यूजीसी रेगुलेशन लागू, नहीं माने तो विश्वविद्यालयों पर लगेगा प्रतिबंध, तमिलनाडु जैसे राज्यों की अब नहीं चलेगी मनमानी, 85% हाजिरी की अनिवार्यता भी समाप्त
नई दिल्ली। यूजीसी रेगुलेशन-2025 देशभर में लागू कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत तैयार यूजीसी रेगुलेशन-2025 (स्नातक पूर्व और स्नातकोत्तर उपाधि प्रदान करने के लिए अनुदेश के न्यूनतम मापदंड) की अधिसूचना बृहस्पतिवार को जारी कर दी।
सभी विश्वविद्यालयों में अब नए यूजीसी रेगुलेशन के आधार पर दाखिला, सेमेस्टर, पढ़ाई, क्रेडिट समेत अन्य मानक लागू होंगे। अब 12वीं के बाद विद्यार्थी स्नातक पाठ्यक्रम के लिए किसी भी संकाय में दाखिला ले सकेंगे। कला, विज्ञान या कॉमर्स में स्नातक की पढ़ाई के लिए विद्यार्थियों का 12वीं कक्षा में संबंधित विषय में पास होना अनिवार्य नहीं रहेगा।
विद्यार्थी सीयूईटी यूजी या विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में शामिल होकर उसकी मेरिट के आधार पर पसंद का संकाय चुन सकेंगे। नियमित पाठ्यक्रम के विषयों के साथ वे रोजगारपरक विषय भी ले सकते हैं। उन्हें कोई भी विषय या डिग्री चुनने का विकल्प मिलेगा। मूल्यांकन अब लिखित परीक्षा, सेमिनार, प्रेजेंटेंशन, क्लास परफॉर्मेंस, फील्डवर्क के आधार पर होगा। प्रॉस्पेक्टस में मूल्यांकन, पाठ्यक्रम की जानकारी देना जरूरी है। अब 85 फीसदी हाजिरी की अनिवार्यता समाप्त हो गई है।
छात्र तय करेंगे डिग्री का समय
2025 से बौद्धिक क्षमता के आधार पर छात्रों को डिग्री पूरी करने का मौका होगा। पहले व दूसरे सेमेस्टर में प्रदर्शन मूल्यांकन के बाद विकल्प मिलेगा। मेधावी छात्रों के लिए 10 फीसदी सीट और दीक्षांत समारोह से पहले डिग्री मिलेगी। तीन साल की छह सेमेस्टर की डिग्री पांच सेमेस्टर में कर सकेंगे। चार वर्ष की 8 सेमेस्टर की डिग्री छह या सात सेमेस्टर में पूरी होगी।
धीमी गति वाले छात्रों को तीन, चार वर्षीय डिग्री में अधिकतम दो सेमेस्टर में कोर्स पूरा करना होगा। अभी तक 2 या 3 विषयों में फेल छात्रों की मार्कशीट में दोबारा परीक्षा में शामिल होना लिखा रहता था, पर अब यह नहीं लिखा होगा।
ये हैं प्रमुख बदलाव
छात्र ने लेवल 4 या 12वीं की पढ़ाई (रेगुलर व ओपन स्कूल) की होगी, तो वह अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम या फिर इंटीग्रेटेड अंडरग्रेजुएट या पोस्टग्रेजुएट डिग्री प्रोग्राम में दाखिला ले सकता है।
छात्र यूजी में किसी भी स्ट्रीम में दाखिला ले सकते हैं। उससे पहले उन्हें सीयूईटी यूजी या संबंधित विवि की प्रवेश परीक्षा पास करनी होगी।
कोई भी छात्र यूजी और पीजी प्रोग्राम में अलग-अलग दो डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई कर सकेगा। यूजी व पीजी प्रोग्राम में छात्र अलग-अलग दो-दो डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई कर सकेंगे। लेकिन, करिकुलम एंड क्रेडिट फ्रेमवर्क यूजीसी का और दो शैक्षणिक कार्यक्रम में पढ़ाई की मानक पूरे होने पर।
तीन वर्ष की यूजी के बाद पीजी दो साल तो चार वर्ष (ऑनर्स और रिसर्च) वालों के लिए पीजी एक साल का होगा।
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