परिषदीय विद्यालयों के 'लापता' बच्चे ड्रॉपबॉक्स में, बच्चों की तलाश में गुरु जी हलाकान, ड्राप बाक्स में सब से अधिक आठ पास विद्यार्थी
परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति को लेकर बड़ी समस्या सामने आई है। विभागीय जांच में पाया गया कि विभिन्न स्कूलों के ड्राप बाक्स में लाखों बच्चे हैं। ड्राप बाक्स का अर्थ है कि आनलाइन सिस्टम के जरिए छात्र रिकार्ड प्रबंधन। विशेष रूप से विद्यालय छोड़ने वाले बच्चों को ट्रैक करने के लिए यू डावस प्लस पोर्टल जैसे सिस्टम में इसका उपयोग होता है। लापता बच्चों का कोई विवरण यू डायस पोर्टल पर अभी तक नहीं है। बेसिक शिक्षकों पर इन बच्चों की तलाश का दबाव है और इस दबाव के चक्कर में स्कूलों की पढ़ाई चौपट है।
विभागीय रिपोर्ट के अनुसार, लापता बच्चों की संख्या बढ़ने के कई कारण हैं, पहला पारिवारिक स्थिति ठीक न होने की वजह से बहुत से बच्चों ने पढ़ाई छोड़ दी है। दूसरा कुछ बच्चे दूसरे स्कूलों में चले गए लेकिन उनके दूसरे विद्यालय में जाने संबंधी विवरण नहीं दर्ज किया गया। तीसरी वजह निजी स्कूलों में प्रवेश के बाद भी बच्चों का नाम सरकारी अभिलेखों से नहीं हटाया गया। इसके अतिरिक्त निर्देशों के बावजूद स्कूलों द्वारा बच्चों के नाम अपडेट या हटाने का कार्य समय से नहीं किया गया।
ड्राप बाक्स में कक्षावार बच्चों की संख्या देखें तो सबसे अधिक आठवीं कक्षा में विद्यार्थी है। खास यह कि काफी विद्यार्थी अब भी पुरानी कक्षा में है। उनको यू डायस पर कक्षोन्नति नहीं किया गया है।
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