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Sunday, April 20, 2025

राजकीय माध्यमिक स्कूलों में मानदेय पर रखे जाएंगे शिक्षक, शासन में बन चुकी है सैद्धांतिक सहमति, शिक्षा निदेशालय तैयार कर रहा प्रस्ताव

राजकीय माध्यमिक स्कूलों में मानदेय पर रखे जाएंगे शिक्षक, शासन में बन चुकी है सैद्धांतिक सहमति, शिक्षा निदेशालय तैयार कर रहा प्रस्ताव

महत्वपूर्ण विषयों में शिक्षक रखने का अधिकार प्रधानाचार्यों को देने की योजना


प्रयागराजः राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में व्यवस्थाएं सुदृढ़ करने के साथ अब महत्वपूर्ण विषयों में शिक्षकों की कमी दूर किए जाने की तैयारी है। विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की संख्या को देखते हुए मानदेय पर शिक्षक नियुक्त किए जाने को लेकर शासन स्तर पर पिछले दिनों हुई बैठक में सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है। इसके लिए शिक्षा निदेशालय स्तर से प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसमें शिक्षकों को आवश्यकतानुसार नियुक्त किए जाने का अधिकार प्रधानाचार्यों को दिए जाने की योजना है। यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है कि शिक्षकों को प्रतिमाह कितना रुपया मानदेय दिया जाएगा।


राजकीय स्कूलों को प्रोजेक्ट अलंकार के तहत धनराशि देकर संवारा गया है। अधिकांश विद्यालयों में बाउंड्रीवाल भी बना दी गई है। कुछ राजकीय विद्यालयों में अटल टिंकरिंग लैब बनाई जा रही है, जो अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त रहेगी। 


विद्यालयों में आउटसोर्स पर्सन नियुक्त करने को लेकर शासनादेश जारी किया जा चुका है। इन व्यवस्थाओं के साथ अब शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में काम तेज किया गया है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण कार्य प्रमुख विषयों के रिक्त पदों पर शिक्षक नियुक्त करना है। इसके लिए उच्च स्तर पर हुई बैठक में सहमति बन गई है। 


शिक्षकों के चयन एवं नियुक्ति के लिए तैयार किए जा रहे प्रस्ताव में मानदेय से लेकर सेवा शर्तों को लेकर स्थिति स्पष्ट की जाएगी। वर्तमान में स्थिति यह है कि कई राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में विज्ञान एवं गणित जैसे महत्वपूर्ण विषयों में शिक्षक नहीं है, जिससे विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के नामांकन पर भी प्रभाव पड़ रहा है। 


मामले पर अपर शिक्षा निदेशक (राजकीय) अजय कुमार द्विवेदी ने कहा कि शिक्षकों की कमी दूर हो जाने पर राजकीय विद्यालयों में पढ़ाई का स्तर सुधरेगा। इसके अलावा विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की संख्या भी बढ़ेगी। प्रस्ताव तैयार कर जल्द शासन को भेजा जाएगा, ताकि विद्यालयों में प्रमुख विषयों के शिक्षकों की कमी दूर हो सके।

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