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Thursday, April 21, 2022

6.5 लाख प्राइमरी के शिक्षकों को कैशलेस इलाज की सुविधा, बेसिक शिक्षा विभाग ने अगले 100 दिनों की कार्ययोजना में किया शामिल

छह लाख से अधिक बेसिक शिक्षकों को कैशलेस इलाज के लिए फर्म का चयन जल्द


लखनऊ : राज्य कर्मचारियों की तर्ज पर बेसिक शिक्षा परिषद के छह लाख से अधिक शिक्षकों को कैशलेस इलाज मिलेगा । ये सुविधा देने के लिए सरकार संबंधित फर्म का चयन करने जा रही है । परिषद ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जिसे तीन माह में पूरा करने की योजना बनी है।


6.5 लाख प्राइमरी के शिक्षकों को कैशलेस इलाज की सुविधा, बेसिक शिक्षा विभाग ने अगले 100 दिनों की कार्ययोजना में किया शामिल

संस्कृत को रोजगार से जाएगा जोड़ा, शुरू होंगे डिप्लोमा पाठ्यक्रम, जानिए 100 दिन की कार्ययोजना

राज्य सरकार प्राइमरी व जूनियर स्कूल में पढ़ा रहे 6.5 लाख शिक्षकों को कैशलेस चिकित्सा की सुविधा देगी। इसे बेसिक शिक्षा विभाग ने अगले 100 दिनों की कार्ययोजना में शामिल किया है। 

⚫ प्रदेश में पांच ‘लाइट हाउस आईटीआई' विकसित होंगी जो अंतराष्ट्रीय मानकों के आधार पर होंगी। 

🔵 यूपी बोर्ड में इंटरमीडिएट में नया पैटर्न 2025 तक और हाईस्कूल का नया पैटर्न 2023 में नया सत्र लागू होने से पहले किया जाएगा। 

🔴 सरकारी माध्यमिक स्कूलों में बायोमीट्रिक अटेंडेंस ली जाएगी।

सीएम योगी का आदेश, यूपी के सभी सरकारी स्कूल होंगे वाईफाई, बायोमीट्रिक से लगेगी हाजिरी


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को यूपी के सभी सरकारी स्कूलों में अगले 100 दिनों में वाईफाई की सुविधा देने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों में एक-एक वेबसाइट और सभी छात्रों के लिए ईमेल आईडी होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी सरकारी स्कूलों में बायोमीट्रिक उपस्थिति शुरू की जाए। उन्होंने कहा कि करियर परामर्श पोर्टल 'पंख', ऑनलाइन निगरानी श्रेणीकरण और ई-लाइब्रेरी पोर्टल भी जल्द से जल्द विकसित किया जाए।

उन्होंने आगे कहा कि 10वीं बोर्ड के लिए नया परीक्षा पैटर्न 2023 तक लागू किया जाना चाहिए, जबकि कक्षा 12 की परीक्षा के लिए इसे 2025 से संरचनात्मक और प्रशासनिक सुधारों के लिए लागू किया जाना चाहिए। योगी ने ये निर्देश यहां शिक्षा क्षेत्र पर प्रस्तुतियों को देखते हुए दिए। उन्होंने कहा कि सीखने के परिणामों में सुधार लाने, नामांकन बढ़ाने और स्कूल छोड़ने की दर में कमी लाने के लिए एक कार्य योजना तैयार की जानी चाहिए।

सीएम योगी ने कहा कि राज्य के लिए जल्द ही नई खेल नीति तैयार की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि संभागीय स्तर पर खेल महाविद्यालयों और खेल अकादमियों की स्थापना के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल का पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षण संस्थानों में करियर काउंसलिंग सेल की स्थापना की जानी चाहिए। कक्षा 9 और 11 में इंटर्नशिप कार्यक्रम और रोजगारोन्मुखी शिक्षा के लिए काम शुरू होना चाहिए।

हाईस्कूल और इंटरमीडिएट कॉलेज स्थापित करने की रणनीति करें तैयार

मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच साल में स्कूलों का मूल्यांकन और प्रमाणन शुरू किया जाए। योगी ने कहा कि पांच साल में अछूते इलाकों में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट कॉलेज स्थापित करने की रणनीति तैयार की जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सभी स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम, रियल टाइम मॉनिटरिंग, स्टूडेंट ट्रैकिंग सिस्टम और इंटीग्रेटेड डेटा मैनेजमेंट सिस्टम होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगले दो वर्षों में संस्कृत शिक्षा निदेशालय की स्थापना की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि संस्कृत को प्रौद्योगिकी से जोड़ने की जरूरत है, उन्होंने कहा कि 180 घंटे का प्रमाणन और 360 घंटे का डिप्लोमा कार्यक्रम शुरू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षण पदों पर रिक्त पदों को तत्काल भरा जाए और योग शिक्षकों के पदों पर नियुक्तियां की जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले पांच साल में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार लाया जाना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि 120 शासकीय महाविद्यालयों में ई-लर्निंग पार्क और अबैकस-यूपी के लिए नियम बनाकर 100 दिनों में पोर्टल शुरू किया जाए।  उन्होंने कहा कि निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए आवेदनों के लिए एक पोर्टल होना चाहिए। 

जापानी भाषा सीखने और जापानी उद्योग को कुशल श्रमिक उपलब्ध कराने की जाए व्यवस्था

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि पांच सरकारी कॉलेजों और तीन राज्य विश्वविद्यालयों में इनक्यूबेटर शुरू किए जाएं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने दोहरी डिग्री की अनुमति दी है, इसके लिए राज्य में रणनीति तैयार की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मां शाकुंभरी देवी विश्वविद्यालय (सहारनपुर), राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय (अलीगढ़) और महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय (आजमगढ़) का पहला चरण 2023 तक पूरा किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जापानी भाषा सीखने और जापानी उद्योग को कुशल श्रमिक उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने एक कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए व्यवहार्यता अध्ययन और भूमि की पहचान का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सभी छात्रों को स्कूल बैग, स्वेटर, जूते और मोजे खरीदने के लिए डीबीटी के माध्यम से धनराशि हस्तांतरित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के प्रत्येक प्रखंड में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की स्थापना की जानी चाहिए।



राज्य सरकार प्राइमरी व जूनियर स्कूल में पढ़ा रहे 6.5 लाख शिक्षकों को कैशलेस चिकित्सा की सुविधा देगी। इसे बेसिक शिक्षा विभाग ने अगले 100 दिनों की कार्ययोजना में शामिल किया है। प्रदेश में पांच ‘लाइट हाउस आईटीआई' विकसित होंगी जो अंतराष्ट्रीय मानकों के आधार पर होंगी। यूपी बोर्ड में इंटरमीडिएट में नया पैटर्न 2025 तक और हाईस्कूल का नया पैटर्न 2023 में नया सत्र लागू होने से पहले किया जाएगा। सरकारी माध्यमिक स्कूलों में बायोमीट्रिक अटेंडेंस ली जाएगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत मंत्रिपरिषद के समक्ष बेसिक, माध्यमिक, उच्च, व्यावसायिक, प्राविधिक शिक्षा, खेल व युवा कल्याण विभाग ने बुधवार को अगले पांच वर्षों की कार्ययोजना रखी गई। इन लाइट हाउस आईटीआई में विशिष्ट कौशल मांग के अनुरूप छात्रों को प्रशिक्षित किया जाएगा। यह संस्थान अंतरराष्ट्रीय मानक के होंगे, जो भविष्य में इस क्षेत्र में बेंचमार्क इंस्टिट्यूट साबित होंगे।


स्वतंत्र संस्था करेगी मूल्यांकन

विभाग ने सभी सरकारी प्राइमरी स्कूलों में हर कक्षा के लिए न्यूनतम एक कक्ष और हर ब्लॉक में एक कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की स्थापना होगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि छात्रों के वर्तमान अधिगम स्तर का आकलन स्वतंत्र संस्था द्वारा कराया जाए। छह महीने के अंदर सभी छात्र-छात्राओं को यूनिफार्म समेत अन्य चीजों की धनराशि डीबीटी के माध्यम से दी जाए। दो वर्ष के भीतर सभी विद्यार्थियों को चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम से जोड़ा जाएगा।


कक्षा नौ से होगी इंटर्नशिप

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि दो वर्षों के भीतर संस्कृत शिक्षा निदेशालय का गठन और एकीकृत डाटा प्रबंधन प्रणाली लागू करने, स्कूलों में वाई फाई की सुविधा, सभी स्कूलों की वेबसाइट, सभी विद्यार्थियों की ईमेल आईडी, राजकीय स्कूलों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस शुरू करने के प्रयास हों। करिअर काउंसलिंग पोर्टल 'पंख' का विकास, विद्यालय ऑनलाइन अनुश्रवण, श्रेणीकरण और ई-लाइब्रेरी पोर्टल का विकास किया जाए। 


राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण की स्थापना होगी और पांच वर्षों के अंतराल पर स्कूलों का मूल्यांकन होगा। पांच वर्षों के भीतर सभी असेवित क्षेत्रों में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट कॉलेज की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। सभी स्कूलों में एक स्मार्ट क्लासरूम, रियल टाइम मानिटरिंग, स्टूडेंट ट्रैकिंग सिस्टम और एकीकृत डाटा प्रबंधन प्रणाली की व्यवस्था लागू करने का लक्ष्य है।


120 महाविद्यालयों में बनेंगे ई लर्निंग पार्क

अगले सौ दिनों में 120 राजकीय महाविद्यालयों में ई-लर्निंग पार्क और अबेकस यूपी की नियमावली बनाकर पोर्टल की शुरुआत होगी। साथ ही निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना के आवेदन के लिए ऑनलाइन पोर्टल, पांच राजकीय महाविद्यालयों और तीन राज्य विश्वविद्यालयों में इनक्यूबेटर्स भी शुरू होंगे। तीन नए राज्य विश्वविद्यालयों मां शाकुंभरी विश्वविद्यालय सहारनपुर, राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय अलीगढ़ और महाराजा सुहेल देव राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़ का पहला चरण मार्च 2023 तक पूरा होगा।


 संस्कृत में 180 घंटे का सर्टिफिकेट और 360 घंटे का डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा। संस्कृत की पारंपरिक विद्या, कर्मकांड, ज्योतिष, वास्तुशास्त्र और योग आदि क्षेत्रों में प्रशिक्षण देना, अर्चक और पुरोहित तैयार करने की दिशा में काम किया जाएगा।


10 हजार से ज्यादा निर्माण सेक्टर में प्रशिक्षित होंगे

कंस्ट्रक्शन क्षेत्र की जरूरतों को देखते हुए अगले छह माह में 10 हजार से अधिक प्रशिक्षार्थी को कंस्ट्रक्शन सेक्टर में प्रशिक्षित किए जाने पर सहमति बनी। वहीं दो वर्षों में राजकीय आईटीआई में इग्नू के लर्निंग सेंटर की स्थापना, सर्विस सेक्टर जैसे हाउस कीपिंग, हॉस्पिटैलिटी, वेयरहाउस, एकाउंटिंग इत्यादि में प्रशिक्षण में विशेष प्राथमिकता दी जाए।


स्टेट इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क तैयार होगा-

एनआईआरएफ की तर्ज पर स्टेट इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क बनेगा। अंतरराष्ट्रीय फार्मेसी व बायो इंजीनियरिंग रिसर्च संस्थान और स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड अर्बन मैनेजमेंट की स्थापना होगी। जापान में उद्योगों के संचालन के लिए कुशल जनशक्ति की आपूर्ति और जापानी भाषा के अध्ययन की व्यवस्था व स्किल यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए भूमि का चयन करने के निर्देश दिए गए।


प्रदेश की अपनी खेल नीति

मुख्यमंत्री ने प्रदेश की अपनी खेल नीति के साथ मेजर ध्यानचंद स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन की शुरुआत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 100 दिनों में 1000 और दो वर्ष में 11,000 मंगल दलों का गठन किया जाए। कमिश्नरी स्तर पर स्पोर्ट कॉलेज, स्पोर्ट अकादमी की स्थापना होगी।मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय मेरठ का निर्माण कार्य में तेजी, कुलपति पद पर खेल जगत की प्रतिष्ठित व्यक्तित्व बनाए जाने पर सहमति बनी।



ये भी खास-

📍अभ्युदय योजना के तहत सभी 75 जिलों में कोचिंग
प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रमों में ड्रोन टेक्नोलॉजी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, साइबर सिक्योरिटी, डाटा साइंस, मशीन लर्निंग जैसे विषयों का समावेश

📍हर शैक्षिक संस्थान में कॅरिअर काउंसिलिंग सेल का गठन
हर ब्लॉक में आईटीआई और राजकीय आईटीआई में स्मार्ट क्लास

📍राज्य आईटीआई की ग्रेडिंग और रैंकिंग सुनिश्चित
सभी ट्रेड्स के पाठ्यक्रमों का डिजिटल कंटेंट

📍पहले चरण में 25 हजार माध्यमिक और उच्चतर कक्षाओं के छात्रों का कौशल प्रशिक्षण

📍सौ दिनों में तीन रोजगार मेलों का आयोजन




लखनऊ । उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा के बाद माध्यमिक व प्राथमिक शिक्षा में भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अनुपालन होने जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा का नया पैटर्न 2023 का नया सत्र शुरू होने के पहले लागू करें। 12वीं में बोर्ड परीक्षा का नया पैटर्न 2025 तक लागू करने की जरूरत है, ताकि संरचनात्मक शैक्षणिक और प्रशासनिक सुधार का कार्य पूरा हो सके।


मंत्रिपरिषद के समक्ष शिक्षा विभाग की कार्ययोजना प्रस्तुतीकरण पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि पांच वर्षों के भीतर सभी असेवित क्षेत्रों में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट कालेज की स्थापना के लिए अभी से रणनीति बनाकर कार्यवाही शुरू करें। सभी विद्यालयों में स्मार्ट क्लास रूम, रियल टाइम मानीटरिंग, स्टूडेंट ट्रैकिंग सिस्टम और एकीकृत डाटा प्रबंधन प्रणाली की व्यवस्था लागू होना चाहिए।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कक्षा नौ और 11 में इंटर्नशिप प्रोग्राम, रोजगारन्मुख कौशल शिक्षा और सर्टिफिकेशन, राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण की स्थापना की दिशा में कार्यवाही शुरू कराएं। साथ ही पांच वर्ष पर विद्यालयों का मूल्यांकन और सर्टिफिकेशन भी करें।


मुख्यमंत्री ने कहा कि दो वर्षों के भीतर संस्कृत शिक्षा निदेशालय का गठन करें। साथ ही शिक्षा में तकनीक के उपयोग को देखते हुए एकीकृत डाटा प्रबंधन प्रणाली लागू कराएं। अध्यापक पुरस्कारों के लिए मानकों में संशोधन करने पर विचार किया जाए।


सौ दिनों में राजकीय विद्यालयों में वाई फाई की सुविधा, सभी विद्यालयों की वेबसाइट, सभी विद्यार्थियों की ईमेल आइडी, राजकीय विद्यालयों में बायोमीट्रिक अटेंडेंस शुरू करने के प्रयास अभी से हों। करियर काउंसिलिंग पोर्टल ‘पंख’ का विकास, विद्यालय आनलाइन अनुश्रवण श्रेणीकरण और ई-लाइब्रेरी पोर्टल का भी विकास किया जाए।


उच्च शिक्षा संस्थानों में रोजगारपरक शिक्षा की बनाएं कार्ययोजना : मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों में रोजगारपरक शिक्षा उपलब्ध कराने की कार्यवाही की जाए। सौ दिनों में 120 राजकीय महाविद्यालयों में ई-लर्निंग पार्क की नियमावली बनाकर पोर्टल का शुभारंभ करें। साथ ही निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना के आवेदन के लिए आनलाइन पोर्टल, पांच राजकीय महाविद्यालयों और तीन राज्य विश्वविद्यालयों में इंक्यूबेटर्स का शुभारंभ करें।


2023 में पूरा कराएं तीन राज्य विश्वविद्यालयों के निर्माण का पहला फेज : मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन नए राज्य विश्वविद्यालयों मां शाकुंभरी विश्वविद्यालय सहारनपुर, राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय अलीगढ़ और महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़ का प्रथम फेज मार्च 2023 तक पूरा कराएं। यूजीसी ने एक साथ दो डिग्री प्राप्त करने की स्वीकृति दी है। उसकी गाइडलाइन के अनुरूप यहां रणनीति तैयार की जाए।


संस्कृत को रोजगार से जोड़ें, शुरू कराएं डिप्लोमा पाठ्यक्रम : मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत को तकनीक के माध्यम से रोजगार से जोडऩे की आवश्यकता है। 180 घंटे का सर्टिफिकेट और 360 घंटे का डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू कराएं। आनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण के लिए संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी की ओर से प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया जाए। संस्कृत की पारंपरिक विद्या, कर्मकांड, ज्योतिष, वास्तुशास्त्र और योग आदि क्षेत्रों में प्रशिक्षण देना, अर्चक व पुरोहित तैयार करने की दिशा में कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ाएं।


परिषदीय शिक्षकों को मिलेगी कैशलेस चिकित्सा सुविधा : मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि परिषदीय शिक्षकों को कैशलेस चिकित्सा की सुविधा से 100 दिनों में लाभान्वित कराएं। परिषदीय विद्यालयों में सत्र 2022-23 में दो करोड़ छात्र-छात्राओं के नामांकन का लक्ष्य लेकर नियोजित ढंग से कार्य करें। सभी छात्र-छात्राओं का शत प्रतिशत आधार पंजीकरण कराया जाए। बच्चे गणवेश में ही विद्यालय आएं।

 दो वर्ष में के भीतर प्रदेश में अध्ययनरत समस्त छात्र छात्राओं को चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम से जोडऩे की कार्यवाही की जाए। समस्त परिषदीय विद्यालयों में प्रत्येक कक्षा के लिए न्यूनतम एक क्लास रूम की स्थापना का लक्ष्य लेकर कार्य करें। हर ब्लाक में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की स्थापना के प्रयास हों।


ये भी अहम निर्देश

अभ्युदय योजना ने उत्तर प्रदेश के युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की मुफ्त और स्तरीय तैयारी के लिए अच्छा प्लेटफार्म दिया है। मंडल मुख्यालयों पर संचालित इन कक्षाओं को सभी 75 जिलों में विस्तार दिया जाए।प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रमों को समयानुकूल अपडेट किया जाना आवश्यक है। ड्रोन टेक्नोलाजी, इंटरनेट आफ थिंग्स, साइबर सिक्योरिटी, डाटा साइंस, मशीन लर्निंग जैसे अधुनातन विषयों का समावेश कर युवाओं को प्रशिक्षित किया जाए।वोकेशनल एजुकेशन में बाजार की जरूरत के अनुसार स्किल्ड युवाओं को तैयार किया जाना चाहिए।हर शैक्षिक संस्थान में यथासंभव कॅरियर काउंसिलिंग सेल का गठन होना चाहिए।आइटीआइ व पालिटेक्निक सहित अन्य तकनीकी संस्थाओं को ओडीओपी विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से जोड़कर समायानुकूल ट्रेड से जोड़ा जाए। अप्रेंटिसशिप योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार कर अधिकाधिक युवाओं को जोडऩे का प्रयास हो।एनआईआरएफ की तर्ज पर स्टेट इंस्टिट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क जारी किया जाए। इससे संस्थानों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का भाव पैदा होगा। छात्र को दाखिला लेना हो या सेवायोजन कम्पनी प्लेसमेंट करना हो, संस्था का चयन करने में सुविधा होगी।प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय फार्मेसी एवं बायो इंजीनियरिंग रिसर्च संस्थान और स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड अर्बन मैनेजमेंट की स्थापना के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाए।

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