बेसिक शिक्षा विभाग में ट्रांसफर के खेल की गूंज शासन तक पहुंच गई। मोटी रकम लेकर शिक्षकों को बिना आदेश मनचाहे ब्लॉक में तैनाती देने के मामले की जांच करने को शनिवार को अपर शिक्षा निदेशक (बेसिक) विनय कुमार पांडे बीएसए कार्यालय पहुंचे। बेसिक शिक्षा विभाग में शासन की रोक के बाद भी शिक्षकों को उनके पसंदीदा विद्यालय में स्थानांतरित करने का खेल चल रहा था। इसमें बेसिक शिक्षा सचिव के नाम का भी सहारा लिया जा रहा है। 14 जुलाई को दैनिक जागरण ने इस खेल का खुलासा किया था। अपर निदेशक प्राथमिक विद्यालय दिगनेर प्रथम में पिनाहट से स्थानांतरित हुए प्रधानाध्यापक ज्ञानेंद्र कुमार, शमसाबाद से प्राथमिक विद्यालय रामनगर में स्थानांतरित हुए जेनुअलबेदीन, जैतपुर कलां से उच्च प्राथमिक विद्यालय महलबादशाही में आए हर्ष कुमार और जैतपुर कलां से महुआखेड़ा में स्थानांतरित होकर आए राजेश यादव की जांच करने आए थे। तत्कालीन खंड शिक्षाधिकारी पोप सिंह ने इन सब शिक्षकों के स्थानांतरण के साथ कोई आदेश न होने की बात कही थी। उन्होंने बीएसए को 10 मई 2016 को अपनी रिपोर्ट दी थी। हालांकि इसके बाद ही उनका ट्रांसफर हो गया था।चारों शिक्षकों के ट्रांसफर की जांच कराने आए अपर निदेशक को सुबह कार्यालय में देखकर कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। बीएसए के लखनऊ जाने के कारण अपर निदेशक लेखाधिकारी कार्यालय पहुंचे। उन्होंने लेखाधिकारी से चारों शिक्षकों के वेतन और ट्रांसफर संबंधी दस्तावेज मांगे। रिकॉर्ड में ट्रांसफर आदेश न होने की बात लिखी थी, लेकिन तत्कालीन लेखाधिकारी अभिषेक जैन ने आदेश पर बीएसए के काउंटर साइन करवा रखे थे। एक घंटे की जांच के बाद अपर निदेशक चले गए।
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