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Thursday, June 1, 2023

नाम बदलने के मामले में सुप्रीम कोर्ट जाएगा यूपी बोर्ड, तीन साल बाद नाम और जन्मतिथि बदलने का नहीं है बोर्ड एक्ट में कोई प्रावधान

नाम बदलने के मामले में सुप्रीम कोर्ट जाएगा यूपी बोर्ड,  तीन साल बाद नाम और जन्मतिथि बदलने का नहीं है बोर्ड एक्ट में कोई प्रावधान

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प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट की तरफ से एक व्यक्ति का नाम बदलकर हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का नया सर्टिफिकेट जारी करने के आदेश के खिलाफ यूपी बोर्ड सुप्रीम कोर्ट जाएगा। इसके लिए बोर्ड के अधिकारी अधिवक्ताओं से कानूनी सलाह ले रहे हैं। बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि बोर्ड के एक्ट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे में बोर्ड आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेगा।

यूपी बोर्ड के एक्ट में दर्ज प्रावधान के मुताबिक बोर्ड परीक्षा का परिणाम जारी होने के तीन साल के अंदर किसी भी परीक्षार्थी का नाम और जन्मतिथि परिवर्तित की जा सकती है।

इसके लिए जरूरी है कि परीक्षार्थी सही और आवश्यक कागजात के साथ बोर्ड में नाम या जन्मतिथि बदलने के लिए आवेदन करें। बोर्ड दस्तावेजों की जांच करने के बाद परिवर्तन करता है। इसके लिए पिछली कक्षा की टीसी समेत कागजात आवेदन के साथ जमा करने पड़ते हैं।

हाईकोर्ट के आदेश को लेकर बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि बोर्ड के एक्ट में इस प्रकार का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे में बोर्ड हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगा। एक्ट इसलिए बनाया गया है कि कोई भी इसका दुरुपयोग नहीं कर सके।





नाम चुनना नागरिक का मूल अधिकार, बदलाव की अनुमति न देना मनमानी, हाईकोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा परिषद के आदेश को रद्द करते हुए परिवर्तित नाम से प्रमाण पत्र जारी करने का आदेश दिया

प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि धर्म या जाति के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को अपना नाम चुनने या बदलने का मौलिक अधिकार है। यह अधिकार संविधान के अनुच्छेद 19(1) ए, अनुच्छेद 21 व अनुच्छेद 14 के अंतर्गत सभी नागरिकों को प्राप्त है। इसे प्रतिबंधित करने का नियम मनमाना और संविधान के विपरीत है।


 कोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव के आदेश को रद्द करते हुए. परिवर्तित नाम से हाई स्कूल व इंटर के प्रमाण पत्र जारी करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने भारत सरकार के गृह सूचिव व प्रदेश के मुख्य सचिव को भी लीगल फ्रेम वर्क तैयार करने का आदेश दिया है। 


न्यायमूर्ति अजय भनोट ने एमडी समीर राव की याचिका को स्वीकार करते हुए इंटरमीडिएट रेग्यूलेशन 40 को अनुच्छेद-25 के विपरीत करार दिया है। यह नाम बदलने की समय सीमा व शर्तें थोपती है। कोर्ट ने सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद के 24 दिसंबर 2020 को जारी आदेश को रद्द कर दिया है। 

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