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Tuesday, June 7, 2022

UPTET प्रमाणपत्र जारी करने पर रोक लगने से बीएड खेमें में बेचैनी, डीएलएड खेमा कर रहा मजबूत पैरवी

UPTET प्रमाणपत्र जारी करने पर रोक लगने से बीएड खेमें में बेचैनी, डीएलएड खेमा कर रहा मजबूत पैरवी


बीएड वालों के लिए UPTET 2021 का प्रमाणपत्र जारी करने पर हाईकोर्ट की रोक बरकरार रहने से बीएड खेमें में  खलवली मच गयी है. डीएलएड वाले अपना पक्ष मजबूती से रख रहे हैं. क्योंकि कुछ राज्यों ने बीएड को प्राइमरी से बाहर कर दिया है. अब देखना यह है कोर्ट में राज्य सरकार क्या पक्ष रखती है. 


जानिए क्या हुआ था विगत की सुनवाई में 

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी टेट पास करने वाले बीएड डिग्री धारकों को पात्रता प्रमाण पत्र जारी करने पर पहले से लगाई गई रोक बरकरार रखी है। कोर्ट ने मामले में स्थगन आदेश को बढ़ाते हुए एनसीटीई को 14 जुलाई तक जवाब दाखिल करने को कहा है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने प्रतीक मिश्रा व चार अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।


मंगलवार को सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि एनसीटीई जब तक नोटिफिकेशन जारी नहीं करेगी, वह कुछ नहीं कर सकती है। तो कोर्ट ने एनसीटीई को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले की सुनवाई अब जुलाई में होगी। याची पक्ष की ओर से अधिवक्ता तान्या पांडेय ने तर्क दिया कि मामले में यूपी सरकार और एनसीटीई दोनों बच रहे हैं। वे स्थिति को स्पष्ट नहीं कर रहे हैं।


याची पक्ष का तर्क था कि राजस्थान हाईकोर्ट ने एनसीटीई (नेशनल कौंसिल फॉर टीचर एजूकेशन) के 28 जून 2018 के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें बीएड डिग्री धारकों को भी प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाने के लिए पात्र माना गया है।


कहा गया कि जब नोटिफिकेशन ही रद्द कर दिया गया तो बीएड डिग्री धारक प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाने के पात्र ही नहीं रहे। लिहाजा टेट 2021 पास करने वाले बीएड डिग्री धारकों को पात्रता प्रमाण पत्र न जारी किए जाएं। कोर्ट ने तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए टेट 2021 में क्वालीफाई करने वाले बीएड डिग्री धारकों को पात्रता प्रमाण पत्र अगली सुनवाई तक न जारी करने का आदेश दिया था। साथ ही परीक्षा नियामक प्राधिकारी से भी जानकारी मांगी थी।

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