DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बाँदा बांदा बागपत बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर लख़नऊ वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Monday, October 6, 2025

अल्पसंख्यक स्कूलों को टीईटी से छूट देने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप अर्जी दाखिल कर पक्ष रखने की मांगी गई इजाजत

अल्पसंख्यक स्कूलों को टीईटी से छूट देने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप अर्जी दाखिल कर पक्ष रखने की मांगी गई इजाजत



नई दिल्लीः अल्पसंख्यक स्कूलों को आरटीई (शिक्षा का अधिकार कानून) के दायरे से बाहर रखना और वहां के शिक्षकों को टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) से छूट देना बच्चों के योग्य शिक्षकों से शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन है। ये बात अल्पसंख्यक स्कूलों के शिक्षकों को टीईटी की अनिवार्य योग्यता से बाहर रखने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक हस्तक्षेप अर्जी में क्ही गई है। अर्जीकर्ता खेम सिंह भाटी ने इस मामले में पक्ष रखने की इजाजत मांगते हुए कहा कि टीईटी शिक्षा के अधिकार का अहम हिस्सा है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बच्चों को योग्य शिक्षक पढ़ाएं और उन्हें अच्छी शिक्षा प्राप्त हो। इसीलिए अल्पसंख्यक स्कूलों को टीईटी की अनिवार्यता से छूट देना बच्चों के साथ अन्याय है।


सुप्रीम कोर्ट ने कक्षा एक से आठ तक पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्य करने के गत एक सितंबर के फैसले में अल्पसंख्यक स्कूलों को फिलहाल इससे छूट देते हुए उनका मामला विचार के लिए बड़ी पीठ को भेज दिया था। 


दो न्यायाधीशों की पीठ ने अल्पसंख्यक स्कूलों को आरटीई के दायरे से बाहर बताने वाले पांच न्यायाधीशों के प्रमति एजूकेशनल एंड कल्चरल ट्रस्ट मामले में पूर्व में दिए फैसले पर सवाल उठाते हुए मामला बड़ी पीठ को भेजा था। तमिलनाडु सहित कई राज्यों के मामले लंबित हैं। इसमें प्रधान न्यायाधीश को सुनवाई के लिए उचित पीठ गठित करनी है। इसी मामले में भाटी ने हस्तक्षेप अर्जी दाखिल की है। 


र्जी में कहा गया है कि अल्पसंख्यक स्कूलों को आरटीई के दायरे से बाहर रखने के प्रमति जजमेंट में कानून की सही व्यवस्था नहीं दी गई है। प्रमति जजमेंट में अल्पसंख्यक स्कूलों को इसके दायरे से बाहर करने से ये उद्देश्य कमजोर होता है, क्योंकि इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का योग्य शिक्षकों से शिक्षा पाने का अधिकार बाधित होता है।

No comments:
Write comments