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Wednesday, October 18, 2023

निजी मेडिकल कॉलेज डकार रहे करोड़ों रुपये का इंटर्नशिप भत्ता

निजी मेडिकल कॉलेज डकार रहे करोड़ों रुपये का इंटर्नशिप भत्ता


डीएम की सर्वे रिपोर्ट: कुछ कॉलेज आधा-अधूरा दे रहे, कुछ देते ही नहीं

12,000 रुपये प्रति माह भत्ता देने का है आदेश सभी कॉलेजों को

कॉलेजों को पाबंद करेगा चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय



लखनऊ। प्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेज महंगी फीस ही नहीं लेते बल्कि करोड़ों रुपये का इंटर्नशिप भत्ता भी डकार जा रहे हैं। यह खुलासा हुआ है कि चिकित्सा शिक्षा विभाग की आंतरिक जांच रिपोर्ट में अब चिकित्सा शिक्षा विभाग कॉलेजों को भत्ता देने के लिए पाबंद करने की तैयारी में है।


प्रदेश के 35 राजकीय व स्वशासी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 3,828 और 31 निजी मेडिकल कॉलेजों में 4,900 सीटें हैं। एमबीबीएस पूरा करने के बाद छात्रों को 12 माह का इंटर्नशिप करना होता है। हर छात्र को प्रतिमाह 12 हजार रुपये इंटर्नशिप भत्ता देने का नियम है। इसके बाद भी प्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेज इंटर्नशिप भत्ता नहीं दे रहे हैं। 


लगातार मिल रही शिकायतों के बाद चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय ने कॉलेजवार सर्वे कराया सर्वे रिपोर्ट चौकाने वाली है। रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के 10 निजी मेडिकल कॉलेज एक भी छात्र को इंटर्नशिप भत्ता नहीं दे रहे हैं। चार मेडिकल कॉलेज प्रतिमाह 10 हजार रुपये की दर से भत्ता दे रहे हैं। अन्य में कोई तीन हजार तो कोई सात हजार रुपया प्रतिमाह दे रहा है। भत्ता नहीं देने वाले कॉलेजों में एमबीबीएस की न्यूनतम 150 सीटें हैं। यानी वे हर साल करीब दो करोड़ 16 लाख रुपया छात्रों के हिस्से का डकार जा रहे हैं।


क्या हैं नियम

सरकारी कॉलेजों में पहले 7500 रुपया प्रतिमाह इंटर्नशिप भत्ता दिया जाता था। छात्रों के विरोध के बाद पांच जनवरी 2021 को इसे बढ़ाकर 12 हजार रुपया प्रतिमाह किया गया। इतना ही नहीं निजी कॉलेजों के साथ ही विदेशी से एमबीबीएस करने वाले छात्रों को भी अब इंटर्नशिप भत्ता देने का निर्देश दिया गया है।


बिना भत्ता 12 से 16 घंटे की ड्यूटी का आरोप

निजी कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले छात्रों का आरोप है कि एक तरफ उन्हें भत्ता नहीं मिल रहा है तो दूसरी तरफ 12 से 16 घंटे ड्यूटी भी करनी पड़ती है। नाम नहीं छापने की शर्त पर छात्रों ने बताया कि यदि वे इंटर्नशिप भत्ता मांगते हैं तो उसके एवज में दूसरे शुल्क बढ़ा दिए जाते हैं। कुछ छात्रों ने तो यह भी बताया कि जो कॉलेज आधा अधूरा भत्ता दे रहे हैं, वे खाते से निकलवाकर वापस ले लेते हैं।


मेडिकल कॉलेजों को 12 हजार रुपया इंटर्नशिप भत्ता देने का निर्देश है। कुछ कॉलेजों के भत्ता नहीं देने की बात सामने आई है। वे किन परिस्थितियों में भत्ता नहीं दे रहे हैं, इसकी पड़ताल कराई जा रही है। – किंजल सिंह, डीजीएमई

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