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Wednesday, May 31, 2023

401 बीफार्मा संस्थानों की खंगाली जाएगी कुंडली, उत्तर प्रदेश शासन ने संस्थानों के भौतिक सत्यापन के दिए निर्देश

401 बीफार्मा संस्थानों की खंगाली जाएगी कुंडली, उत्तर प्रदेश शासन ने संस्थानों के भौतिक सत्यापन के दिए निर्देश




उत्तर प्रदेश शासन ने एकेटीयू से संबद्ध संस्थानों के भौतिक सत्यापन के निर्देश दिए हैं। इस दायरे में सत्र 2022-23 व उससे पहले शुरू हुए संस्थान जांच के दायरे में आएंगे।

उत्तर प्रदेश में बीफार्मा-डीफार्मा संस्थानों की संबद्धता को लेकर चल रही उठापटक खत्म नहीं हो रही है। शासन ने प्रदेश के 401 बीफार्मा संस्थानों का भौतिक सत्यापन कराने का निर्णय लिया है। यह जांच जिलाधिकारी के माध्यम से प्रशासनिक अधिकारियों से कराई जाएगी। इसके बाद इस पर आगे की कार्यवाही की जाएगी। इससे प्रदेश भर के फार्मा संस्थानों में हड़कंप मचा हुआ है।



शासन ने सत्र 2022-23 व उससे पहले स्थापित व डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) से संबद्ध बीफार्मा संस्थानों का भौतिक सत्यापन कराने के निर्देश दिए हैं। इन संस्थानों की शैक्षिण गुणवत्ता सुनिश्चित करने व संस्थानों के निर्धारित मानक के अनुरूप संचालन के लिए भौतिक निरीक्षण कराने का निर्णय लिया गया है। प्राविधिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव अन्नावि दिनेश कुमार ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को इसके लिए पत्र भेजा है।


उन्होंने कहा है कि शैक्षिक सत्र 2022-23 व उसके पहले स्थापित बीफार्मा संस्थानों का भौतिक सत्यापन कराया जाना है। उन्होंने इन 401 कॉलेजों का नाम, पता, मोबाइल नंबर के साथ सूची सभी डीएम को भेजी है। इन संस्थानों की शैक्षणिक गुणवत्ता समेत, एनओसी की पूरी जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है। विशेष सचिव ने कहा है कि शासन ने इन संस्थानों को प्रतिबंधों के साथ अनापत्ति (एनओसी) दी थी कि यदि संस्थानों के प्रपत्रों, स्थलीय जांच में पाए गए तथ्यों व अभिलेखों में समानता नहीं मिलती तो उन पर कठोर कार्यवाही की जाएगी।


ये होंगे एनओसी जांच के प्रमुख बिंदु
पाठ्यक्रम का नाम, पाठ्यक्रम के लिए सीट, आवेदक संस्था का नाम, आवेदक संस्था की संचालक सोसायटी/ट्रस्ट/संगठन का नाम, संचालक संस्था के पंजीकरण की स्थिति, भूमि से संबंधित विवरण व मालिकाना हक, भवन की उपलब्धता, भूकंप रोधी होने की स्थिति, बिल्डिंग प्लान, क्लास की संख्या, कैंपस की क्षमता, अग्निशमन यंत्र, संस्थान की आर्थिक स्थिति/क्षमता, संस्थान कैंपस व कक्षों में पूर्व से ही संचालित अन्य पाठ्यक्रम, संस्था तक यातायात की सुविधा, बाउंड्रीवाल की स्थिति, सीसीटीवी कैमरों की उपलब्धता, विद्युत, पेयजल, शौचालय, रैंप, छात्राओं व दिव्यांगजनों के लिए सुविधा, एनओसी पत्र का सत्यापन।


तीन सदस्यीय जांच समिति
संबंधित जिले का एसडीएम/तहसीलदार (जिलाधिकारी की ओर से नामित) समिति का अध्यक्ष होगा। वहीं प्राविधिक शिक्षा विभाग के प्रधानाचार्य पॉलीटेक्निक व डीआईओएस/ बीएसए (जिलाधिकारी की ओर से नामित) इसके सदस्य होंगे। जो निर्धारित प्रारूप पर जांचकर अपनी आख्या शासन को भेजेंगे।


पूर्व में दो सत्रों की कराई है जांच
शासन ने इससे पहले सत्र 2022-23 में बीफार्मा व डीफार्मा संस्थानों को दी गई संबद्धता व सत्र 2023-24 के लिए दी गई एनओसी की जांच कराई थी। यह जांच सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से कराई गई थी। जानकारी के अनुसार जांच में कमियां मिलने पर 400 से अधिक डीफार्मा संस्थानों की एनओसी निरस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं बीफार्मा संस्थानों को लेकर अभी तक कार्यवाही नहीं की गई है। ऐसे में माना जा रहा है कि इस जांच के बाद कार्यवाही की जाएगी।

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