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Saturday, October 4, 2025

माध्यमिक विद्यालयों के 62 हजार छात्रों का किया जाएगा कौशल विकास

माध्यमिक विद्यालयों के 62 हजार छात्रों का किया जाएगा कौशल विकास

कौशल विकास मिशन ने 500 से अधिक प्रशिक्षण प्रदाताओं को दिया लक्ष्य

कक्षा नौ से 12 के छात्रों को पढ़ाई के साथ दिया जाएगा कौशल प्रशिक्षण

लखनऊ। प्रदेश में माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ रहे कक्षा नौ से 12 के छात्रों का प्रोजेक्ट प्रवीण के तहत कौशल विकास किया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्रोजेक्ट प्रवीण के अंतर्गत पूरे प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कौशल प्रशिक्षण शुरू कराया जाएगा। कौशल विकास मिशन ने इसके लिए 500 से अधिक प्रशिक्षण प्रदाताओं को 62 हजार का लक्ष्य आवंटित किया है।

व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास व उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने निर्देश दिया है कि प्रशिक्षणप्रदाता नियमानुसार प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करें। जिला कार्यक्रम प्रबंधन ईकाई के अनुमोदन के बाद 20 अक्तूबर तक अनिवार्य रूप से प्रशिक्षण बैच शुरू करें। इस अवसर पर पंजीकृत प्रशिक्षणार्थियों को निःशुल्क पाठ्य सामग्री भी वितरित की जाएगी। वितरण जिला कार्यक्रम प्रबंधन ईकाई के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में होगी।

उन्होंने बताया कि इस योजना में युवाओं को कंप्यूटर व आईटी, फैशन डिजाइनिंग, मोटर वाहन, इलेक्ट्रानिक्स, ब्यूटीशियन, स्वास्थ्य सेवाएं आदि का तकनीकी कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण प्रदाताओं को पाठ्य सामग्री वितरण और बैच शुरू करने संबंधित फोटोग्राफ आदि की जानकारी जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई से सत्यापित कराकर मिशन पोर्टल पर अपलोड करनी होगी।




राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थी प्रोजेक्ट प्रवीण के तहत चुनेंगे अपनी पसंद का कोर्स 

 लखनऊ : माध्यमिक शिक्षा विभाग विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नई दिशा में कदम बढ़ा रहा है। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में प्रोजेक्ट प्रवीण के तहत अब विद्यार्थियों को उनकी रुचि के अनुसार कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे विद्यार्थी केवल किताबों तक सीमित न रहकर व्यावहारिक ज्ञान भी हासिल करेंगे और भविष्य में रोजगार के अवसर पा सकेंगे।

माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से हाल ही में 1138 विद्यालयों में सर्वे कराया गया। इस सर्वे में विद्यार्थियों ने अपनी रुचि स्पष्ट रूप से सामने रखी। सबसे अधिक झुकाव फूड टेक्नोलाजी, सूचना प्रौद्योगिकी (आइटी), ब्यूटी कल्चर और कृषि आधारित कोर्सों की ओर देखा गया। विद्यार्थियों के अनुसार ये कोर्स न केवल रोजगार के अवसर बढ़ाएंगे बल्कि स्वरोजगार की राह भी खोलेंगे। 

सर्वे के आधार पर चयनित 236 राजकीय विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र के दौरान 210 घंटे का विशेष कोर्स संचालित किया जाएगा। इससे विद्यार्थियों को शुरुआती स्तर पर ही व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त होगा। प्रदेश में प्रोजेक्ट अलंकार वर्ष 2022 से संचालित किया जा रहा है। अभी तक 480 विद्यालयों में प्रोजेक्ट अलंकार के अंतर्गत कौशल विकास का प्रशिक्षण चल रहा है। 

प्रोजेक्ट प्रवीण उसी दिशा को और व्यापक रूप देगा। कौशल विकास मिशन के अधिकारियों का कहना है कि योजना से युवाओं का आत्मविश्वास बढ़ेगा और रोजगार के क्षेत्र में नई संभावनाएं सामने आएंगी। ग्रामीण और शहरी, दोनों इलाकों के बच्चों को इसका लाभमिलेगा। लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में इस पहल को और अधिक विद्यालयों तक पहुंचाया जाए, ताकि हर विद्यार्थी रुचि अनुसार हुनर सीख सके और 'पढ़ाई के साथ कमाई' का सपना साकार कर सके।




अब छात्रों को व्यावसायिक दक्षता के साथ अंग्रेजी बोलना भी सिखाएंगे 

400 घंटे की जगह 210 घंटे का कौशल प्रशिक्षण

सॉफ्ट स्किल ट्रेनिंग व इंडस्ट्री विजिट भी अनिवार्य

लखनऊ। अब राजकीय माध्यमिक स्कूलों के छात्रों को 210 घंटे का कौशल प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। जिसमें 150 घंटे मुख्य ट्रेड में प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं 30 घंटे सॉफ्ट स्किल ट्रेनिंग और 30 घंटे इंडस्ट्री विजिट के होंगे। अब इन दोनों को ही कौशल प्रशिक्षण में अनिवार्य कर दिया गया है।

प्रोजेक्ट प्रवीण के तहत माध्यमिक स्कूलों में दिए जा रहे कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम में बदलाव किया गया है। अभी तक 400 घंटे का कौशल प्रशिक्षण एक वर्ष में पूरा करना होता था। अब 190 घंटे कम कर दिए गए हैं।

उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के मिशन निदेशक पुल्कित खरे की अध्यक्षता में गुरुवार को वर्चुअल बैठक में यह निर्णय लिया गया। जिसमें सेक्टर स्किल काउंसिल के सीईओ एवं उनके प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में तय हुआ कि वर्ष 2025-26 से ही विद्यार्थियों को अब 30 घंटे की सॉफ्ट स्किल ट्रेनिंग में इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स, टाइम मैनेजमेंट व बॉयोडाटा तैयार करना सिखाया जाएगा।

वहीं साल भर में 30 घंटे छात्रों को विभिन्न उद्योगों का भ्रमण अनिवार्य रूप से कराना होगा। उद्योग भ्रमण के दौरान सेल्फी लेकर भेजनी होगी। तभी ट्रेनिंग पार्टनर को प्रशिक्षण की धनराशि दी जाएगी। बैठक में यह भी तय किया गया कि अभी कक्षा नौ से कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों को प्रोजेक्ट प्रवीण के तहत एक वर्ष में 400 घंटे का कौशल प्रशिक्षण दिया जाता है। नियमित शिक्षा के साथ 400 घंटे के इस कौशल प्रशिक्षण को पूरा करना विद्यार्थियों के लिए आसान नहीं होता। परीक्षाएं, गर्मी व ठंड की छुट्टियों के अलावा अन्य अवकाश के चलते कौशल प्रशिक्षण के निर्धारित घंटे का प्रशिक्षण छात्र पूरा नहीं कर पाते। ऐसे में विद्यार्थियों को अगले वर्ष 400 घंटे के प्रशिक्षण कार्यक्रम के साथ बीते वर्ष के बकाया घंटे का प्रशिक्षण भी पूरा करना होता है।

अब एक हजार स्कूलों में चलेगा प्रोजेक्ट

अभी 500 राजकीय माध्यमिक स्कूलों में प्रोजेक्ट प्रवीण चलाया जा रहा है। अब विद्यालयों की संख्या में बढ़ोत्तरी की जाएगी और यह बढ़कर एक हजार होगी। जिससे अधिक से अधिक विद्यार्थी इस कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम का लाभ उठा सकें। आगे ज्यादा से ज्यादा माध्यमिक स्कूलों में रोजगारोन्मुखी शिक्षा व व्यावहारिक अनुभव दिलाने पर जोर होगा।




हाईस्कूल और इंटर के छात्र सीखेंगे सॉफ्ट और कोर स्किल, कौशल विकास मिशन छात्रों को देगा 210 घंटे का प्रशिक्षण

लखनऊ। प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा नौ से 12वीं तक के छात्रों को प्रोजेक्ट प्रवीण के तहत कोर स्किल, सॉफ्ट स्किल का प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही उद्योगों का भ्रमण भी कराया जाएगा। कौशल विकास मिशन निदेशक पुलकित खरे ने बृहस्पतिवार को वर्चुअल बैठक कर इसके लिए दिशा-निर्देश दिए। 


मिशन निदेशक ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप छात्रों को 210 घंटे का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें 150 घंटे कोर स्किल, 30 घंटे सॉफ्ट स्किल और 30 घंटे उद्योगों का भ्रमण शामिल होगा। सॉफ्ट स्किल का विकास और उद्योगों का भ्रमण कराया जाना अनिवार्य है। 

उन्होंने सेक्टर स्किल काउंसिल से अपेक्षा की कि वे इन कोर्सों को जल्द डिजाइन कर एनसीवीईटी से अनुमोदन कराके मिशन को उपलब्ध कराएं। मिशन निदेशक ने बताया कि पहली बार प्रोजेक्ट प्रवीण के तहत छात्र-छात्राओं को निशुल्क कौशल प्रशिक्षण के साथ-साथ उद्योगों के भ्रमण का अवसर मिलेगा। इससे छात्र-छात्राओं में रोजगारोन्मुखी शिक्षा और व्यावहारिक अनुभव का विकास होगा। 

यह प्रशिक्षण छात्रों की रुचि व जिलाधिकारी द्वारा सुझाए गए सेक्टर और कोर्स के अनुरूप होगा। बैठक में उपस्थित सेक्टर स्किल काउंसिल के सीईओ व प्रतिनिधियों ने आश्वासन दिया कि वे निर्धारित समय में कोर्स तैयार कर विभाग को उपलब्ध कराएंगे।

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