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Monday, March 28, 2022

UGC की सख्ती : उच्च संस्थानों में मनमाना कोर्स नहीं, अलग नामों और अलग अवधि से संचालित कोर्स होंगे अमान्य

UGC की सख्ती : उच्च संस्थानों में मनमाना कोर्स नहीं, अलग नामों और अलग अवधि से संचालित कोर्स होंगे अमान्य


अलग नामों और अलग अवधि से संचालित कोर्स होंगे अमान्य


किसी भी कोर्स को शुरू करने से पूर्व उसे अधिसूचित करता है यूजीसी


नई दिल्ली: स्नातक कक्षाओं के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने से पहले विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने उच्च शिक्षण संस्थानों को सख्त चेतावनी दी है। यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों से कहा है कि अपने डिग्री और कोर्सों की नए सिरे से समीक्षा करें और यह सुनिश्चित करें उनकी डिग्रियां और उनके नाम यूजीसी की अधिसूचना के मुताबिक ही हों। यदि ऐसा नहीं है तो वे तुरंत इसे ठीक करें अन्यथा ऐसी डिग्री और कोर्स अमान्य होंगे।


विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने यह चेतावनी इसलिए जारी की है, क्योंकि एक ही डिग्री या कोर्स को देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों व संस्थानों में अलग-अलग नामों से संचालित किया जा रहा है। इन कोर्सों की अवधि भी यूजीसी की ओर से निर्धारित अवधि से अलग रखी गई है। यूजीसी के मुताबिक किसी भी डिग्री या कोर्स को शुरू करने से पहले उसकी तरफ से उसे अधिसूचित किया जाता है। इस दौरान डिग्री या कोर्स का नाम, उसकी अवधि, उनमें प्रवेश पाने के लिए निर्धारित योग्यता आदि निर्धारित की जाती है।


यूजीसी ने संस्थानों के प्रमुखों को लिखा पत्र: यूजीसी ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों को इस संबंध में लिखे पत्र में कहा है कि वह अधिसूचित कोर्सों के नामों और अवधि का ध्यान रखें। सतर्क रहें। जहां भी गड़बड़ी है, उसे यूजीसी की अधिसूचना के मुताबिक तुरंत ठीक करें।


एमसीए का कोर्स अब भी कई जगह तीन साल का: यूजीसी के मुताबिक एमसीए (मास्टर आफ कंप्यूटर एप्लीकेशन) कोर्स की अवधि में पिछले दिनों ही बदलाव किया गया है। इसे अब तीन साल की जगह दो साल कर दिया गया है, लेकिन अब भी कुछ संस्थान इस अवधि को तीन साल ही रखे हुए हैं। इसी तरह फैशन टेक्नोलाजी से जुड़े अंडर ग्रेजुएट और पीजी कोर्सो के साथ मेडिकल से जुड़े कोर्सों को भी नए सिरे से अधिसूचित किया गया है, लेकिन कई संस्थानों में उन्हें अब भी पुराने स्वरूप में रखा गया है।


छात्रों को हो सकता है नुकसान

यूजीसी से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक अलग-अलग नामों और अवधि से संचालित होने वाले इन कोर्सों से छात्रों को नुकसान हो सकता है। इनके नामों में भिन्नता होने से नौकरी या फिर किसी दूसरे संस्थान में दाखिले के दौरान दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। यूजीसी ने विश्वविद्यालयों के लिए डिग्री व कोर्स को लेकर जारी की गई अधिसूचना का लिंक भी जारी किया।

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