व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में बायोमीट्रिक अटेंडेंस अनिवार्य करने की तैयारी
लखनऊ। प्रदेश सरकार छात्रवृत्ति एवं शुल्क भरपाई योजना में गड़बड़ियां रोकने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। इसके तहत व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में बायोमीट्रिक हाजिरी अनिवार्य की जाएगी। यह व्यवस्था चालू सत्र से ही लागू करने की तैयारी है। इसके दायरे में 24-27 लाख छात्र आएंगे।
प्रदेश में अनुसूचित जाति व जनजाति के विद्यार्थियों को परिवार की सालाना आय ढाई लाख रुपये तक और अन्य वर्गों के लिए सालाना आय दो लाख रुपये तक होने पर इस योजना का लाभ दिया जाता है। केंद्र सरकार ने भी योजना में बायोमीट्रिक हाजिरी की व्यवस्था लागू करने के लिए कहा है। इससे वास्तविक छात्र ही योजना का लाभ ले सकेंगे।
उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश सरकार ने पहले चरण में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के छात्रों के लिए यह व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। आईटीआई से लेकर बीटेक, एमबीबीएस और एमबीए के विद्यार्थी इस दायरे में आएंगे।
हर साल 60 लाख से ज्यादा छात्र योजना का लाभ पाते हैं। इनमें 40-45 फीसदी विद्यार्थी व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के होते हैं। छात्रवृत्ति देने वाले चारों विभाग समाज कल्याण, जनजाति कल्याण, पिछड़ा वर्ग कल्याण और अल्पसंख्यक कल्याण इस योजना को एक साथ लागू करेंगे। इस संबंध में शीघ्र ही आदेश जारी होने की संभावना है।
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