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Tuesday, January 3, 2023

रोजी-रोटी की खातिर शिक्षामित्रों ने रैली निकाल किया प्रदर्शन, मानदेय वृद्धि समेत अन्य मांगें पूरी न होने पर 11 व 12 जनवरी को लखनऊ पहुंचेंगे

रोजी-रोटी की खातिर शिक्षामित्रों ने रैली निकाल किया प्रदर्शन, मानदेय वृद्धि समेत अन्य मांगें पूरी न होने पर 11 व 12 जनवरी को लखनऊ पहुंचेंगे 


उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के बैनर तले सोमवार को शिक्षामित्रों ने पूरे प्रदेश में विशाल धरना-प्रदर्शन करके अपने हक की आवाज बुलंद की। शिक्षामित्रों का कहना रहा कि अल्पमानदेय में जीवन जीना मुश्किल हो रहा है लेकिन सरकार उनकी ओर ध्यान नहीं दे रही है। यदि मांगे पूरी न हुई तो 11 व 12 जनवरी को लखनऊ पहुंचकर प्रदर्शन किया जायेगा। तत्पश्चात शासन को एक ज्ञापन भी भेजा गया।


प्रदर्शन की अगुवाई संगठन से जुड़े जिलाध्यक्षों ने की। वक्ताओं का कहना था कि शासन की गलत नीतियों की वजह से शिक्षामित्र परेशान है। शिक्षामित्र किसान व गरीब घरों से आते हैं, इसलिए घर के खर्चे व बच्चों की पढ़ाई व बीमारी की जिम्मेदारियां उठाना मुश्किल हो रहा है। 


वक्ताओं ने सभी से अपील की कि कोई साथी परेशान न हो और अपने परिवार के लिए घरों से निकले और खुद पर भरोसा रखे कि हम होंगे कामयाब एक दिन।  


संगठन का दावा था कि शिक्षामित्रों का जीवन संघर्ष से भरा हुआ है, हम लोगों ने बीसों साल से सर्दी, गर्मी, जाड़ा व बरसात में नौनिहालों को शिक्षा देकर अपने देश के भविष्य को संवारने का काम किया है। फिर भी हम वेदनापूर्ण जीवन जीने को मजबूर हैं। शासन की ये भेदभाव पूर्ण नीति हम असहायों के लिए मृत्युतुल्य है। अब समय आ गया है कि सरकार हमारा ध्यान दें और हमारा कल्याण करे अन्यथा शिक्षामित्र पुनः आंदोलन को मजबूर होगा। 


उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर सोमवार को लगभग सभी जिलों में स्वाभिमान रैली निकाली गई। रैली में शामिल शिक्षामित्रों ने प्रदर्शन कर मानदेय में वृद्धि की मांग की। शिक्षामित्रों ने अपनी मांगों के समर्थन में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी सौंपा।

शिक्षामित्रो ने आरोप लगाया और  कहा कि शिक्षामित्रों के भविष्य को लेकर सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है। इससे शिक्षामित्र आहत हैं और भविष्य को लेकर चिंतित हैं।  शिक्षामित्र आर्थिक तंगी, मानसिक अवसाद व हृदयाघात के शिकार हो रहे हैं। प्रतिमाह दस हजार रुपए के मानदेय पर गुजर मुश्किल हो गई है। मुख्यमंत्री की ओर से मानदेय दो हजार रुपये बढ़ाने की घोषणा की गई थी जिसे आज तक लागू नहीं किया गया।



मांग : शिक्षामित्रों को नई शिक्षा नीति में शामिल किया जाए। 

नियमितीकरण व समायोजन प्रक्रिया पूरी होने तक शिक्षा मित्रों को 12 माह 62 वर्ष जीवन यापन लायक वेतन दिया जाए। साथ ही मृतक शिक्षामित्रों के परिजनों को अहेतुक सहायता राशि व उनके आश्रितों को जीवन यापन के लिए नियुक्ति प्रदान की जाए। ऐसा न होने पर 11 व 12 जनवरी को लखनऊ में रैली करने को विवश होंगे। 

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