परीक्षा ही नहीं हो रही तो टीईटी कैसे दें? 8वीं तक शिक्षक बनने के लिए TET अनिवार्य लेकिन यूपी में तीन साल से परीक्षा ही नहीं हुई
शिक्षा सेवा चयन आयोग को करवानी है परीक्षा , अभी तक तारीख तय नहीं
लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि कक्षा आठ तक पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों को TET पास होना अनिवार्य है। अब शिक्षक परेशान है। वे नौकरी कर रहे है लेकिन TET नहीं किया। सबसे बड़ी समस्या यह है कि दो साल के अंदर उनको TET करना जरूरी है। प्रदेश का हाल ये है कि यहां पर तीन साल से TET की परीक्षा ही नहीं हुई। फिलहाल, जल्दी परीक्षा होने की कोई उम्मीद भी नहीं है? लाखों शिक्षकों को नौकरी जाने का डर सता रहा है।
ऐसे अनिवार्य हुआ TET
कक्षा एक से आठ तक पढ़ाने के लिए हर शिक्षक को बीएड/बीटीसी के साथ ही TET करना अनिवार्य है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत TET को अनिवार्य किया गया था यह अधिनियम 2011 में लागू किया गया था। उससे पहले जो शिक्षक पढ़ा रहे है, उनके लिए उस समय TET अनिवार्य नहीं थी। उनमें से कुछ का प्रमोशन भी हो गया और वे जूनियर हाईस्कूलों में कक्षा छह से आठ तक के छात्रों को पढ़ा रहे है। उनके लिए भी जूनियर TET से करना होता है।
अभी जो राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) की गाइडलाइन के अनुसार सभी शिक्षकों को TET करना जरूरी है। इस मामले को लेकर शिक्षक कोर्ट गए। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। शिक्षकों का तर्क था कि जब उनकी नौकरी लगी थी, उस समय TET की अनिवार्यता नहीं थी। उसे बाद में उन पर कैसे थोपा जा सकता है?
सुप्रीम कोर्ट ने एक सितंबर को आदेश दिया कि NCTE की गाइडलाइन का पालन करना जरूरी है। सभी को TET करनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने इसमें से सिर्फ उन शिक्षकों को छूट दी है, जिनको रिटायर होने में पांच साल से कम वक्त बचा है। वाकी सभी शिक्षकों को दो साल के भीतर TET करना जरूरी होगा।
'आदेश ही अव्यावहारिक'
शिक्षकों का कहना है कि पहली बात तो TET का आदेश ही अव्यावहारिक है। दूसरी बात यह कि जो शिक्षक या शिक्षक बनने के इच्छुक अन्य बेरोजगार युवा TET करना चाहते हैं तो उसके लिए तो सरकार को व्यवस्था करनी होगी। प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक असोसिएशन के अध्यक्ष विनय कुमार सिंह कहते हैं कि सरकार को TET परीक्षा करवाकर उन्हें मौका देना चाहिए। नियमानुसार साल में दो बार TET परीक्षा होनी चाहिए।
प्रदेश का हाल ये है कि यहां आखिरी बार 2021 में TET के लिए आवेदन मांगे गए थे। उसमें भी पेपर लीक हो गया था। वह परीक्षा आखिरी बार 2022 में हुई थी। तब से अब तक TET नहीं हुई। ऐसे में टीचरों की उम्मीद TET' पर टिकी है।
आयोग नहीं करवा सका परीक्षा
पहले TET करवाने का जिम्मा परीक्षा नियामक प्राधिकारी का होता था। अब सरकार ने शिक्षा सेवा चयन आयोग गठित कर दिया है। अब इस आयोग को ही परीक्षा करवानी है। यह आयोग 2023 में गठित भी हो गया लेकिन तब से अभी तक एक भी परीक्षा नहीं कर पाया है। प्रफेसर कीर्ति पांडेय एक सितंबर 2024 को आयोग की अध्यक्ष बनाई गई थी। वह भी 26 सितंबर को हट गई। अब आयोग कार्यवाहक अध्यक्ष के सहारे चल रहा है और अभी तक कोई परीक्षा नहीं करा सका है।
कैसे आया नौकरी पर संकट ?
बेसिक शिक्षा परिषद में ही ऐसे करीब डेढ़ लाख शिक्षक है, जिन्होंने अभी तक TET नहीं किया है। वे ज्यादातर 2011 के पहली के भर्ती है। कई तो ऐसे है जब शैक्षिक अर्हता इंटर और BTC होती थी। वे TET कैसे करे? वही कई मृतक आश्रित है, जिन्होंने TET नहीं किया है। अब जो करना भी चाहते हैं, वे कहां से TET करें? तीन साल से यूपी में कोई TET परीक्षा नहीं हुई। जल्दी परीक्षा नहीं करवाई जाती तो उनके हाथ से मौके निकलते जाएंगे और नौकरी संकट ने आ जाएगी। बेसिक शिक्षा परिषद के अलावा अन्य एडेड और प्राइवेट स्कूलों में भी इन कक्षाओं को पढ़ाने के लिए TET अनिवार्य है। वे भी इंतजार कर रहे है। लाखों की संख्या में युवा TET के इंतजार में है।
शिक्षा सेवा चयन आयोग एक स्वायत्त संस्था है। उसको ही परीक्षा करवानी है। फिर भी हम बात करेंगे कि जल्द से जल्द TET का आयोजन किया जाए, ताकि युवाओं को अधिक से अधिक अवसर मिल सकें। - योगेद्र उपाध्याय, उच्च शिक्षा मंत्री
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