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Sunday, June 4, 2023

11वीं में पढ़ सकेंगे आवर्त सारणी – एनसीईआरटी

11वीं में पढ़ सकेंगे आवर्त सारणी – एनसीईआरटी


राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने 10वीं कक्षा की रसायन विज्ञान की किताब से आवर्त सारणी (पीरियोडिक टेबल) का अध्याय हटाए जाने के बाद स्पष्टीकरण सामने आया है।


एनसीईआरटी ने ट्वीट करके कहा कि आवर्त सारणी को स्कूली शिक्षा पाठ्यक्रम से नहीं हटाया गया, बल्कि वास्तव में कक्षा 11 की पाठ्यपुस्तक की तीसरी यूनिट ‘क्लासिफिकेशन ऑफ एलीमेंट्स एंड पीरियोडिसिटी इन प्रॉपर्टीज’ में (पृष्ठ 74-99) में यह बहुत विस्तार से उपलब्ध है। बता दें कि एनसीईआरटी ने कक्षा 10वीं की रसायन विज्ञान की किताब से आवर्त सारणी वाले चैप्टर को हटा दिया था। रसायन विज्ञान के ही अध्याय 5 ‘सोर्सेज ऑफ एनर्जी’, अध्याय 14 ‘सस्टेनेबल मैनेजमेंट ऑफ नेचुरल रिसोर्सेज’ को भी हटाने का फैसला लिया गया।


कक्षा 11और 12 में आवर्त सारणी रहेगी

एनसीईआरटी के मुताबिक, पाठ्यक्रम के संक्षिप्त युक्तिकरण के कारण महामारी के दौरान इन अध्यायों को नहीं पढ़ाया गया था। यदि छात्र इन सभी विषयों का अध्ययन करना चाहते हैं, तो वे कक्षा 11-12 में संबंधित विषय का चयन कर सकते हैं। भारत में कक्षा 10 अंतिम वर्ष है, जिसमें विज्ञान एक अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाया जाता है। जो छात्र 11वीं और 12वीं में रसायन विज्ञान का चुनाव करेंगे, वे ही आवर्त सारणी के बारे में पढ़ेंगे। वहीं, एनसीईआरटी सभी विषयों के पाठ्यक्रम को नई शिक्षा नीति के अनुरूप पुनर्संरचना में जुटा है।



NCERT  ने कक्षा 10 की किताबों से हटा दिया पीरियोडिक टेबल और जानिए क्या दिया तर्क?


NCERT Periodic Table News : एनसीईआरटी ने कक्षा 10 की किताबों से पीरियोडिक टेबल और डेमोक्रेसी से जुड़े चैप्टर हटा दिया है। परिषद ने इसके पीछे छात्रों पर से बोझ हटाने का तर्क दिया है।


  • NCERT की कक्षा 10 की किताब से पीरियोडिक टेबल हटाया गया
  • नई किताबों में डेमोक्रेसी वाला चैप्टर को भी डिलीट किया गया
  • NCERT ने इसे हटाने के पीछे छात्रों पर पड़ने वाले बोझ का हवाला दिया है


नई दिल्ली: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान परिषद (NCERT) के 10वीं कक्षा से पीरियोडिक टेबल (Periodic Table) हटाने के फैसले पर बवाल मचा हुआ है। NCERT ने टेक्स्टबुक से पूरा चैप्टर ही हटा दिया है। इसे हटाने के पीछे परिषद ने छात्रों पर से बोझ हटाने का तर्क दिया है। गौरतलब है कि इसी साल परिषद ने विज्ञान की किताब से थियरी ऑफ इवोल्यूशन हटा दिया था। इस मसले पर काफी बवाल भी मचा था।


गौरतलब है कि इस साल के शुरू में NCERT ने थियरी ऑफ इवोल्यूशन चैप्टर को कक्षा 10 से हटा दिया था। अभी NCERT की जारी नए किताबों से कुछ चैप्टर को हटाने की जानकारी मिली। इसमें पीरियोडिक टेबल वाला चैप्टर भी है। विज्ञान की किताब से इन्वॉयरमेंटल सस्टेनबलिटी और सोर्स ऑफ एनर्जी। इसके अलावा डेमोक्रेसी पर शामिल चैप्टर को भी कक्षा 10 की पुस्तकों से हटा दिया गया है।


NCERT ने इन चैप्टर को हटाने को जरूरी बताते हुए कहा इससे छात्रों पर बोझ नहीं पड़ेगा। परिषद ने कहा कि डिफकल्टी लेवल, एक ही चीज अलग-अलग चैप्टर में होना और मौजूदा परिस्थिति में अप्रासंगिक विषय वस्तु के कारण भी यह फैसला किया गया है।


हालांकि छात्र इन चैप्टर को आगे पढ़ सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें कक्षा 11 और कक्षा 12 में इस विषयों को चुनना होगा। गौरतलब है कि इसी साल NCERT ने विज्ञान की किताब से थियरी ऑफ इवोल्यूशन को हटाने के लेकर लोगों के निशाने पर आया था। करीब 1800 वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों ने इस मुद्दे पर खुला पत्र लिखा था।


केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष सरकार ने कहा कि कोविड के कारण कोर्स को तार्किक बनाया जा रहा है और बच्चों पर से बोझ को कम किया जा रहा है। अगर बच्चे डार्विन का सिद्धांत पढ़ना चाहते हैं तो वो वेबसाइट पर जाकर इसे पढ़ सकते हैं। कक्षा 12 में पहले से ही डार्विन का सिद्धांत किताब में है। इसलिए ऐसे झूठे प्रोपेगैंडा नहीं फैलाया जाना चाहिए।



10वीं से पीरियोडिक टेबल व लोकतंत्र पर अध्याय हटाया

एनसीईआरटी का फैसला –विद्यार्थियों पर पढ़ाई का बोझ कम करने के लिए किया बदलाव


नई दिल्ली। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने कक्षा 10 की नई किताबों से पीरियोडिक टेबल (आवर्त सारिणी) पर पूरा अध्याय, लोकतंत्र और विविधता पर पूरा अध्याय, लोकतंत्र की चुनौतियों पर पूरा अध्याय और राजनीतिक दलों पर पूरा पेज हटा दिया है। एनसीईआरटी का कहना है कि कोविड- 19 महामारी को देखते हुए छात्रों पर पढ़ाई का बोझ कम करने के लिए फैसला किया गया है। |


विज्ञान की किताब से हटाए गए विषयों में पर्यावरणीय स्थिरता और ऊर्जा के स्रोत का अध्याय भी है। एनसीईआरटी ने इन अध्यायों को हटाने को जरूरी बताते हुए कहा, इससे छात्रों पर बोझ नहीं पड़ेगा। हालांकि, छात्र इन अध्यायों को आगे पढ़ सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें कक्षा 11 और कक्षा 12 में इन विषयों को चुनना होगा। इससे पहले, एनसीईआरटी ने 12वीं में श्री आनंदपुर साहिब प्रस्ताव को कथित तौर पर खालिस्तान की मांग से जोड़ने वाले अंश को हटा दिया था। 


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