फतेहपुर : पसंदीदा स्कूलों में सीटें फुल, निःशुल्क शिक्षा प्रवेश में 117 बच्चे प्रवेश से वंचित।
फतेहपुर : पसंदीदा स्कूलों में सीटें फुल, निःशुल्क शिक्षा प्रवेश में 117 बच्चे प्रवेश से वंचित।
फतेहपुर :
अलाभित समूह के बच्चों की प्रथम चरण की प्रवेश प्रक्रिया को बेसिक शिक्षा विभाग ने पूरा कर दिया है। इस प्रक्रिया में गरीब तबके के लोगों को खासी निराशा हाथ लगी है। नि शुल्क आवेदन के लिए गरीब तबके के माता-पिता और अभिभावकों ने 1057 आवेदन किए थे। विभागीय पड़ताल की प्रक्रिया में महज 642 को ही प्रवेश मिल पाया है। आवेदन करने वालों में 532 आवेदन बाहर हो गए हैं। शासन निजी स्कूलों में गरीब ब्च्चों को प्राथमिक और पूर्व प्राथमिक कक्षाओं में दाखिला कराकर निशुल्क प्रवेश की योजना बीते कई सालों से चला रहा है। इन प्रकाशित बच्चों की फीस का खर्चा शासन संबंधित स्कूल को देता आया है। कोरोना जैसी बीमारी और लॉकडाउन जैसे झंझावतों को झेल कर जिले भर से 1057 आवेदन भरे गए थे।
विभाग इन आवेदनों में लगे कागजातों की पड़ताल करके प्रवेश की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया है। खत्म हुई प्रक्रिया में विभाग के आंकड़ों में गौर करें तो 642 आवेदन की सफल हुए हैं। इन्हें लाटरी पद्धति अपनाकर निजी स्कूलों में प्रवेश मिल पाया है। आवेदन की जांच में 415 निरस्त कर दिए गए हैं तो 117 सफल बच्चों को स्कूलों ने दिक्कत दर्ज कराते हुए प्रवेश से मना कर दिया है। । इसलिए कुल आवेदनों में 532 गरीब बच्चों को प्रवेश नहीं मिल पाया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि प्रथम चरण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। 642 को स्कूलों ने प्रवेश दिए हैं। 17 बच्चों के प्रवेश कोटा खत्म होने का कारण लगाकर वापस किया है। इनकी जांच करवाई जाएगी। चयनित बच्चों से विकल्प लेकर दूसरे स्कूलों में प्रवेश दिलाया जाएगा। निरस्त आवेदन पात्रता सूची में नहीं आते रहे हैं।
फतेहपुर : पसंदीदा स्कूलों में सीटें फुल, निःशुल्क शिक्षा प्रवेश में 117 बच्चे प्रवेश से वंचित।
फतेहपुर :
अलाभित समूह के बच्चों की प्रथम चरण की प्रवेश प्रक्रिया को बेसिक शिक्षा विभाग ने पूरा कर दिया है। इस प्रक्रिया में गरीब तबके के लोगों को खासी निराशा हाथ लगी है। नि शुल्क आवेदन के लिए गरीब तबके के माता-पिता और अभिभावकों ने 1057 आवेदन किए थे। विभागीय पड़ताल की प्रक्रिया में महज 642 को ही प्रवेश मिल पाया है। आवेदन करने वालों में 532 आवेदन बाहर हो गए हैं। शासन निजी स्कूलों में गरीब ब्च्चों को प्राथमिक और पूर्व प्राथमिक कक्षाओं में दाखिला कराकर निशुल्क प्रवेश की योजना बीते कई सालों से चला रहा है। इन प्रकाशित बच्चों की फीस का खर्चा शासन संबंधित स्कूल को देता आया है। कोरोना जैसी बीमारी और लॉकडाउन जैसे झंझावतों को झेल कर जिले भर से 1057 आवेदन भरे गए थे।
विभाग इन आवेदनों में लगे कागजातों की पड़ताल करके प्रवेश की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया है। खत्म हुई प्रक्रिया में विभाग के आंकड़ों में गौर करें तो 642 आवेदन की सफल हुए हैं। इन्हें लाटरी पद्धति अपनाकर निजी स्कूलों में प्रवेश मिल पाया है। आवेदन की जांच में 415 निरस्त कर दिए गए हैं तो 117 सफल बच्चों को स्कूलों ने दिक्कत दर्ज कराते हुए प्रवेश से मना कर दिया है। । इसलिए कुल आवेदनों में 532 गरीब बच्चों को प्रवेश नहीं मिल पाया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि प्रथम चरण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। 642 को स्कूलों ने प्रवेश दिए हैं। 17 बच्चों के प्रवेश कोटा खत्म होने का कारण लगाकर वापस किया है। इनकी जांच करवाई जाएगी। चयनित बच्चों से विकल्प लेकर दूसरे स्कूलों में प्रवेश दिलाया जाएगा। निरस्त आवेदन पात्रता सूची में नहीं आते रहे हैं।
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