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Friday, March 25, 2022

TET की तर्ज पर अब यूपी में MTET, मदरसा टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (एमटीईटी) का होगा आयोजन

TET की तर्ज पर अब यूपी में MTET,  मदरसा टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (एमटीईटी) का होगा आयोजन

 
लखनऊ :  उत्तर प्रदेश में अब सरकारी शिक्षक भर्ती के लिए आयोजित होने वाले टीचर्स एजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) की तर्ज पर मदरसा टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (एमटीईटी) आयोजित होगा। प्रदेश सरकारी मान्यता प्राप्त व अनुदानित मदरसों में अब मदरसा प्रबंधक सीधे अपने स्तर पर रिक्त पदों पर शिक्षकों की भर्ती नहीं कर पाएंगे। हिन्दुस्तान से बातचीत में मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डा.इफ्तेखार जावेद ने यह जानकारी दी।

इन खाली पदों के लिए पहले उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड आवेदन आमंत्रित करेगा। उसके बाद चयनित अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा आयोजित करवाएगा। इस लिखित परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों का साक्षात्कार आदि की प्रक्रिया मदरसा प्रबंधन पूरी करके नियुक्त करेगा।

इसी के साथ अनुदानित व मान्यता प्राप्त मदरसों में अब मोबाइल एप से भी पढ़ाई होगी। उ.प्र.मदरसा बोर्ड ने एक मोबाइल एप तैयार करवाया है। रमजान के बाद इसकी लांचिंग की जाएगी। बोर्ड के रजिस्ट्रार एस.एन.पाण्डेय ने बताया कि मोबाइल एप में एनसीईआरटी के सभी पाठ्यक्रमों के साथ धार्मिक शिक्षा के कोर्स का मैटीरियल भी उपलब्ध होगा। यह स्टडी मैटीरियल शिक्षकों के लिए काफी उपयोगी रहेगा।


यूपी : कक्षाएं शुरू होने से पहले अब मदरसों में गाना होगा राष्ट्रगान, शिक्षा परिषद की बैठक में हुआ तय

मदरसा शिक्षा परिषद की बैठक में लिए गए कई अहम फैसले,  TET की तर्ज पर MTET के जरिए शिक्षकों की होगी नियुक्ति। 

यूपी के सभी मदरसों में अब राष्ट्रगान अनिवार्य, दीनियात के प्रश्नपत्रों को कम कर जोड़े गए आधुनिक विषय

मदरसा शिक्षकों के बच्चे कहां पढ़ते हैं, होगा सर्वे, मदरसा बोर्ड की बैठक में फैसला



योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा मदरसों में सुधार के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष डा. इफ्तिखार अहमद जावेद की अध्यक्षता में गुरुवार को महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें कई अहम निर्णय लिए गए।


लखनऊ । उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद ने राज्य के सभी मदरसों में राष्ट्रगान अनिवार्य कर दिया है। 11 मई से शुरू होने वाले नए शिक्षण सत्र में कक्षाएं प्रारंभ होने से पहले अन्य दुआओं के साथ ही राष्ट्रगान का गायन अनिवार्य होगा।
इसके अलावा अब मदरसा बोर्ड के पाठ्यक्रम को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए दीनियात (धर्म संबंधी) के प्रश्नपत्रों को कम कर आधुनिक विषयों को जोड़ दिया है। अब दीनियात के चार के बजाय केवल एक प्रश्नपत्र होगा। सेकेंड्री (मुंशी/मौलवी) में अरबी व फारसी के साथ-साथ दीनियात को शामिल करते हुए केवल एक पेपर होगा। इसके अलावा हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान के प्रश्नपत्र अलग-अलग होंगे।

योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा मदरसों में सुधार के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष डा. इफ्तिखार अहमद जावेद की अध्यक्षता में गुरुवार को महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें कई अहम निर्णय लिए गए। मदरसा बोर्ड में अब छह प्रश्नपत्रों की परीक्षा होगी। बेसिक शिक्षा परिषद की तर्ज पर कक्षा एक से आठ तक के पाठ्यक्रम में दीनियात के विषय के अतिरिक्त हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान के प्रश्नपत्र होंगे।

मदरसों में घटती छात्र संख्या पर भी बैठक में चिंता जताई गई। साथ ही तय किया गया कि जिन मदरसों में छात्र कम हैं और शिक्षक अधिक हैं वहां के शिक्षकों को दूसरे मदरसों में समायोजित किया जाएगा। बैठक में सदस्यों ने कहा कि बहुत से मदरसा शिक्षक ऐसे हैं जो अपने बेटे-बेटियों को कान्वेंट स्कूल में पढ़ाते हैं जबकि अन्य को मदरसा शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित करते हैं। मान्यता प्राप्त मदरसों के शिक्षकों व कर्मचारियों के पुत्र-पुत्रियां कहां पढ़ रहे इस बारे में मदरसा बोर्ड सर्वे कराएगा।

बोर्ड बैठक में तय हुआ कि मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत संचालित मदरसों की शैक्षिक गुणवत्ता का मूल्यांकन कराया जाएगा। स्थायी मान्यता प्राप्त मदरसों के लिए जो प्रस्ताव आए हैं वह विनियमावली 2016 के अनुरूप हो तो उन्हें स्वीकृत किया जाए अन्यथा वापस भेज दिया जाए। भूमि व भवन के ट्रांसफर संबंधी प्रस्ताव बोर्ड के रजिस्ट्रार निस्तारित करेंगे।

आगामी सत्र से मदरसों में छात्रों के पंजीकरण आनलाइन कराए जाने की व्यवस्था कराने व आधार आधारित उपस्थिति प्रणाली विकसित करने का निर्णय लिया गया है। शिक्षकों की समय से उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक मदरसे में बायोमैट्रिक उपस्थिति सिस्टम की स्थापना की जाएगी। बैठक में सदस्य कमर अली, तनवीर रिजवी, डा. इमरान अहमद, असद हुसैन के अलावा वित्त एवं लेखाधिकारी आशीष आनन्द व रजिस्ट्रार शेषनाथ पाण्डेय मुख्य रूप से उपस्थित थे।

14 मई से शुरू होंगी मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं : बोर्ड बैठक में तय हुआ कि मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं 14 मई से शुरू होकर 27 मई तक चलेंगी। रजिस्ट्रार शेषनाथ पाण्डेय परीक्षा समिति से विचार कर विस्तृत कार्यक्रम जारी करेंगे। बोर्ड की वार्षिक परीक्षाएं राज्य के अनुदानित मदरसों व आलिया स्तर के स्थायी मान्यता प्राप्त मदरसों में सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में होंगी।


टीईटी की तर्ज पर मदरसा शिक्षकों के लिए एमटीईटी : मदरसा बोर्ड ने मदरसा शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से योग्य शिक्षकों के चयन के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की तर्ज पर मदरसा शिक्षक पात्रता परीक्षा (एमटीईटी) लागू करने का निर्णय लिया गया। बोर्ड ने रजिस्ट्रार को इसका प्रस्ताव बनाकर शीघ्र शासन को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। यानी अब मदरसों में रिक्त पदों पर भर्तियां उन्हीं अभ्यर्थियों से की जाएंगी जो एमटीईटी परीक्षा पास होंगे। वर्तमान में करीब 550 मदरसा शिक्षकों के पद रिक्त हैं। एमटीईटी के लागू होने से भर्तियों में भाई-भतीजावाद के आरोप भी नहीं लगेंगे।


प्रदेश के मान्यता प्राप्त, अनुदानित व गैर अनुदानित मदरसों में नए शिक्षण सत्र से कक्षाएं शुरू होने से पहले विद्यार्थियों को राष्ट्रगान गाना होगा। इसे अन्य दुआओं के साथ अनिवार्य कर दिया गया है। इतना ही नहीं, मदरसों की शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए टीईटी की तर्ज पर शिक्षकों की भर्ती के लिए मदरसा शिक्षक पात्रता परीक्षा (एमटीईटी) भी शुरू किया जाएगा। ये निर्णय बृहस्पतिवार को मदरसा शिक्षा परिषद के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए। 

डॉ. जावेद ने बताया कि बोर्ड के रजिस्ट्रार जल्द ही शासन को एमटीईटी के बाबत प्रस्ताव भेजेंगे। उन्होंने बताया कि मदरसों में पढ़ाने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों के बच्चे किन संस्थानों से शिक्षा हासिल कर रहे हैं, इसका सर्वे कराने पर भी सहमति बनी है। बैठक में बोर्ड के सदस्य कमर अली, तनवीर रिजवी, डॉ. इमरान अहमद, असद हुसैन, अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय में लेखाधिकारी आशीष आनंद और बोर्ड के रजिस्ट्रार एसएन पांडेय मौजूद रहे।


मदरसों में शिक्षक और विद्यार्थी अनुपात की होगी जांच
डॉ. जावेद ने बताया कि मदरसों में विद्यार्थियों की घटती संख्या को देखते हुए अनुदानित मदरसों में शिक्षक और विद्यार्थी अनुपात की जांच कराने का निर्णय लिया गया है। छात्रों के अनुपात से ज्यादा शिक्षक होने पर शिक्षकों को समायोजित किया जाएगा। इसके अलावा मदरसों बायोमीट्रिक हाजिरी सिस्टम लागू करने का भी निर्णय लिया गया है।


14 से 27 मई के बीच होंगी मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं
परिषद के चेयरमैन ने बताया कि मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं 14 से 27 मई के बीच कराई जाएंगी। बेसिक शिक्षा परिषद की तर्ज पर कक्षा एक से आठ तक के पाठ्यक्रम दीनियात के विषयों के अलावा हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान विषय के प्रश्न पत्र परीक्षा में शामिल होंगे।


मदरसा बोर्ड: अरबी फारसी के साथ दीनियात भी शामिल

लखनऊ : मदरसा बोर्ड की सेकेंडरी (मुंशी-मौलवी) में अरबी-फारसी साहित्य के साथ दीनियात शामिल करते हुए एक विषय रखा जाएगा। बाकी हिन्दी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के प्रश्न पत्र अलग होंगे।

बैठक में तय किया गया कि मदरसों में घटती छात्र संख्या के चलते जिन अनुदानित मदरसों में छात्रों की संख्या से शिक्षक के पद अधिक सृजित हैं वहां के शिक्षक जिन मदरसों में शिक्षक कम हैं वहां समायोजित के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा। बैठक में मदरसा शिक्षकों के पुत्र-पुत्रियों के अंग्रेजी शिक्षा ग्रहण करने की जानकारी प्राप्त करने के लिए सर्वे कराने का निर्णय लिया गया।


मदरसा शिक्षक पात्रता परीक्षा एमटीईटी लागू होगी:

बैठक में यह भी तय किया गया कि मदरसों में छात्र पंजीकरण ऑनलाइन कराया जाएगा और आधार बेस्ड उपस्थिति प्रणाली विकसित करते हुए अगले सत्र से लागू की जाएगी। मदरसा शिक्षकों की ससमय उपस्थिति के लिए मदरसों में बायोमैट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू की जाएगी।

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