राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए जनपदों से 3 शिक्षकों के नाम शासन को भेजने की तैयारी, चयन समिति ने लिया है साक्षात्कार, लखनऊ में फिर से साक्षात्कार और प्रस्तुतिकरण होगा
नवाचारों के लिए हर जिले से किया जाना है एक शिक्षक चयनित
इन मानकों पर होता है चयन
■ चरित्र, शैक्षिक उपलब्धियां, नियमित उपस्थिति
■ नवाचार, स्थानीय क्षेत्र में छवि, सामाजिक सहभागिता
■ 15 वर्ष का सेवाकाल और सेवानिवृत्ति में पांच वर्ष बाकी
■ पहले से राज्य या राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त न हो
■ व्यक्तिगत ट्यूशन में शिक्षक लिप्त न हो
लखनऊ । राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए उल्टी गिनती शुरू हो गई है। लगभग हर जनपद से अध्यापकों की अंतिम सूची लगभग तैयार हो चुकी है। जल्द इसे शासन को भेज दिया जाएगा। शिक्षकों के प्रदर्शन के आधार पर शासन जिले का अवार्डी तय करेगा। इससे पहले लखनऊ में सभी का साक्षात्कार और प्रस्तुतिकरण भी होगा।
बेसिक शिक्षा विभाग में यह एक प्रतिष्ठित पुरस्कार माना जाता है। शासन की तरफ से इस पुरस्कार की दावेदारी के लिए तगड़े मानक भी तय किए गए हैं। 15 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके और पांच वर्ष से ज्यादा बचे हुए सेवाकाल वाले शिक्षक इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
अन्य मानकों में शैक्षणिक उपलब्धियां, उपस्थिति नवाचार, स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या आदि पर शिक्षकों को कसौटी पर कसा जाता है। स्कूल और क्षेत्र में शिक्षा के प्रसार के लिए नए और विशेष प्रयास करने वालों को भी इसमें शामिल किया जाता है।
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