DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Monday, October 23, 2023

100 करोड़ से बदलेगी प्रदेश के संस्कृत स्कूलों की सूरत, प्रोजेक्ट अलंकार के जरिये 50 साल पुराने स्कूलों का होगा कायाकल्प

100 करोड़ से बदलेगी प्रदेश के संस्कृत स्कूलों की सूरत, प्रोजेक्ट अलंकार के जरिये 50 साल पुराने स्कूलों का होगा कायाकल्प


प्रयागराज। सरकार की तरफ से प्रोजेक्ट अलंकार के जरिये सूबे के संस्कृत स्कूलों का कायाकल्प करने की तैयारी शुरू हो गई है। सरकार की तरफ से शुरू की गई योजना में 50 साल पुराने स्कूलों का कायाकल्प किया जाना है। वहीं, स्कूलों के कायाकल्प में होने वाले खर्च का पांच प्रतिशत स्कूल प्रबंधन को देना होगा। शेष राशि सरकार की तरफ से खर्च की जाएगी। सरकार की तरफ से इसके लिए 100 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। पूर्व नियम के अनुसार 50 प्रतिशत राशि स्कूल प्रबंधन द्वारा खर्च किए जाने की व्यवस्था थी।


माध्यमिक शिक्षा विभाग की तरफ से नियमों में बदलाव के बाद संस्कृत स्कूलों के प्रबंधन ने भी खुशी जाहिर की है। इसका असर है कि अब तक S 22 करोड़ का प्रस्ताव निदेशालय को प्राप्त हो चुका है। बस्ती, मुजफ्फरनगर, सोनभद्र अम्बेडकरनगर, गोंडा, गोरखपुर, बलरामपुर और महाराजगंज से मिले 22 करोड़ के प्रस्ताव को निदेशालय की तरफ से जल्द ही मंजूरी के लिए शासन को भेजा जाएगा।


सूबे में कक्षा छह से 12 तक के 958 संस्कृत विद्यालयों में उन विद्यालयों को प्राथमिकता दी जाएगी, जहां पर 100 से अधिक विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। शासन की तरफ से आवंटित बजट में 50 प्रतिशत खर्च स्कूलों के सौंदर्यीकरण पर होगा। सौदामिनी संस्कृत महाविद्यालय के प्रबंधक प्रो. एमसी चटोपाध्याय ने बताया कि पूर्व में 50 प्रतिशत मैचिंग ग्रांट नियम होने के कारण प्रस्ताव नहीं भेजा गया था। प्रबंधन के पास इतना बजट नहीं था। नियमों में बदलाव के बाद विद्यालय की मरम्मत के लिए प्रस्ताव तैयार कराया गया है। 



बदले नियम से संवरेंगे संस्कृत विद्यालय सुंदरीकरण पर 50 प्रतिशत खर्च करने को नहीं थे तैयार


प्रयागराज : प्रोजेक्ट अलंकार के नियम बदलने के बाद प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक संस्कृत विद्यालयों की सूरत बदलने जा रही है। 50 साल से अधिक पुराने संस्कृत विद्यालयों के लिए पहले सरकार ने जीर्णोद्धार पर आने वाले खर्च की 50 प्रतिशत राशि प्रबंधन द्वारा वहन करने की शर्त रखी थी। इसके चलते प्रबंधकों ने प्रोजेक्ट से अपने हाथ पीछे खींच लिए थे और पिछले साल 28 करोड़ रुपये की राशि लैप्स हो गई थी।


इसके बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने शर्तों में बदलाव करते हुए जीर्णोद्धार पर आने वाले खर्च का मात्र पांच प्रतिशत प्रबंध समिति से लेने का प्रावधान कर दिया। इसी के साथ जीर्णोद्धार के लिए 100 करोड़ का बजट आवंटित कर दिया गया। यह बदले नियम को संस्कृत विद्यालयों के प्रबंधकों ने हाथों-हाथ लिया है और अब तक 22 करोड़ रुपये के प्रस्ताव शिक्षा निदेशालय को प्राप्त हो चुके हैं। 


बस्ती, मुजफ्फरनगर, सोनभद्र, अम्बेडकरनगर, गोंडा, गोरखपुर, बलरामपुर और महराजगंज से मिले 22 करोड़ के प्रस्ताव शासन को मंजूरी के लिए भेजे जा रहे हैं। प्रदेश में कक्षा 6 से 12 तक के 958 संस्कृत विद्यालयों में से उन स्कूलों को प्राथमिकता देने की बात कही गई है जहां 100 से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं।


पहले 50 प्रतिशत मैचिंग ग्रांट का नियम होने के कारण हमने जीर्णोद्धार का प्रस्ताव नहीं भेजा था। क्योंकि प्रबंधन के पास रुपये नहीं थे। अब बदले नियम पर विद्यालय की मरम्मत के लिए अनुरोध किया है। प्रो. एमसी चटोपाध्याय, प्रबंधक सौदामिनी संस्कृत महाविद्यालय

No comments:
Write comments