DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Friday, June 19, 2020

शिक्षकों की ऐसी भी भर्ती जिसकी प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही पड़ा जांच का ‘जाल’, करीब 40 हजार पद खाली

शिक्षकों की एक भर्ती ऐसी भी है, जिसकी प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही जांच का ‘जाल’ 

करीब 40 हजार पद खाली, टास्क फोर्स की जांच पर पड़ा पर्दा

 

शिक्षकों की एक भर्ती ऐसी भी है, जिसकी प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही जांच का ‘जाल’ फेंका गया। प्रदेश के चार हजार से ज्यादा कालेजों में पदों के सत्यापन का जिम्मा टास्क फोर्स को मिला। एक साल हो रहा लेकिन, अब तक जांच के जाल में कितने पद हैं? ये सार्वजनिक नहीं हो सका है और न भर्ती का विज्ञापन जारी हुआ। एडेड माध्यमिक कालेजों में प्रवक्ता और प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक चयन की ये भर्ती पदों के हिसाब से अब तक की सबसे बड़ी है।


अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक कालेजों में प्रधानाचार्य, प्रवक्ता और प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक चयन उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड करता है। 2019 में चयन बोर्ड ने पहली बार जिला विद्यालय निरीक्षकों से ऑनलाइन अधियाचन (रिक्त पदों का ब्योरा) मांगा। जुलाई से सात अगस्त तक करीब 40 हजार अधियाचन मिले थे। उनमें से डीआइओएस ने कितने पदों को सत्यापित किया, ये स्पष्ट नहीं है। 


भर्ती का विज्ञापन जारी करने से पहले माध्यमिक शिक्षा विभाग ने पदों की संख्या ज्यादा होने पर सवाल उठाया, तर्क था कि कालेजों में पढ़ रहे छात्र-छात्रओं की संख्या से शिक्षकों के स्वीकृत पद अधिक हैं। जिलों से मिले अधियाचन का सत्यापन कराने के लिए टास्क फोर्स का गठन हुआ। जांच में सामने आया कि कई कालेजों में छात्रों की संख्या कम है और वहां कार्यरत शिक्षक ज्यादा हैं

No comments:
Write comments