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Saturday, January 20, 2024

केंद्र सरकार ने कोचिंग संस्थानों पर कसा शिकंजा, गाइडलाइन लागू होने के तीन महीने के भीतर कोचिंग सेंटरों को कराना होगा पंजीकरण

केंद्र सरकार ने कोचिंग संस्थानों पर कसा शिकंजा, गाइडलाइन लागू होने के तीन महीने के भीतर कोचिंग सेंटरों को कराना होगा पंजीकरण

कोचिंग सेंटरों को दाखिले के समय देना होगा प्रोस्पेक्ट्स, बीच में छोड़ने पर यथानुपात लौटानी होगी फीस


शिक्षा मंत्रालय ने कोचिंग संस्थानों के लिए नए दिशानिर्देशों की घोषणा की है। इनके अनुसार कोचिंग संस्थान 16 वर्ष से कम आयु के छात्रों का नामांकन नहीं कर सकते। इसके अलावा न ही वे अच्छी रैंक या अच्छे अंकों की गारंटी दे सकते हैं और न ही गुमराह करने वाले वादे कर सकते हैं। इन दिशानिर्देशों को कोचिंग संस्थानों का नियमन करने के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करने और निजी कोचिंग संस्थानों की अनियंत्रित वृद्धि का प्रबंधन करने के लिए बनाया गया है। 


छात्रों के आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं, आग लगने की घटनाओं, कोचिंग सेंटरों में सुविधाओं का अभाव और उनके पढ़ाने के तौर- तरीकों के बारे में शिकायतें मिलने के बाद सरकार ने इनकी घोषणा की है। दिशानिर्देशों के अनुसार, 'कोई भी कोचिंग सेंटर स्नातक से कम शिक्षा वाले ट्यूटर को नियुक्त नहीं करेगा। कोचिंग संस्थान छात्रों का नामांकन करने के लिए माता पिता को गुमराह करने वाले वादे या रैंक अथवा अच्छे अंकों की गारंटी नहीं दे सकते। छात्रों का नामांकन सिर्फ सेकेंडरी स्कूल एक्जामिनेशन के बाद होना चाहिए।' दिशानिर्देशों के मुताबिक कोचिंग संस्थान कोचिंग की गुणवत्ता या कोचिंग में प्रस्तावित सुविधाओं या हासिल किए गए परिणाम या कक्षाओं का हिस्सा रहे छात्रों के बारे में किसी भी दावे से जुड़ा गुमराह करने वाला विज्ञापन प्रकाशित नहीं कर सकते। 

कोचिंग सेंटर किसी भी ऐसे ट्यूटर या व्यक्ति की सेवाएं नहीं ले सकते, जिसे नैतिक रूप से भ्रष्टता के किसी अपराध में दोषी ठहराया गया हो। कोचिंग सेंटरों की वेबसाइट भी होगी जिन पर ट्यूटरों की शैक्षिक योग्यता, पाठ्यक्रमों, उन्हें पूरा किए जाने की अवधि, छात्रावास की सुविधाएं और लिए जा रहे शुल्क का ताजा विवरण होगा।


बीच में छोड़ने पर यथानुपात लौटानी होगी फीस

दिशानिर्देशों के मुताबिक विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए ट्यूशन फीस उचित होनी चाहिए: और उसकी रसीद भी उपलब्ध कराई जानी चाहिए। अगर छात्र ने पाठ्यक्रम की पूरी फीस का भुगतान कर दिया है और वह पाठ्यक्रम को बीच में छोड़ देता है तो उसे 10 दिनों के भीतर यथानुपात में फीस रिफंड की जाएगी। अगर छात्र कोचिंग सेंटर के छात्रावास में रह रहा था तो छात्रावास एवं भोजनालय की फीस भी यथानुपात में रिफड की जाएगी। 

किसी भी स्थिति में पाठ्यक्रम जारी रहने के दौरान उसकी उस फीस में बढ़ोतरी नहीं की जाएगी जिसके आधार पर छात्र का नामांकन किया गया है। केंद्र सरकार ने सुझाव दिया है कि अत्याधिक शुल्क वसूलने के लिए कोचिंग सेंटरों पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाना चाहिए या उनका पंजीकरण रद कर दिया जाना चाहिए। सरकार ने दिशानिर्देशों के प्रभावी होने के तीन महीनों के भीतर नए एवं पहले से मौजूद कोचिंग सेंटरों के पंजीकरण का प्रस्ताव किया है।


गाइडलाइन लागू होने के तीन महीने के भीतर कोचिंग सेंटरों को कराना होगा पंजीकरण

नई दिल्ली। शिक्षा मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार, सभी राज्य कोचिंग सेंटर के पंजीकरण के लिए सुविधाजनक ऑनलाइन व्यवस्था बनाएंगे। गाइडलाइन के लागू होने के तीन महीने के भीतर सभी कोचिंग सेंटरों को अपने राज्य में पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। कोचिंग सेंटर एक से अधिक शहरों या राज्यों में अपनी ब्रांच खोलते हैं तो उन्हें अलग से पंजीकरण कराना होगा। 

नियमों का पालन न करने पर संबंधित राज्य सरकार के पास पंजीकरण रद्द करने का अधिकार होगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के उपसचिव देवेंद्र कुमार शर्मा ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को कोचिंग केंद्र के पंजीकरण व विनियमन 2024 की नई गाइडलाइन भेजी हैं। इसमें गाइडलाइन के आधार पर राज्यों को कानून बनाकर लागू करने को कहा गया है।

 गाइडलाइन के अनुसार, कोचिंग संस्थानों में दाखिला अव 12वीं कक्षा के बाद ही मिल सकेगा। गाइडलाइन जारी होने के बाद कोचिंग संस्थानों को अनिवार्य रूप से तीन महीने के अंदर पंजीकरण करना होगा। छात्रों की आत्महत्या के बढ़ते मामले, आग की घटनाओं, कोचिंग में सुविधाओं की कमी एवं शिक्षण पद्धतियों के बारे में सरकार को मिली शिकायतों के बाद नए दिशानिर्देश किए गए हैं। कोई भी संस्थान तब तक पंजीकृत नहीं हो सकेगा जब तक कि उसके पास इन दिशानिर्देशों के अनुसार प्रणाली न हो। 


सेंटरों को दाखिले के समय देना होगा प्रोस्पेक्ट्स

अब यदि दाखिला लेने के बाद कोई छात्र कोचिंग सेंटर छोड़ता है तो उसकी फीस 10 दिनों के भीतर वापस करनी होगी। यदि कोई पूरी फीस का भुगतान कर चुका है और निर्धारित अवधि में पाठयक्रम छोड़ देता है तो कुछ फीस काटकर अन्य धनराशि वापस कर दी जाएगी। इसके अलावा छात्रावास, मेस की फीस आदि भी वापस करनी होगी। कोई भी कोचिंग सेंटर पाठ्यक्रम की अवधि के दौरान फीस नहीं बढ़ा सकेगा। दाखिले के समय प्रोस्पेक्ट्स तैयार करके देना होगा, उसमें फीस, क्लास का नाम, विषय, समय आदि के बारे में लिखित जानकारी देनी होगी। फीस की रसीद अब अभिभावकों को मिलेंगी।


भ्रामक वादों पर रोक

कोचिंग संस्थान के लिए तय गाइडलाइन के मुताबिक ग्रेजुएट से कम योग्यता वाले फैकल्टी नियुक्त नहीं होंगे। कोचिंग संस्थान अभिभावकों को भ्रामक वादे, अच्छे नंबर और रैंक की गारंटी नहीं दे सकते हैं। कोचिंग 16 साल से कम उम्र के स्टूडेंट्स का इनरोलमेंट नहीं कर सकते है। इनरोलमेंट केवल सेकेंड्री स्कूल की परीक्षा के बाद ही किया जाएगा। नैतिक अपराध के दोषी शिक्षकों को नियुक्त नहीं किया जाएगा।


बीच में नहीं बढ़ाई जा सकेगी फीस

किसी भी परिस्थिति में कोर्स के बीच में फीस बढ़ाई नहीं जाएगी। इन गाइडलाइंस की मदद से देश में कोचिंग संस्थानों के काम करने का क़ानूनी ढाँचा (लीगल फ्रेमवर्क) तय होगा। शिक्षा विभाग अब कोचिंग संस्थान के छात्रों के लिए विषयेतर गतिविधि (को- करिकुलम एक्टिविटीज), करियर गाइडेंस और साइकोलॉजिकल गाइडेंस देने के लिए कोचिंग संस्थानों का नियमन करेगा।


वेबसाइट पर देनी होगी जानकारी

कोचिंग सेंटरों को वेबसाइट पर छात्रों की संख्या, उम्र, फीस, शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता, बैठने की व्यवस्था, सुरक्षा, बिजली, निकास, कक्षाओं के समय की जानकारी देनी होगी। सप्ताह में एक दिन छुट्टी अनिवार्य होगी। छुट्टी के दिन मूल्यांकन या परीक्षा नहीं होगी। कोचिंग सेंटर में शिकायत पेटी लगानी होगी। इसे सरकारी अधिकारी ही खोलेगा।


मनोवैज्ञानिक नियुक्त करने होंगे

एक अधिकारी यह सुनिश्चित करेगा कि कोचिंग सेंटर में मनोवैज्ञानिक परामर्श की सुविधा हो। मनोवैज्ञानिक और काउंसलर के नाम और उनकी उपस्थिति के समय की जानकारी भी सभी छात्रों और अभिभावकों को देनी पड़ेगी। फैकल्टी भी छात्रों को गाइडेंस देने के लिए मेंटल हेल्थ के टॉपिक्स में प्रशिक्षण ले सकते हैं।


बच्चों के आराम के लिए सप्ताह में एक दिन करनी होगी छुट्टी

नई गाइडलाइन में बच्चे की पढ़ाई और आराम को भी ध्यान में रखा गया है। कोचिंग सेंटर को सप्ताह में एक दिन छात्र व शिक्षक को छुट्टी देनी जरूरी होगी। छुट्टी वाले दिन कोई मूल्यांकन या अन्य कोई परीक्षा नहीं होगी। कोचिंग सेंटर किसी परीक्षा का मूल्यांकन सार्वजनिक नहीं करेगा। अभिभावकों को पढ़ाई के तनाव पर सही जानकारी देनी होगी। त्योहारों के दिन भी अवकाश होगा। इसके अनुसार एक दिन में पांच घंटे से अधिक कोचिंग कक्षाएं नहीं होंगी।


लगानी होगी शिकायत पेटी

कोचिंग सेंटर में शिकायत पेटी लगानी होगी। इसे राज्य सरकार की ओर से तय अधिकारी ही खोलेगा। शिकायतों पर राज्य सरकारें प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई करेंगी। इसके ऊपर एक अपील अधिकारी भी नियुक्त किया जाएगा।

दंड

 पंजीकरण के किसी भी नियम और शर्तों या दिशानिर्देशों में निर्धारित सामान्य शर्तों के उल्लंघन के मामले में, कोचिंग सेंटर को निम्नानुसार दंड देना होगा:

 (i) पहले अपराध के लिए ₹25,000/-

 (ii) रु. दूसरे अपराध के लिए 1,00,000/- रु

 (iii) बाद के अपराध के लिए पंजीकरण रद्द करना

 “एक नियामक ढांचे के साथ, ये दिशानिर्देश छात्रों के हितों और मानसिक स्वास्थ्य की सुरक्षा की प्रतिबद्धता के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए एक मानक स्थापित करेंगे। पीकमाइंड के संस्थापक और सीईओ, नीरज कुमार ने कहा, संपूर्ण संस्थागत समुदाय, कैरियर मार्गदर्शन, मनोवैज्ञानिक परामर्श को कवर करते हुए एकीकृत कल्याण पर जोर केवल शैक्षणिक सफलता से अधिक मानसिक कल्याण को बढ़ावा देने की दिशा में बदलाव को दर्शाता है।


कोचिंग में 16 साल से कम उम्र के बच्चों का एडमिशन नहीं होगा, अच्छे नंबर या रैंक दिलाने की गारंटी जैसे भ्रामक वादे भी नहीं कर  सकेंगे, आदेश नहीं माने तो 1 लाख का जुर्माना, सरकारी गाइडलाइन जारी


नई दिल्ली: शिक्षा मंत्रालय द्वारा घोषित नए दिशानिर्देश के मुताबिक कोचिंग सेंटर 16 साल से कम उम्र के विद्यार्थियों को अपने यहां दाखिल नहीं कर सकेंगे और अच्छे नंबर या रैंक दिलाने की गारंटी जैसे भ्रामक वादे भी नहीं कर सकेंगे। कोचिंग संस्थानों को विनियमित करने के लिए दिशानिर्देश एक कानूनी ढांचे की आवश्यकता को पूरा करने और बेतरतीब तरीके से निजी कोचिंग संस्थानों की बढ़ोतरी को रोकने के लिए हैं। मंत्रालय ने यह दिशानिर्देश विद्यार्थियों की आत्महत्या के बढ़ते मामलों, आग की घटनाओं, कोचिंग संस्थानों में सुविधाओं की कमी के साथ-साथ उनके द्वारा अपनाई जाने वाली शिक्षण पद्धतियों के बारे में सरकार को मिली शिकायतों के बाद तैयार किए हैं।


दिशानिर्देश में कहा गया, कोई भी कोचिंग संस्थान स्नातक से कम योग्यता वाले शिक्षकों को नियुक्त नहीं करेगा। कोचिंग संस्थान विद्यार्थियों के नामांकन के लिए माता-पिता को भ्रामक वादे या रैंक या अच्छे अंक की गारंटी नहीं दे सकते। संस्थान 16 वर्ष से कम उम्र के छात्रों का नामांकन नहीं कर सकते। विद्यार्थियों का कोचिंग संस्थान में नामांकन माध्यमिक विद्यालय परीक्षा के बाद ही होना चाहिए।




गाइडलाइन के मुताबिक कोचिंग संस्थान कोचिंग की गुणवत्ता या उसमें दी जाने वाली सुविधाओं या ऐसे कोचिंग संस्थान या उनके संस्थान में पढ़े छात्र द्वारा प्राप्त परिणाम के बारे में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी दावे को लेकर कोई भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित नहीं कर सकते हैं या प्रकाशित नहीं करवा सकते हैं या प्रकाशन में भाग नहीं ले सकते हैं।


कोचिंग संस्थान किसी भी शिक्षक या ऐसे व्यक्ति की सेवाएं नहीं ले सकते, जो नैतिक कदाचार से जुड़े किसी भी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया हो। कोई भी संस्थान तब तक पंजीकृत नहीं होगा जब तक कि उसके पास इन दिशानिर्देशों की आवश्यकता के अनुसार परामर्श प्रणाली न हो।


दिशानिर्देश में कहा गया, कोचिंग संस्थानों की एक वेबसाइट होगी जिसमें पढ़ाने वाले शिक्षकों (ट्यूटर्स) की योग्यता, पाठ्यक्रम/पाठ्य सामग्री, पूरा होने की अवधि, छात्रावास सुविधाएं और लिए जाने वाले शुल्क का अद्यतन विवरण होगा। नए दिशानिर्देशों के अनुसार, विद्यार्थियों पर कड़ी प्रतिस्पर्धा और शैक्षणिक दबाव के कारण कोचिंग संस्थानों को उन्हें तनाव से बचाने के लिए कदम उठाने चाहिए और उन पर अनावश्यक दबाव डाले बिना कक्षाएं संचालित करनी चाहिए।


दिशानिर्देश में कहा गया, कोचिंग संस्थानों को संकट और तनावपूर्ण स्थितियों में छात्रों को निरंतर सहायता प्रदान करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप के लिए एक तंत्र स्थापित करना चाहिए। सक्षम प्राधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा सकता है कि कोचिंग संस्थान द्वारा एक परामर्श प्रणाली विकसित की जाए जो छात्रों और अभिभावकों के लिए आसानी से उपलब्ध हो।


दिशानिर्देश में विद्यार्थियों के मानसिक कल्याण को लेकर विस्तृत रूपरेखा पिछले साल कोटा में रिकॉर्ड संख्या में छात्रों की आत्महत्या करने की घटना के बाद आई है। दिशानिर्देश में कहा गया कि विभिन्न पाठ्यक्रमों का शुल्क पारदर्शी और तार्किक होना चाहिए और वसूले जाने वाले शुल्क की रसीद दी जानी चाहिए। इसमें साफ किया गया है कि अगर छात्र बीच में ही पाठ्यक्रम छोड़ता है तो उसकी बची हुई अवधि की फीस लौटाई जानी चाहिए।

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