शिक्षण संस्थान 30 सितम्बर तक दें सीट, कोर्स व फीस का डाटा
लखनऊ : प्रदेश भर के शिक्षण संस्थान अब 30 सितम्बर तक छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति से जुड़े पाठ्यक्रमों के मास्टर डाटाबेस में शामिल हो सकते हैं। अभी तक अंतिम तारीख 31 अगस्त थी। इस डाटाबेस में शिक्षण संस्थानों को अपने यहां चलने वाले कोर्स, उसकी फीस व सीट समेत अन्य जानकारी देनी होती है। कोरोना संकट को देखते हुए सरकार ने समय सीमा को एक माह के लिए बढ़ाया है।
गलती सुधार के लिए रिसेट का विकल्प
मास्टर डाटाबेस में दर्ज की जाने वाली जानकारियों में अक्सर शिक्षण संस्थानों के स्तर पर गलतियां हो जाती है। इसका खामियाजा छात्रों को भी भुगतना पड़ जाता है। ऐसे में फीस, सीट या कोर्स आदि में गलती सुधार के लिए संस्थानों को निदेशालय तक कई चक्कर लगाने पड़ते थे। इसे देखते हुए सरकार ने इस बार मास्टर डाटाबेस में रिसेट का विकल्प दे दिया है। जिला समाज कल्याण अधिकारी डॉ अमरनाथ यति बताते हैं कि संस्थान अब मास्टर डाटा को डिजिटल लॉक करने के बाद भी स्वयं संशोधन कर सकते हैं। इसके लिए रिसेट का विकल्प दिया गया है, लेकिन यह विकल्प 30 सितम्बर तक ही काम करेगा।
लखनऊ : प्रदेश भर के शिक्षण संस्थान अब 30 सितम्बर तक छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति से जुड़े पाठ्यक्रमों के मास्टर डाटाबेस में शामिल हो सकते हैं। अभी तक अंतिम तारीख 31 अगस्त थी। इस डाटाबेस में शिक्षण संस्थानों को अपने यहां चलने वाले कोर्स, उसकी फीस व सीट समेत अन्य जानकारी देनी होती है। कोरोना संकट को देखते हुए सरकार ने समय सीमा को एक माह के लिए बढ़ाया है।
गलती सुधार के लिए रिसेट का विकल्प
मास्टर डाटाबेस में दर्ज की जाने वाली जानकारियों में अक्सर शिक्षण संस्थानों के स्तर पर गलतियां हो जाती है। इसका खामियाजा छात्रों को भी भुगतना पड़ जाता है। ऐसे में फीस, सीट या कोर्स आदि में गलती सुधार के लिए संस्थानों को निदेशालय तक कई चक्कर लगाने पड़ते थे। इसे देखते हुए सरकार ने इस बार मास्टर डाटाबेस में रिसेट का विकल्प दे दिया है। जिला समाज कल्याण अधिकारी डॉ अमरनाथ यति बताते हैं कि संस्थान अब मास्टर डाटा को डिजिटल लॉक करने के बाद भी स्वयं संशोधन कर सकते हैं। इसके लिए रिसेट का विकल्प दिया गया है, लेकिन यह विकल्प 30 सितम्बर तक ही काम करेगा।
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