DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Wednesday, June 16, 2021

UP TET validity : यूपीटेट भी होगा लाइफटाइम वैलिड, शासन की मिली हरी झंडी, टीईटी पास 10 लाख युवाओं को फायदा

UP TET validity : यूपीटेट भी होगा लाइफटाइम वैलिड, शासन की मिली हरी झंडी
 
यूपी टीईटी प्रमाणपत्र के आजीवन मान्य होने से टीईटी पास 10 लाख युवाओं को फायदा


उत्तर प्रदेश अध्यापक पात्रता परीक्षा (यूपी टीईटी) का प्रमाणपत्र अब आजीवन मान्य होगा। इस संबंध में जल्द अधिसूचना जारी की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। उन्होंने डीएलएड (बीटीसी) की प्रवेश परीक्षा पुराने पैटर्न पर कराने के निर्देश भी दिए। इस निर्देश से प्रदेश में टीईटी पास आठ से 10 लाख युवाओं को लाभ मिलेगा। 


केन्द्र सरकार ने बीते दिनों टीईटी का प्रमाणपत्र आजीवन मान्य करने के निर्देश दिए हैं। अभी तक यह सात वर्ष के लिए मान्य था जबकि यूपी में इसकी मान्यता पांच वर्ष के लिए ही थी। पांच वर्षों की मान्यता के चक्कर में अक्सर युवा तीन वर्ष बाद से ही टीईटी देने लगते थे कि यदि बीच में किसी कारणवश इसकी परीक्षा न हो तो उनकी पात्रता बरकरार रहे। अब प्रमाणपत्र आजीवन मान्य होने से न सिर्फ युवाओं को बल्कि विभाग को भी लाभ होगा और उसे कम युवाओं के लिए परीक्षा का इंतजाम कराना पड़ेगा। हर वर्ष लगभग पांच से सात लाख युवा टीईटी देते हैं। 


यूपी में टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) को लाइफटाइम वैलिड करने के प्रस्ताव को सीएम योगी आदित्यनाथ ने हरी झंडी दे दी है। आपको बता दें कि अभी तक यूपी में टीईटी प्रमाणपत्र पांच वर्ष के लिए मान्य है। हर पांच साल के बाद उम्मीदवारों को दोबारा यूपी टीईटी परीक्षा पास करनी होती थी। आपको बता दें कि हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने टीईटी को आजीवन मान्य करने के लिए आधिकारिक घोषणा की थी। अब यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस फैसले को हरी झंडी दे दी है। इससे राज्य में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की नौकरी का सपना देख रहे कई उम्मीदवारों को लाभ होगा। 


केंद्र के अनुसार यह आदेश 2011 से प्रभावी होगा। इसलिए राज्य सरकार या केंद्र शासित प्रशासन टीईटी की वैधता अवधि के पुनर्निधारण करने या नया टीईटी प्रमाणपत्र जारी करने के लिए जरूरी कदम उठाएंगे । यूपी में जुलाई 2011 में नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद पहली बार 13 नवंबर 2011 को यूपी बोर्ड ने टीईटी कराया था। उसके बाद 2013 से परीक्षा नियामक प्राधिकारी परीक्षाएं कराता आ रहा है।


प्राइमरी व जूनियर स्कूलों यानी कक्षा एक से आठ तक पढ़ाने के लिए टीईटी अनिवार्य होता है। यह सिर्फ पात्रता परीक्षा है। पात्रता आजीवन रहने पर अभ्यर्थियों को बार-बार परीक्षा में बैठने से मुक्ति मिलेगी और आवेदन शुल्क भी नहीं देना पड़ेगा। अभी हर अभ्यर्थी दो से तीन साल के अंतर पर टीईटी देता है कि यदि एक साल टीईटी न हो तो उसके प्रमाणपत्र की वैधता बनी रहे।

No comments:
Write comments