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Sunday, October 22, 2023

पीएम-श्री स्कूलों से जुड़े शिक्षकों व प्रधानाचार्यों के तबादलों से बचें, शिक्षा मंत्रालय ने पीएम-श्री स्कीम अपनाने वाले राज्यों को दिए निर्देश

पीएम-श्री स्कूलों से जुड़े शिक्षकों व प्रधानाचार्यों के तबादलों से बचें

शिक्षा मंत्रालय ने पीएम-श्री स्कीम अपनाने वाले राज्यों को दिए निर्देश

स्कीम के तहत प्रत्येक ब्लाक के एक सरकारी स्कूल किया जाना है अपग्रेड


नई दिल्ली : देशभर में पीएम श्री ( पीएम स्कूल फार राइजिंग इंडिया) के तहत चयनित सरकारी स्कूलों के अपग्रेडेशन का काम जब तेजी से चल रहा है, ऐसे समय में केंद्र सरकार ने इन स्कूलों से जुड़े शिक्षकों और प्रधानाचार्यों के तबादलों को लेकर राज्यों को सख्त हिदायत दी है। साथ ही कहा है कि ऐसे तबादलों से बचें। बहुत अनिवार्य होने पर ही ऐसे कदम उठाएं, अन्यथा सुधार से जुड़ी सारी कोशिशें बेकार हो जाएंगी। वहीं इसके जरिये जिन लक्ष्यों को हासिल करने की उम्मीद की गई है, उनमें भी देरी होगी।


शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों को यह निर्देश ऐसे समय दिया है, जब कई राज्यों में इस तरह के तबादले देखने को मिल रहे हैं। इससे प्रशिक्षण का कार्य प्रभावित हो रहा है। आगे चलकर इस मुहिम के लिए और भी जोखिम की संभावना थी, क्योंकि प्रशिक्षण के बाद यदि इन स्कूलों के प्रधानाचार्यों व शिक्षकों सहित स्कीम से जुड़े अ को हटा दिया गया तो नए सिरे से फिर से पूरी कवायद करनी पड़ेगी।


वर्तमान समय में इस स्कीम के तहत चयनित सरकारी स्कूलों के शिक्षकों, प्रधानाचार्यों को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की सिफारिशों के तहत विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके साथ ही उन्हें आइआइटी, आइआइएम जैसे संस्थानों से भी प्रशिक्षण दिलाने की तैयारी है।  गौरतलब है कि पीएम- श्री के तहत देश के प्रत्येक ब्लाक से दो स्कूलों का चयन किया जाना है। इनमें एक प्राइमरी और दूसरा मिडिल यानी छठवीं से आठवीं स्तर तक का होगा। इन्हें अपग्रेडेशन के लिए शिक्षा मंत्रालय की ओर से प्रत्येक स्कूल को दो-दो करोड़ रुपये दिए जाएंगे। पहली खेप में देशभर से चयनित 6260 स्कूलों को इसकी पहली किस्त दी जा चुकी है। साथ ही उन्होंने काम भी शुरू कर दिया है।


पीएम- श्री के दूसरे चरण के स्कूलों का भी जल्द हो सकता है एलान: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता सुधारने और उसका एक मानक तय करने के लिए शुरू की गई पीएम- श्री स्कीम के तहत दूसरे चरण के लिए चयनित स्कूलों का जल्द ही एलान किया जा सकता है। इसे लेकर मंत्रालय ने कवायद तेज कर दी है। 


माना जा रहा है कि नवंबर तक यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। इस स्कीम के तहत देशभर में 14,500 सरकारी स्कूलों को एक माडल स्कूल के रूप में तैयार किया जाना है। पहली खेप में करीब 6260 स्कूलों के चयन के बाद करीब 8240 स्कूलों का अभी चयन होना है। इस स्कीम के तहत स्कूलों के चयन के मानक भी काफी सख्त रखे गए हैं। माना जा रहा है कि इन स्कूलों  को देखकर राज्य अपने बाकी सभी स्कूलों को भी तैयार करेंगे। अब तक स्कूलों को लेकर कोई स्टैंडर्ड नहीं था। 




पीएम- श्री स्कूलों को आइआइटी- आइआइएम भी निखारेंगे

पीएम- श्री स्कीम की पहली खेप में चयनित 6260 स्कूलों को अपग्रेड करने की योजना पर भी कार्य किया गया शुरू

 
नई दिल्ली । पीएम- श्री (पीएम- स्कूल फार राइजिंग इंडिया) के तहत सरकारी स्कूलों को गढ़ने का जो सपना देखा गया था, उसे जमीन पर उतारने में अब आइआइटी- आइआइएम जैसे शैक्षणिक संस्थान भी हाथ बटाएंगे। इन स्कूलों में गणित व विज्ञान पढ़ाने वाले शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण देंगे। साथ ही उनके लिए लीडरशिप से जुड़ा प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाएंगे। इसे लेकर देशभर के आइआइटी और आइआइएम के साथ चर्चा हो चुकी है। माड्यूल तैयार किया जा रहा है। इससे पीएम श्री में चयनित आसपास के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को प्रशिक्षण देना शुरू कर देंगे।


शिक्षा मंत्रालय ने इसके साथ ही पीएम- श्री स्कीम में पहली खेप में चयनित देश भर के 6260 स्कूलों को तेजी से अपग्रेड करने की अन्य योजना पर भी काम शुरू किया है। इन स्कूलों के सभी शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, चाहे वे किसी विषय के हों। इसके तहत प्रत्येक जिले से पीएम श्री के लिए चयनित स्कूलों से एक - एक प्रधानाचार्य को मास्टर ट्रेनर बनाया जाएगा, जो अपने जिले के स्कूलों में पढ़ाने वाले प्रधानाचार्यों व शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे। शिक्षा मंत्रालय ने एनसीईआरटी के साथ मिलकर इस प्रशिक्षण की शुरूआत की है। यह तीन दिन का होगा। मंत्रालय ने राज्यों के साथ मिलकर क्षेत्रीय प्रशिक्षण की भी योजना बनाई है।


इन चयनित स्कूलों के शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को विशेष प्रशिक्षण देने के पीछे मुख्य मकसद इन्हें इन स्कूलों के उद्देश्यों से परिचित कराना है। साथ ही नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में जिन सुधारों की सिफारिश की गई है, उसे बेहतर तरीके से लागू करना है। इसके साथ ही बच्चों की प्रतिभा को शुरुआती स्तर पर ही पहचान कर उन्हें नई ऊंचाई देने जैसी पहलों के लिए भी तैयार करना है। शिक्षा मंत्रालय ने मास्टर ट्रेनर के रूप में सभी जिलों से एक-एक प्रधानाचार्यों को प्रशिक्षित करने का अभियान शुरू किया है।

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