DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Tuesday, July 5, 2022

प्रतापगढ़ : नौ शिक्षिकाओं के टीईटी प्रमाण पत्र मिले फर्जी, छह साल तक फाइल दबाए रखे बीएसए के बाबू

प्रतापगढ़ : फर्जी टीईटी प्रमाण पत्र लगाने वाली नौ शिक्षिकाएं बर्खास्त, हुई कार्रवाई

■ प्रतापगढ़ में वर्ष 2020 में हुई थी इनकी नियुक्ति 
■ पहली नोटिस में पांच तो दूसरी में चार का जवाब

प्रतापगढ़ : शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी कर रहीं नौ शिक्षिकाओं को बर्खास्त कर दिया गया है। इन शिक्षिकाओं के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करा दिया गया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने यह कार्रवाई जांच में प्रमाण पत्र फर्जी मिलने के बाद की है। यह सभी नौ शिक्षिकाएं 69000 शिक्षकों की भर्ती में चयनित हुई थीं ।

इनकी नियुक्ति वर्ष 2020 में सहायक अध्यापक के पद पर हुई थी । इन नौ शिक्षिकाओं के अभिलेख शुरू से ही संदेहास्पद लग रहे थे इसलिए इन्हें अभी तक वेतन जारी नहीं किया गया। विभाग ने इन शिक्षिकाओं के अभिलेखों की जांच शुरू कराई। पहले अभिलेखों की ऑनलाइन जांच हुई तो नौ में से सात शिक्षिकाओं के अभिलेख को नॉट फाउंड बताया गया जबकि दो शिक्षिकाओं के अभिलेखों में नंबर अलग-अलग थे। इसके बाद विभाग ने सभी नौ शिक्षिकाओं को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा।

झटका : नौ शिक्षिकाओं के टीईटी प्रमाण पत्र मिले फर्जी, छह साल तक फाइल दबाए रखे बीएसए के बाबू

प्रतापगढ़ : वर्ष 2016-17 में 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती में नौ शिक्षिकाओं के अभिलेख फर्जी मिले हैं। इन शिक्षिकाओं ने टीईटी के जो प्रमाणपत्र जमा किए हैं, वे सत्यापन में फर्जी निकल गए हैं।



बेसिक शिक्षा विभाग में छह साल पहले नौकरी पाने वाली नौ शिक्षिकाओं के टीईटी प्रमाण पत्र फर्जी मिले हैं। अब विभाग इन्हें बर्खास्त करने के साथ एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी में है। दरअसल, नियुक्ति के समय ऑनलाइन जांच में ही इन शिक्षिकाओं का फर्जीवाड़ा पकड़ में आ गया था, लेकिन बीएसए कार्यालय के बाबुओं ने मामला दबा दिया। छह साल तक बीएसए कार्यालय के बाबुओं की मिलीभगत से इन्हें वेतन का भुगतान किया जाता रहा। अब परीक्षा नियामक प्राधिकरण से जांच कराने के बाद इनके प्रमाणपत्र फर्जी होने की पुष्टि हुई है। 

वर्ष 2016-17 में 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती में नौ शिक्षिकाओं के अभिलेख फर्जी मिले हैं। इन शिक्षिकाओं ने टीईटी के जो प्रमाणपत्र जमा किए हैं, वे सत्यापन में फर्जी निकल गए हैं। तैनाती पाने के बाद विभाग के आनलाइन सत्यापन में अंकपत्र फर्जी मिलने के बाद भी बाबुओं की मिलीभगत से मामले को दबाकर वेतन भुगतान किया जाता रहा। विभाग ने जब शिक्षिकाओं को नोटिस जारी किया, तो उन्होंने अंक पत्र सही होने का दावा करते हुए ऑफलाइन सत्यापन कराने के लिए कहा।

फिर क्या था, विभाग के बाबुओं ने फाइल दबाकर रख ली और छह साल जांच नहीं हुई। नवागत बीएसए भूपेंद्र कुमार ने मामला संज्ञान में आने के बाद खंड शिक्षा अधिकारी को परीक्षा नियामक प्राधिकरण भेजकर जांच कराई। इसके बाद शिक्षिकाओं के टीईटी के प्रमाण पत्र फर्जी होने की पुष्टि हो गई। आश्चर्य की बात यह है कि ऑफलाइन सत्यापन में अंकपत्र फर्जी मिलने के बाद भी कर्मचारी विभागीय अफसरों को गुमराह कर रहे हैं। इससे बीएसए इन फर्जी शिक्षिकाओं के खिलाफ कार्रवाई करने से बच रहे हैं। 

इन शिक्षिकाओं के प्रमाण पत्र मिले फर्जी 
जिन शिक्षिकाओं के अभिलेख फर्जी मिले हैं, उनमें मीरा देवी, सीमा देवी, कंचन, निधि सिंह, संगीता देवी, सीमा कोरी, बिंदू देवी, सुमित्रा मौर्या, रुचि प्रजापति के नाम शामिल हैं।

नौ शिक्षिकाओं के टीईटी प्रमाण पत्र फर्जी मिले हैं। ऑफलाइन सत्यापन में इसकी जानकारी हुई है। शिक्षिकाओं पर मुकदमा दर्ज कराने की कार्रवाई प्रस्तावित है। -
भूपेंद्र सिंह, बीएसए

No comments:
Write comments