों को पढ़ाना होगा जरूरी, मिलेगा क्रेडिट , नए शैक्षणिक सत्र से ही विश्वविद्यालयों में शुरू होगा नया साक्षरता अभियान, UGC ने जारी की गाइडलाइन

UGC : विश्वविद्यालय के प्रत्येक छात्र को अब पांच अनपढ़ लोगों को पढ़ाना होगा जरूरी, मिलेगा क्रेडिट

नए शैक्षणिक सत्र से ही विश्वविद्यालयों में शुरू होगा नया साक्षरता अभियान, UGC ने जारी की गाइडलाइन


पाठ्यक्रम से जुड़े प्रोजेक्ट वर्क या एसाइनमेंट का यह होगा हिस्सा इसके बाद ही छात्रों को मिलेगी डिग्री मौजूदा समय में देश की साक्षरता दर करीब 78 प्रतिशत है।


नई दिल्ली। वर्ष 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना अभी भले ही दूर की कौड़ी जैसा लग रहा है, लेकिन केंद्र सरकार इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ चुकी है। खासकर शत- प्रतिशत साक्षरता के लक्ष्य को हासिल करने को लेकर बड़ी पहल की है। इसके लिए एक नया साक्षरता अभियान भी तैयार किया है। जिसमें विश्वविद्यालयों व उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले प्रत्येक छात्रों के लिए हर साल कम से कम पांच अनपढ़ लोगों को अब पढ़ाना जरूरी होगा। इसके लिए उन्हें क्रेडिट स्कोर भी मिलेगा, जो उनके कोर्स में जुडेगा।


नई साक्षरता स्कीम को लागू करने के निर्देश
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने फिलहाल नए शैक्षणिक सत्र से ही सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों से नई साक्षरता स्कीम को लागू करने के निर्देश दिए है। साथ ही इसके लिए एक विस्तृत गाइड लाइन भी जारी की है। जिसमें प्रत्येक कोर्स के प्रोजेक्ट वर्क और एसाइनमेंट को इससे जोड़ने के लिए कहा है। इनमें ग्रेजुएट व पोस्ट ग्रेजुएट दोनों ही तरह के कोर्स शामिल होंगे।


इस स्कीम के तहत एक अनपढ़ को पढ़ाने पर पांच क्रेडिट स्कोर मिलेगा। लेकिन यह तभी मिलेगा जब सीखने वाले को साक्षर होने का प्रमाण पत्र मिल जाएगा। इसके लिए प्रत्येक विश्वविद्यालय में और राज्य सरकार की ओर से कुछ सेंटर खोले जाएंगे।


यूजीसी के मुताबिक इस पहल से साक्षरता की मुहिम काफी तेज हो सकेगी। मौजूदा समय में देश मे साक्षरता की दर करीब 78 प्रतिशत है। जबकि इसे लेकर शुरू कि गए नए अभियान में इसे शत-प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। इस बीच यूजीसी ने विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों से अनपढ़ लोगों को पढ़ाने के लिए छात्रों को विशेष प्रशिक्षण भी देने का सुझाव दिया है।


ताकि इस अभियान पर बेहतर तरीके से अमल हो सके। जानकारों की मानें तो इस पहल के पीछे छात्रों को पढ़ाई के साथ कुछ जिम्मेदारी भी देना है। इससे समाज से जुड़ने का भी उन्हें एक बेहतर मौका मिलेगा। गौरतलब है कि मौजूदा समय में देश में एक हजार से ज्यादा विश्वविद्यालय और करीब 45 हजार कालेज है।

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