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Thursday, October 12, 2023

नवरात्रि से आंगनबाडी केंद्रों के बच्चों को मिलेगा गर्म खाना और मौसमी फल

नवरात्रि से आंगनबाडी केंद्रों के बच्चों को मिलेगा गर्म खाना और मौसमी फल 


लखनऊ : आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों को अब दोपहर में गर्मागर्म खाना भी मिलेगा। पिछले सात वर्षों से बंद चल रही इस योजना को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोबारा शुरू करने का निर्णय लिया है। मंगलवार को कैबिनेट ने इस योजना को हरी झंडी दे दी है। कैबिनेट बैठक के बाद शाम को मुख्यमंत्री ने विभाग की समीक्षा कर हाट एंड कुक्ड फूड शारदीय नवरात्र से शुरू करने के निर्देश दिए हैं।


इस योजना में केंद्र सरकार व राज्य सरकार की 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी निर्धारित है। बच्चों को अनुपूरक पोषाहार के लिए आठ रुपये प्रतिदिन का बजट है। इस धनराशि में से 13.50 रुपये प्रति लाभार्थी सुबह के नाश्ते व शेष 4.50 रुपये हाट कुक्ड मील योजना में खर्च होंगे। कैबिनेट ने को लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों तथा नान को लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए अलग-अलग व्यवस्था बनाई है। को-लोकेटेड आंगनबाड़ी, ऐसे केंद्र हैं, जो ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित प्राथमिक/ उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रांगण में या फिर उनसे 200 मीटर की दूरी पर हैं।


मौसमी फल भी बच्चों को मिलेंगे : मुख्यमंत्री ने बच्चों को मौसमी फल देने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने शहरी क्षेत्रों में किराये पर चल रहे 12,800 आंगनबाड़ी केंद्रों को अपने भवन में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए। कहा कि मोहल्लावार पार्क के एक कोने में आंगनबाड़ी केंद्र बनाए जाएं। इन भवनों को निजी कंपनियों  के सीएसआर फंड, नगर विकास के शासन से भी धनराशि स्वीकृत की शत-प्रतिशत लाभ पहुंचाने के लिए लाभ सही लाभार्थी तक पहुंचे इसके साथ अन्य संभ्रांत लोगों की सहायता जाए। मुख्यमंत्री ने आंगनबाड़ी केंद्रों पुष्टाहार उत्पादन इकाइयों में बढ़ोतरी लिए टेक होम राशन के पैकेट में से बनाया जाए। जरूरत पड़ने पर के लाभार्थियों को टेक होम राशन का के निर्देश भी दिए हैं। पुष्टाहार का क्यूआर कोड की व्यवस्था की जाए।


आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को अब मिलेगा गर्म पका पकाया भोजन, कैबिनेट की मिली मंजूरी

लखनऊ । प्रदेश सरकार बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के परिसर में स्थित आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आने वाले तीन साल से छह साल की उम्र तक के बच्चों को गर्म पका हुआ भोजन उपलब्ध करवाएगी।

मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस बारे में लाये गये प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी।

बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा इन बच्चों को पहले गर्म पका हुआ भोजन दिया जाता था मगर पिछले कुछ वर्षों से यह सिलसिला कई कारणों से ठप हो गया था।

कैबिनेट से हुए निर्णय के अनुसार अब इन बच्चों को जो गर्म पका हुआ भोजन दिया जाएगा उसका मेन्यू मिड डे मील योजना की ही तरह रहेगा। प्रस्तावित योजना के तहत इस पर आने वाले खर्च का पचास प्रतिशत राज्यांश और पचास प्रतिशत केन्द्रांश रहेगा।

योजना की मानीटरिंग राज्य व जिले के स्तर पर गठित टास्क फोर्स द्वारा की जाएगी। प्रदेश सरकार का दावा है कि इस योजना से राज्य के आंगनबाड़ी केन्द्रों पर तीन से छह साल तक की उम्र के बच्चों के पोषण के स्तर में सुधार आएगा।



सात साल बाद फिर आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को मिलेगा गरम भोजन

बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग ने तैयार किया है प्रस्ताव


लखनऊ। सपा सरकार में बंद हो चुकी गरम भोजन योजना (हॉट कुक्ड मील) को योगी सरकार सात साल बाद फिर शुरू करने की तैयारी कर रही है। यानि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आने वाले 3 से 6 साल की उम्र तक के बच्चों को गरम भोजन खिलाया जाएगा। 


अखिलेश सरकार ने इस योजना को 2016 में बंद कर दिया था । अब प्रदेश सरकार इस योजना को फिर से शुरू करने के लिए बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया गया है। जिसे जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी दिलाई जाएगी। सरकार के इस फैसले से एक करोड़ से अधिक लभार्थी बच्चों को लाभ मिलेगा।


खाद्य सुरक्षा कानून के प्रावधान के ताबिक साल में कम से कम 300 दिन लाभार्थियों को गरम भोजन बांटना अनिवार्य है। लेकिन यूपी में यह योजना करीब सात साल से बंद हैं। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने योजना को बंद किए जाने पर नाराजगी जताई थी और इसे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून का उल्लंघन माना था। 


इसी कड़ी में केन्द्र सरकार ने प्रदेश सरकार को इस संबंध में पत्र लिखा था। जिसमें कहा गया था कि यूपी ही देश का एक मात्र राज्य है जहां लाभार्थियों को गर्म भोजन पोषाहार से वंचित रखा गया है। इसपर मुख्यमंत्री कार्यालय ने बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग से इस संबंध में जवाब मांगा था।


 इसी कड़ी में अब विभाग ने इस योजना को शुरू करने का प्रस्ताव तैयार किया है। जिसे कैबिनेट से मंजूरी दिलाने के लिए गोपन विभाग को भेज दिया गया है। विभाग के उच्चपदस्थ सूत्र के मुताबिक जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी लेकर इस योजना को चालू किया जाएगा।


व्यवस्था बदली, पर नहीं चल पाई योजना

दिसंबर 2018 में योजना के क्रियान्वयन की व्यवस्था में बदलाव करते हुए योजना को प्राथमिक विद्यालयों में संचालित मध्यान्ह भोजन योजना (मीड डे  मील) के साथ संबद्ध करके गरम भोजना वितरण करने का फैसला किया गया था। प्राथमिक विद्यालयों में बने कीचन, गैस और वर्तन का उपयोग गरम भोजन योजना के लिए भी किया जाना था। इसके बदले बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा प्रति बच्चे 50 पैसे की दर से किराये का भुगतान बेसिक शिक्षा विभाग को किया जाना था। लेकिन योजना का क्रियान्वयन नहीं हो पाया।

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