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Wednesday, April 30, 2025

शिक्षा विभाग के सभी कार्यालयों का होगा सेफ्टी ऑडिट, ई ऑफिस की व्यवस्था भी जल्द होगी लागू

शिक्षा विभाग के सभी कार्यालयों का होगा सेफ्टी ऑडिट, ई ऑफिस की व्यवस्था भी जल्द होगी लागू 


लखनऊ। प्रयागराज स्थित शिक्षा निदेशालय में आग लगने की घटना के बाद बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग सतर्क हो गए हैं। विभाग ने जहां आग लगने के कारणों की पड़ताल शुरू की है, वहीं भविष्य में इससे बचाव की व्यवस्था दुरुस्त करने की कवायद भी शुरू कर दी है। इसके तहत बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग के कार्यालयों का सेफ्टी ऑडिट कराने के निर्देश दिए गए हैं।

शिक्षा निदेशालय में आग लगने की घटना का संज्ञान लेते हुए शासन ने तुरंत सचिव माध्यमिक शिक्षा विभाग की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी बनाई है। इसी क्रम में बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर पूरी घटना के बारे में जानकारी ली है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने कार्यालयों का सेफ्टी ऑडिट कराएं।


वहीं उन्होंने अधिकारियों को अपने यहां ई- ऑफिस की व्यवस्था को भी जल्द से जल्द पूरी तरह प्रभावी करने के निर्देश दिए हैं। ताकि इस तरह की घटना में किसी रिकॉर्ड के जलने या उसके खोने, किसी तरह की हेरफेर की संभावना पर भी पूरी तरह रोक लगाई जा सके।


चार मंडलों की 250 फाइलें हुई हैं क्षतिग्रस्त

निदेशालय में आग लगने की घटना के बाद विभाग की ओर से बताया गया है कि सामान्य प्रथम व द्वितीय अनुभाग से लगे केंद्रीय रसीद अनुभाग, लेखा अनुभाग (उच्च शिक्षा) में आग लगने से फर्नीचर जला है। वहीं सामान्य प्रथम व द्वितीय अनुभाग में आग लगने के कारण चार मंडलों से संबंधित 250 गतिमान पत्रावलियां जली या क्षतिग्रस्त हुई हैं। यहां अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों के प्रबंधकीय विवाद, विद्यालय में शिक्षक-शिक्षणेत्तर कर्मियों के वरिष्ठता विवाद, उच्च न्यायालय से संबंधित कार्य से जुड़ी फाइलें थीं। अपर शिक्षा निदेशक सुरेंद्र तिवारी ने बताया कि जल गई पत्रावलियों को जिला, मंडल, शासन, उच्च न्यायालय में लगाए गए दस्तावेजों व ई-मेल आदि पर सुरक्षित अभिलेखों से फिर तैयार कर दी जाएंगी।


शिक्षा निदेशालय में लगी आग के लिए शासन ने बनाई 5 सदस्यीय जांच कमेटी, एडेड स्कूलों के तबादले व इससे संबंधित फाइलों के जलने की आशंका, रिकॉर्ड पूरी तरह से खत्म होने की बात निराधार

सचिव माध्यमिक शिक्षा की अध्यक्षता में बनी पांच सदस्यीय कमेटी

लखनऊ। प्रयागराज स्थित शिक्षा निदेशालय में आग लगने की घटना का शासन ने संज्ञान लिया है। जिन तीन अनुभागों में आग लगी थी, उन्हें सोमवार को सील कर दिया गया। माध्यमिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाई है। इसे 15 दिन में रिपोर्ट देने को कहा गया है।

उन्होंने बताया कि माध्यमिक शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी इस आग लगने की घटना की जांच करेगी। इसमें माध्यमिक शिक्षा निदेशक, एडीएम प्रयागराज, मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रयागराज व उच्च शिक्षा निदेशक की ओर से नामित वरिष्ठ अधिकारी कमेटी में शामिल किए गए हैं। कहाँ, कि जांच समिति 15 दिन में अपनी जांच रिपोर्ट व संस्तुति उनके सामने प्रस्तुत करेगी।

वहीं विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों के अनुसार शिक्षा निदेशालय में पिछले दिनों ही काफी बजट खर्च कर बिल्डिंग का रिनोवेशन कराया गया था। ऐसे में शॉर्ट सर्किट से आग लगने की बात पर सवाल उठ रहे हैं। दूसरी तरफ माध्यमिक शिक्षक संगठनों ने यह आशंका जताई है कि पिछले साल अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में काफी संख्या में तबादले हुए थे।


रिकॉर्ड पूरी तरह से खत्म होने की बात निराधार

इस अग्निकांड में इससे जुड़ी फाइलें जली हैं। इतना ही नहीं तदर्थ शिक्षकों के भुगतान आदि से जुड़ी फाइलें भी जलने की आशंका जताई जा रही है। वहीं विभाग ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि किस तरह की फाइलें जली हैं या सभी फाइलें सुरक्षित हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने कहा कि किसी भी तरह के रिकॉर्ड अब डीआईसीआई, सहायक निदेशक, अपर निदेशक व निदेशालय में रहते हैं। ऐसे में कोई भी रिकॉर्ड पूरी तरह से खत्म होने की बात निराधार है।



तारों के जाल के बीच आग बुझाने के नहीं हैं कोई इंतजाम, इतने बड़े हादसे के बाद भी सबक नहीं ले रहा शिक्षा निदेशालय


प्रयागराज। शिक्षा निदेशालय भवन में आग लगने की पहली घटना नहीं है। इसके पहले भी अगलगी की घटनाएं हो चुकी हैं। हालांकि रविवार को हुए हादसे के बावजूद विभाग सबक नहीं ले रहा है। वर्षों से जर्जर तारों के भरोसे बिजली सप्लाई आज भी जारी है। इन जर्जर तारों से घटना के चौबीस घंटे बाद सोमवार को भी चिंगारी निकलती रही। कर्मचारियों का कहना है कि जर्जर तारों के शॉर्ट करने और चिंगारी निकलना रोजाना की बात हो गई है। शिक्षा निदेशालय के भूतल में रविवार सुबह तीन कमरों में आग लगी थी। आग में सामान्य प्रभाग प्रथम व द्वितीय में अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों की पांच हजार से अधिक महत्वपूर्ण फाइलें जलकर राख हो गई। वहीं केंद्रीय रसीद अनुभाग व लेखा अनुभाग में भी रखी फाइलें जल गई। प्रथम दृष्टया शॉर्ट सर्किट को आग की वजह बताया गया है। हालांकि जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित कर दी गई है। 

इधर, निदेशालय के अधिकतर विभागों व कक्षों में जर्जर बिजली के तार भविष्य में भी ऐसी घटनाओं का संकेत दे रहे हैं। जिन कमरों में आग लगी थी, उससे चंद कदम दूर बिजली की मेन बोर्ड से सोमवार दोपहर भी चिंगारी निकल रही थी। पूरे भवन में जगह-जगह कटे तारों में खुला जोड़ दिखा। कर्मचारियों ने बताया कि डर के साये में काम करना पड़ता है। हमेशा तारों के शॉर्ट होने से चिंगारी निकलती रहती है।


धूल फांक रहा अग्निशमन यंत्र

जिन कमरों में आग लगी उनसे चंद कदम दूर दीवार पर दो अग्निशामक यंत्र धूल फांक रहे हैं। इन सिलेंडरों का आग लगने के बाद इस्तेमाल तक नहीं किया गया। कर्मचारियों ने बताया कि समय से रिफलिंग नहीं होने से अग्निशमन यंत्र बेकार पड़े है। इतने बड़े विभाग में कहीं भी आग बुझाने का सही इंतजाम नहीं है।

15 दिन में देनी है रिपोर्ट

अग्निकांड की जांच के लिए उच्च स्तरीय पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। सचिव माध्यमिक शिक्षा को समिति का अध्यक्ष बनाय गया है। जबकि शिक्षा निदेशक (माध्यमिक), शिक्षा निदेशक (उच्च), अपर जिलाधिकारी व मुख्य अग्निशमन अधिकारी को सदस्य मनोनीत किया गया है। समिति को 15 दिन के अंदर जांच कर रिपोर्ट देना है। आग लगे तीनों कमरों व सीसीटीवी कंट्रोल रूम को सीज कर दिया गया है। सीएफओ डॉ आरके पांडेय ने सोमवार को टीम के साथ पहुंचकर मुआयना किया।

तीन साल पहले हुई थी वायरिंग

विभागीय सूत्रों की मानें तकरीबन तीन साल पहले वायरिंग का टेंडर हुआ था लेकिन, मानक के अनुरूप काम नहीं किया गया। यहां तक कि जगह-जगह खुले तार छोड़ दिए गए। कुछ कार्यालयों व कक्षों में पुराने जर्जर तारों को बदला तक नहीं गया। आज भी जर्जर तारों के भरोसे बिजली सप्लाई चल रही है।

बड़ा सवाल, कैसे खुले अनुभागों के दरवाजे

प्रयागराज। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में जिन तीन अनुभागों में आग लगने की घटना का वीडियो वायरल हुआ है, उसमें तीनों अनुभाग के दरवाजे खुले नजर आ रहे हैं। निदेशालय में शनिवार व रविवार का साप्ताहिक अवकाश था। रविवार को सुबह आठ बजे के आसपास आग लगने की घटना हुई और उस वक्त निदेशालय में सन्नाटा था।

अनुभागों में रखे कंप्यूटर भी हुए क्षतिग्रस्त

अग्निकांड में माध्यमिक शिक्षा विभाग के अनुभागों में रखे कंप्यूटर भी राख हो गए। सूत्रों का कहना है कि इन कंप्यूटरों में जांच से जुड़ी फाइलों की कई महत्वपूर्ण जानकारियां मौजूद थीं। कंप्यूटर इस कदर जले हैं कि उनसे महत्वपूर्ण जानकारियों की रिकवरी कर पाना भी काफी मुश्किल होगा।

80 मीटर की गैलरी में सिर्फ एक कैमरा

माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के जिन तीन अनुभागों में आग लगी, वे 80 मीटर लंबी गैलरी में स्थित हैं। इस गैलरी में दो दर्जन कमरे हैं और गैलरी के बीचो-बीच सिर्फ एक सीसीटीवी कैमरा लगा है। वहां के कर्मचारियों को भी नहीं पता कि कैमरा ठीक से काम कर रहा है या नहीं। हालांकि, इस कैमरे में तीनों अनुभाग कवर होते हैं।


प्रयागराज। सिविल लाइंस स्थित शिक्षा निदेशालय में आग लगने का कारण जानने के लिए अग्निशमन विभाग की टीम सोमवार सुबह दस बजे घटनास्थल पर पहुंची। जिन तीन कमरों में आग लगी थी, उनकी जांच की गई। साथ ही पता लगाया कि घटना के 24 घंटे बाद भी कमरे से कहीं धुआं तो नहीं निकल रहा है। हालांकि, अग्निशमन विभाग को आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है।

हजारों फाइल जलने के मामले में बिल्डिंग में बिजली व्यवस्था और आग से बचने के इंतजाम को लेकर पोल खुल गई है। पूरे बिल्डिंग परिसर में खुले में बिजली के तारों का मकड़जाल फैला हुआ है। जगह-जगह खुले तार हैं। यही नहीं, बिल्डिंग परिसर में आग बुझाने के इंतजाम भी पूरी तरह से चौपट हैं। प्रवेश द्वार के पास ही अग्निशमन यंत्र लगा हुआ है। लेकिन, ये दिखने में काफी पुराना है।

इसपर चस्पा स्टीकर में भी कुछ नहीं लिखा है। यहां मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि ये न जाने कितने सालों से ऐसा ही लगा है। इसकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है। जिन जगहों पर अग्निशमन यंत्र लगा भी तो वह एक्सपायरी डेट के हैं। यानी अगर कोई बड़ा हादसा हो जाए तो बचने के कोई खास इंतजाम नहीं है। मुख्य अग्निशमन अधिकारी डॉ. आरके पांडेय ने बताया कि जांच की जा रही है।


चर्चा... कंप्यूटर खुला होने से शॉर्ट सर्किट की आशंका

शनिवार और रविवार को कार्यालय बंद होने के बावजूद आग की घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। विभाग में चर्चा है कि कंप्यूटर खुला होने की वजह से शॉर्ट सर्किट हुआ होगा। जिससे आग ने विकराल रूप ले लिया। अगर बिजली को पूरी तरह से शटडाउन कर दिया जाता तो शायद यह हादसा नहीं होता।



एडेड कॉलेजों के विवादों का कैसे होगा निपटारा? आग की भेंट चढ़ी हजारों फाइलें, फिर से रिकॉर्ड ढूंढना होगा मुश्किल, आग लगने के पीछे साजिश की आशंका पर जांच समिति गठित 
 

शिक्षा निदेशालय के दो महत्वपूर्ण अनुभागों में रविवार सुबह आग लगने से कई सवाल उठने लगे हैं। सूत्रों के अनुसार आग ने उन सेक्शनों को चपेट में लिया, जहां एडेड कॉलेज (अशासकीय माध्यमिक विद्यालय) से जुड़ी अतिसंवेदनशील फाइलें रखी गई थीं। सभी फाइलें जलकर नष्ट होने से फिर से रिकॉर्ड ढूंढना मुश्किल है। चौंकाने वाली बात यह है कि आग खासतौर पर ऐसे समय में लगी, जब कई एडेड कॉलेजों की जांच प्रक्रियाएं चल रही है।
 

शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने आग लगने के कारणों की गहन जांच के आदेश दिए हैं। प्रथम दृष्टया शॉर्ट सर्किट की संभावना जताई जा रही है, लेकिन साजिश से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। आग कैसे व किन परिस्थितियों में लगी, इसका जांच के बाद खुलासा होगा। हालांकि आग लगने से प्रबंधकीय माध्यमिक विद्यालयों के लंबे समय से लंबित मामलों की भी जुड़ी फाइलें शामिल थीं। विभागीय सूत्रों की मानें तो इसमें शिक्षकों की नियुक्ति, स्थानांतरण व वेतन भुगतान के विवादों के अलावा प्रबंधकीय विवाद पव लंबित मुकदमें से जुड़ी महत्वपूर्ण फाइलें थी। इसमें दस से अधिक मंडलों के माध्यमिक विद्यालयों की फाइलें आग से पूरी तरह राख हो गई हैं।

ड्यूटीरत कर्मचारियों से होगी पूछताछ

शिक्षा विभाग की मानें तो जिस वक्त आग लगी थी, उस वक्त वहां आउस सोर्सिंग गार्ड के अलावा कैंटीन के कर्मचारी समेत कुछ अन्य लोग मौजूद थे। रविवार को अवकाश का दिन होने से विभाग के कार्यालयों व अनुभागों के कक्ष में ताला लगा था। अंदर लाइट भी बंद थी, ऐसे में शार्ट सर्किट से कैसे आग लग सकती है, इस पर सवाल उठने लगे हैं। विभाग की ओर से गठित जांच समिति घटना के वक्त ड्यूटीरत व मौजूद लोगों से गहनता से पूछताछ करेगी। इसके साथ ही आस-पास लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला जाएगा।

घटना की जांच के लिए समिति गठित

अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक सुरेंद्र तिवारी ने बताया कि प्रथम दृष्टया आग लगने का मुख्य कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है। हालांकि घटना के हर पहलू की गहनता से जांच करने के लिए सचिव माध्यमिक शिक्षा विभाग की अध्यक्षता में जांच समिति गठित कर दी गई है। समिति में एडीएम सिटी और सीएफओ को भी शामिल किया गया है। घटना की गहराई से जांच करने और आवश्यक कदम उठाने के लिए पुलिस को भी तहरीर दी गई है।

डीआईओएस और ज्वाइंट डायरेक्टर की लेंगे मदद

शिक्षा निदेशालय के सूत्रों की मानें तो डीआईओएस व ज्वाइंट डायरेक्टर के कार्यालयों से संपर्क कर आग में जलकर राख हुई फाइलों के संबंध में रिकॉर्ड मांगा जाएगा। हालांकि केंद्रीय रसीद अनुभाग व लेखा अनुभाग से जुड़ी कुछ फाइलों का रिकॉर्ड तो मिल सकती है, लेकिन एडेड कॉलेजों के रिकॉर्ड मिलना नामुमकिन होगा। शिक्षा निदेशालय के भूतल में एक बड़े हॉल में सामान्य (1) के प्रथम व द्वितीय प्रभाग बनाया गया था। इसमें एडेड कॉलेजों की फाइलें रखी थी। इनका कोई ऑनलाइन डाटा भी उपलब्ध नहीं है।



शिक्षा निदेशालय में भीषण आग में पांच हजार से ज्यादा फाइलें जलकर राख, घटना की जांच के लिए समिति गठित
 
उत्तर प्रदेश शिक्षा निदेशालय के मुख्य भवन में रविवार सुबह अज्ञात कारणों से आग लग गई। तीन कमरों में लगी आग में अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों से जुड़ी लगभग पांच हजार से अधिक फाइलें जलकर नष्ट हो गईं। अग्निशमन कर्मचारियों ने तीन घंटे के प्रयास के बाद आग पर काबू किया। सहायक उप शिक्षा निदेशक अनुराग श्रीवास्तव ने सिविल लाइंस थाने में तहरीर देकर आग लगने के कारणों की जांच करने की मांग की है।

सिविल लाइंस स्थित शिक्षा निदेशालय के मुख्य भवन के भूतल पर स्थित सामान्य (1) के प्रथम व द्वितीय प्रभाग में रविवार सुबह लगभग आठ बजे आग की लपटें व धुआं निकलता दिखा। गार्ड प्रियांशु यादव ने तत्काल फार्म सहायक मोहम्मद सैफी को जानकारी दी। फार्म सहायक की सूचना पर थोड़ी देर में फायर ब्रिगेड पहुंच गई। हालांकि तब तक आग बगल में स्थित केंद्रीय रसीद अनुभाग व लेखा अनुभाग (उच्च शिक्षा) तक फैल गई। सूचना पर विभागीय अधिकारी व कर्मचारी और सिविल लाइंस पुलिस भी पहुंच गई।

दो दमकल की मदद से अग्निशमनकर्मियों ने तीन घंटे में आग पर काबू किया हालांकि तब तक सामान्य प्रभाग में लगभग पांच हजार से अधिक फाइलें पूरी तरह नष्ट हो गई। इसमें अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों की नियुक्ति, वेतन भुगतान, स्थानांतरण, प्रबंधकीय विवाद व लंबित मुकदमों की महत्वपूर्ण फाइलें शामिल थीं। वहीं केंद्रीय रसद व लेखा विभाग में भी रखी सैकड़ों फाइलें आग की भेंट चढ़ गई। एडीसीपी अभिजीत कुमार ने बताया कि शिक्षा निदेशालय के मुख्य भवन में लगी आग को अग्निशमन विभाग ने काबू कर लिया है। विभाग की तहरीर के आधार पर पुलिस मामले की जांच कर रही है।

घटना की जांच के लिए समिति गठित

अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक सुरेंद्र तिवारी ने बताया कि प्रथम दृष्टया आग लगने का मुख्य कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है। हालांकि घटना के हर पहलू की गहनता से जांच करने के लिए सचिव माध्यमिक शिक्षा विभाग की अध्यक्षता में जांच समिति गठित कर दी गई है। समिति में एडीएम सिटी और सीएफओ को भी शामिल किया गया है। घटना की गहराई से जांच करने और आवश्यक कदम उठाने के लिए पुलिस को भी तहरीर दी गई है।


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