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Sunday, March 20, 2022

बगैर जायज प्रमाण पत्र के सरकारी वेतन और भत्ते ले रहे हैं 560 मदरसों के हाफिज

बगैर जायज प्रमाण पत्र के सरकारी वेतन और भत्ते ले रहे हैं 560 मदरसों के हाफिज

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के 560 अनुदानित मदरसों के 430 हाफिज पद पर तैनात शिक्षक बगैर जायज प्रमाण पत्र के ही बरसों से सरकारी खजाने से वेतन व भत्ते हासिल कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद ने अब इस पूरे मामले की जांच के लिए कदम उठाया है।


परिषद के रजिस्ट्रार एस.एन.पाण्डेय की ओर से सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को इस बारे में पत्र लिखा गया है। पत्र में इन अधिकारियों से जानकारी मांगी गयी है कि इन अनुदानित मदरसों के तहतानिया (प्राइमरी) कक्षा में नियुक्त अध्यापकों के हाफिज के प्रमाण पत्र जारी करने वाली संस्था को ऐसा प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार है या नहीं इस बारे में स्पष्ट जानकारी दें। अगर नाजायज प्रमाण पत्र के आधार पर हाफिज पद पर तैनात शिक्षक द्वारा सरकारी वेतन व भत्ते लिये जाने की बात प्रमाणित हुई तो इसके लिए पूरी तरह जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ही जिम्मेदार होंगे। रजिस्ट्रार के इस पत्र के अनुसार हाफिज उ.प्र.मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा दी जाने वाली डिग्री नहीं है , मदरसे भी हाफिज की डिग्री या प्रमाण पत्र देने के लिए अधिकृत नहीं हैं। न ही किसी काननू के द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय, आयोग द्वारा जारी किये जाने के कोई प्रमाण या पंजीकरण प्रपत्र हैं। मदरसों द्वारा अपने स्तर से ऐसे प्रमाण पत्र जारी किये जाते रहे हैं जबकि मदरसा शिक्षा परिषद अथवा परिषद के गठन से पहले बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन कार्यरत रहते रजिस्ट्रार अरबी व फारसी परीक्षाएं के द्वारा मदरसों की मान्यता के जारी प्रमाण पत्रों में हाफिज कोर्स या प्रमाण पत्र का कोई उल्लेख नहीं है।

अभी तक हाफिज पद पर तैनात शिक्षकों को सरकारी खजाने से वेतन व भत्ते उ.प्र.मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार से ही अनुमोदित होते रहे हैं। अब अगर यह विसंगति सामने आयी है तो इसके लिए शिक्षक जिम्मेदार है या रजिस्ट्रार।

-वहीदुल्लाह खान, महासचिव, आल इण्डिया टीचर्स एसो. मदारिस अरबिया

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