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Wednesday, April 30, 2025

परिषदीय शिक्षकों का हो सामान्य तबादला, मांग को लेकर सीएम योगी से मांग

परिषदीय शिक्षकों का हो सामान्य तबादला, मांग को लेकर सीएम योगी से मांग


लखनऊ। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के सामान्य तबादला शुरू करने की मांग की है। महासंघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर इसके लिए भारांक भी निर्धारित करने के सुझाव दिए हैं। ताकि इसका लाभ ज्यादा से ज्यादा शिक्षकों को मिल सके। 

प्रदेश में इस समय परिषदीय विद्यालयों में जिले के अंदर व एक से दूसरे जिले में परस्पर तबादले की प्रक्रिया चल रही है। किंतु शिक्षकों का काफी समय से सामान्य तबादला नहीं हुआ है। इसे लेकर शिक्षक काफी परेशान हैं। क्योंकि जोड़ा न मिल पाने से भी काफी शिक्षक तबादले से वंचित रह जा रहे हैं। 



एडेड संस्कृत स्कूलों के शिक्षकों का बढ़ा मानदेय, देखें जारी शासनादेश

एडेड संस्कृत स्कूलों के शिक्षकों का 10 हजार तक बढ़ा मानदेय, हाईस्कूल के 20 हजार व इंटर के शिक्षकों को प्रति माह देंगे 25 हजार, दो वर्षों के लिए बढ़ाई गई संविदा अवधि, 1,368 शिक्षकों को फायदा


लखनऊ : अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) संस्कृत माध्यमिक स्कूलों में मानदेय पर तैनात शिक्षकों को राज्य सरकार ने बड़ी राहत दी है। शिक्षकों के मानदेय में 10 हजार रुपये तक की प्रति महीने बढ़ोतरी की गई है। एडेड माध्यमिक संस्कृत स्कूलों में पढ़ाने वाले कुल 1,368 शिक्षकों को इसका लाभ मिलेगा। यही नहीं मानदेय शिक्षकों की एक साथ दो वर्ष के लिए संविदा अवधि भी बढ़ा दी गई है।


पूर्व मध्यमा स्तर (हाईस्कूल) में पढ़ाने वाले शिक्षकों को अभी तक 12 हजार रुपये मासिक मानदेय मिल रहा था। अब इन शिक्षकों को हर महीने 20 हजार रुपये तक मासिक मानदेय मिलेगा। यानी आठ हजार रुपये प्रति महीने की बढ़ोतरी की गई है। वहीं उत्तर मध्यमा स्तर (इंटरमीडिएट) में पढ़ाने वाले शिक्षकों को अभी तक 15 हजार रुपये मासिक मानदेय मिल रहा था। अब इन्हें हर महीने 25 हजार रुपये मासिक मानदेय मिलेगा। यानी 10 हजार रुपये तक की बढ़ोतरी की गई है। 


गुरुवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार लगातार प्रयास कर रही है। गुणवत्तापरक शिक्षा देने पर पूरा जोर दिया जा रहा है। संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों की कमी के चलते पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए वर्ष 2021 से दो चरणों में क्रमश: 518 और 850 मानदेय शिक्षकों की भर्ती की गई। 


यही नहीं शैक्षिक सत्र वर्ष 2025-26 और वर्ष 2026-27 तक इनकी संविदा अवधि भी बढ़ा दी गई है। अभी एक-एक वर्ष की संविदा अवधि जिला विद्यालय निरीक्षक बढ़ाते थे। अब सरकार ने शिक्षकों को शोषण से बचाने के लिए एक साथ दो वर्ष की संविदा अवधि बढ़ा दी है। मालूम हो कि संस्कृत स्कूलों में प्रथमा (कक्षा आठ), पूर्व मध्यमा प्रथम (कक्षा नौ), पूर्व मध्यमा द्वितीय (हाईस्कूल), उत्तर मध्यमा प्रथम (कक्षा ग्यारह) और उत्तर मध्यमा द्वितीय (इंटरमीडिएट) की पढ़ाई कराई जा रही है।


अशासकीय सहायता प्राप्त उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों से सम्बद्ध प्राइमरी (बालक) प्रभाग के शिक्षक/शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को वित्तीय वर्ष 2025-26 के प्रथम त्रैमास (मार्च 2025 देय अप्रैल 2025, अप्रैल 2025 देय मई 2025 एवं मई 2025 देय जून 2025) के नियमित वेतनादि के भुगतान हेतु धनावंटन के सम्बन्ध में

अशासकीय सहायता प्राप्त उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों से सम्बद्ध प्राइमरी (बालक) प्रभाग के शिक्षक/शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को वित्तीय वर्ष 2025-26 के प्रथम त्रैमास (मार्च 2025 देय अप्रैल 2025, अप्रैल 2025 देय मई 2025 एवं मई 2025 देय जून 2025) के नियमित वेतनादि के भुगतान हेतु धनावंटन के सम्बन्ध में।




CISCE बोर्ड की 10वीं और 12वीं कक्षा के नतीजे आज

CISCE बोर्ड की 10वीं और 12वीं कक्षा के नतीजे आज


नई दिल्ली। सीआईएससीई बोर्ड की कक्षा 10 व 12वीं के नतीजे बुधवार सुबह 11 बजे घोषित किए जाएंगे। 


द काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जोसेफ इमैनुएल ने बताया कि सीआईएससीई वेबसाइट या बोर्ड के कॅरिअर पोर्टल पर परिणाम देखे जा सकते हैं। नतीजे डिजिलॉकर से भी देखे जा सकेंगे। सुधार परीक्षाएं जुलाई में होंगी। 

उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद बोर्ड का आज जारी होगा परिणाम

उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद बोर्ड का आज जारी होगा परिणाम


लखनऊ। उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद का बोर्ड परीक्षा का परिणाम बुधवार को जारी किया जाएगा। 


परिषद के सचिव शिवलाल ने बताया कि विभाग की ओर से पूर्व मध्यमा द्वितीय (10वीं), उत्तर मध्यमा प्रथम (11वीं) व उत्तर मध्यमा द्वितीय (12वीं) का परीक्षा परिणाम शाम चार बजे राजधानी स्थित माध्यमिक शिक्षा निदेशक कार्यालय से जारी किया जाएगा। 


परीक्षाफल संस्कृत शिक्षा परिषद की वेबसाइट www.upmssp.com पर भी देखा जा सकेगा। उन्होंने बताया कि बोर्ड परीक्षाएं 27 फरवरी से 12 मार्च के बीच आयोजित की गई थीं। परीक्षा में लगभग 57 हजार विद्यार्थी शामिल हुए थे। 


अशासकीय विद्यालयों के शिक्षकों की पदोन्नति का रास्ता हुआ साफ, पदोन्नति व सेवा संबंधी मामलों में माध्यमिक शिक्षा अधिनियम की व्यवस्था होगी लागू

अशासकीय विद्यालयों के शिक्षकों की पदोन्नति का रास्ता हुआ साफ, पदोन्नति व सेवा संबंधी मामलों में माध्यमिक शिक्षा अधिनियम की व्यवस्था होगी लागू

माध्यमिक शिक्षा विभाग ने जारी किया शासनादेश, शिक्षक संगठनों ने जताई खुशी

लखनऊ। प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की सेवा सुरक्षा व पदोन्नति को लेकर चल रही मांग को शासन ने मान लिया है। इससे एडेड विद्यालयों के शिक्षकों की पदोन्नति का रास्ता भी साफ हो जाएगा। शिक्षक संगठनों ने इस पर खुशी जताई है।

प्रदेश में उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा आयोग के गठन के बाद से शिक्षक पहले से चल रही धारा 12 व धारा 16 को नए आयोग में शामिल करने व प्रभावी करने की मांग कर रहे थे। इसे लेकर शिक्षक एमएलसी ने विधान परिषद में भी मामला गया था।

इस क्रम में माध्यमिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव कृष्ण कुमार गुप्ता ने शासनादेश जारी किया है। उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम 2023 की धारा 12 व 16 में दी गई व्यवस्था के क्रम में एडेड विद्यालयों के शिक्षकों को सेवा संबंधित प्रकरणों का निस्तारण कर सकेंगे। माध्यमिक शिक्षा निदेशक इसके तहत व्यवस्था के लिए संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी करेंगे। इस शासनादेश के बाद एडेड माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की सेवा संबंधी प्रकरणों का समाधान सरलता से किया जा सकेगा।


माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने बताया कि उप्र शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम 2023 में पदोन्नति तथा सेवा संबंधी मामलों का उल्लेख नहीं था, जिससे शिक्षकों की पदोन्नति व सेवा संबंधी मामलों के निस्तारण में कठिनाई आ रही थी। इस शासनादेश के प्रभावी होने से संबंधित मामलों के निस्तारण में सरलता होगी।


वहीं उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (चंदेल गुट) के प्रदेश मंत्री संजय द्विवेदी व पांडेय गुट के ओम प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि शिक्षक संगठनों की मांग पर यह शासनादेश जारी किया गया है। इस आदेश के जारी होने के बाद अधिकारियों को शिक्षकों के लंबित मामले जल्द से जल्द निस्तारित करना चाहिए।


शिक्षा विभाग के सभी कार्यालयों का होगा सेफ्टी ऑडिट, ई ऑफिस की व्यवस्था भी जल्द होगी लागू

शिक्षा विभाग के सभी कार्यालयों का होगा सेफ्टी ऑडिट, ई ऑफिस की व्यवस्था भी जल्द होगी लागू 


लखनऊ। प्रयागराज स्थित शिक्षा निदेशालय में आग लगने की घटना के बाद बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग सतर्क हो गए हैं। विभाग ने जहां आग लगने के कारणों की पड़ताल शुरू की है, वहीं भविष्य में इससे बचाव की व्यवस्था दुरुस्त करने की कवायद भी शुरू कर दी है। इसके तहत बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग के कार्यालयों का सेफ्टी ऑडिट कराने के निर्देश दिए गए हैं।

शिक्षा निदेशालय में आग लगने की घटना का संज्ञान लेते हुए शासन ने तुरंत सचिव माध्यमिक शिक्षा विभाग की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी बनाई है। इसी क्रम में बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर पूरी घटना के बारे में जानकारी ली है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने कार्यालयों का सेफ्टी ऑडिट कराएं।


वहीं उन्होंने अधिकारियों को अपने यहां ई- ऑफिस की व्यवस्था को भी जल्द से जल्द पूरी तरह प्रभावी करने के निर्देश दिए हैं। ताकि इस तरह की घटना में किसी रिकॉर्ड के जलने या उसके खोने, किसी तरह की हेरफेर की संभावना पर भी पूरी तरह रोक लगाई जा सके।


चार मंडलों की 250 फाइलें हुई हैं क्षतिग्रस्त

निदेशालय में आग लगने की घटना के बाद विभाग की ओर से बताया गया है कि सामान्य प्रथम व द्वितीय अनुभाग से लगे केंद्रीय रसीद अनुभाग, लेखा अनुभाग (उच्च शिक्षा) में आग लगने से फर्नीचर जला है। वहीं सामान्य प्रथम व द्वितीय अनुभाग में आग लगने के कारण चार मंडलों से संबंधित 250 गतिमान पत्रावलियां जली या क्षतिग्रस्त हुई हैं। यहां अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों के प्रबंधकीय विवाद, विद्यालय में शिक्षक-शिक्षणेत्तर कर्मियों के वरिष्ठता विवाद, उच्च न्यायालय से संबंधित कार्य से जुड़ी फाइलें थीं। अपर शिक्षा निदेशक सुरेंद्र तिवारी ने बताया कि जल गई पत्रावलियों को जिला, मंडल, शासन, उच्च न्यायालय में लगाए गए दस्तावेजों व ई-मेल आदि पर सुरक्षित अभिलेखों से फिर तैयार कर दी जाएंगी।


शिक्षा निदेशालय में लगी आग के लिए शासन ने बनाई 5 सदस्यीय जांच कमेटी, एडेड स्कूलों के तबादले व इससे संबंधित फाइलों के जलने की आशंका, रिकॉर्ड पूरी तरह से खत्म होने की बात निराधार

सचिव माध्यमिक शिक्षा की अध्यक्षता में बनी पांच सदस्यीय कमेटी

लखनऊ। प्रयागराज स्थित शिक्षा निदेशालय में आग लगने की घटना का शासन ने संज्ञान लिया है। जिन तीन अनुभागों में आग लगी थी, उन्हें सोमवार को सील कर दिया गया। माध्यमिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाई है। इसे 15 दिन में रिपोर्ट देने को कहा गया है।

उन्होंने बताया कि माध्यमिक शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी इस आग लगने की घटना की जांच करेगी। इसमें माध्यमिक शिक्षा निदेशक, एडीएम प्रयागराज, मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रयागराज व उच्च शिक्षा निदेशक की ओर से नामित वरिष्ठ अधिकारी कमेटी में शामिल किए गए हैं। कहाँ, कि जांच समिति 15 दिन में अपनी जांच रिपोर्ट व संस्तुति उनके सामने प्रस्तुत करेगी।

वहीं विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों के अनुसार शिक्षा निदेशालय में पिछले दिनों ही काफी बजट खर्च कर बिल्डिंग का रिनोवेशन कराया गया था। ऐसे में शॉर्ट सर्किट से आग लगने की बात पर सवाल उठ रहे हैं। दूसरी तरफ माध्यमिक शिक्षक संगठनों ने यह आशंका जताई है कि पिछले साल अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में काफी संख्या में तबादले हुए थे।


रिकॉर्ड पूरी तरह से खत्म होने की बात निराधार

इस अग्निकांड में इससे जुड़ी फाइलें जली हैं। इतना ही नहीं तदर्थ शिक्षकों के भुगतान आदि से जुड़ी फाइलें भी जलने की आशंका जताई जा रही है। वहीं विभाग ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि किस तरह की फाइलें जली हैं या सभी फाइलें सुरक्षित हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने कहा कि किसी भी तरह के रिकॉर्ड अब डीआईसीआई, सहायक निदेशक, अपर निदेशक व निदेशालय में रहते हैं। ऐसे में कोई भी रिकॉर्ड पूरी तरह से खत्म होने की बात निराधार है।



तारों के जाल के बीच आग बुझाने के नहीं हैं कोई इंतजाम, इतने बड़े हादसे के बाद भी सबक नहीं ले रहा शिक्षा निदेशालय


प्रयागराज। शिक्षा निदेशालय भवन में आग लगने की पहली घटना नहीं है। इसके पहले भी अगलगी की घटनाएं हो चुकी हैं। हालांकि रविवार को हुए हादसे के बावजूद विभाग सबक नहीं ले रहा है। वर्षों से जर्जर तारों के भरोसे बिजली सप्लाई आज भी जारी है। इन जर्जर तारों से घटना के चौबीस घंटे बाद सोमवार को भी चिंगारी निकलती रही। कर्मचारियों का कहना है कि जर्जर तारों के शॉर्ट करने और चिंगारी निकलना रोजाना की बात हो गई है। शिक्षा निदेशालय के भूतल में रविवार सुबह तीन कमरों में आग लगी थी। आग में सामान्य प्रभाग प्रथम व द्वितीय में अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों की पांच हजार से अधिक महत्वपूर्ण फाइलें जलकर राख हो गई। वहीं केंद्रीय रसीद अनुभाग व लेखा अनुभाग में भी रखी फाइलें जल गई। प्रथम दृष्टया शॉर्ट सर्किट को आग की वजह बताया गया है। हालांकि जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित कर दी गई है। 

इधर, निदेशालय के अधिकतर विभागों व कक्षों में जर्जर बिजली के तार भविष्य में भी ऐसी घटनाओं का संकेत दे रहे हैं। जिन कमरों में आग लगी थी, उससे चंद कदम दूर बिजली की मेन बोर्ड से सोमवार दोपहर भी चिंगारी निकल रही थी। पूरे भवन में जगह-जगह कटे तारों में खुला जोड़ दिखा। कर्मचारियों ने बताया कि डर के साये में काम करना पड़ता है। हमेशा तारों के शॉर्ट होने से चिंगारी निकलती रहती है।


धूल फांक रहा अग्निशमन यंत्र

जिन कमरों में आग लगी उनसे चंद कदम दूर दीवार पर दो अग्निशामक यंत्र धूल फांक रहे हैं। इन सिलेंडरों का आग लगने के बाद इस्तेमाल तक नहीं किया गया। कर्मचारियों ने बताया कि समय से रिफलिंग नहीं होने से अग्निशमन यंत्र बेकार पड़े है। इतने बड़े विभाग में कहीं भी आग बुझाने का सही इंतजाम नहीं है।

15 दिन में देनी है रिपोर्ट

अग्निकांड की जांच के लिए उच्च स्तरीय पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। सचिव माध्यमिक शिक्षा को समिति का अध्यक्ष बनाय गया है। जबकि शिक्षा निदेशक (माध्यमिक), शिक्षा निदेशक (उच्च), अपर जिलाधिकारी व मुख्य अग्निशमन अधिकारी को सदस्य मनोनीत किया गया है। समिति को 15 दिन के अंदर जांच कर रिपोर्ट देना है। आग लगे तीनों कमरों व सीसीटीवी कंट्रोल रूम को सीज कर दिया गया है। सीएफओ डॉ आरके पांडेय ने सोमवार को टीम के साथ पहुंचकर मुआयना किया।

तीन साल पहले हुई थी वायरिंग

विभागीय सूत्रों की मानें तकरीबन तीन साल पहले वायरिंग का टेंडर हुआ था लेकिन, मानक के अनुरूप काम नहीं किया गया। यहां तक कि जगह-जगह खुले तार छोड़ दिए गए। कुछ कार्यालयों व कक्षों में पुराने जर्जर तारों को बदला तक नहीं गया। आज भी जर्जर तारों के भरोसे बिजली सप्लाई चल रही है।

बड़ा सवाल, कैसे खुले अनुभागों के दरवाजे

प्रयागराज। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में जिन तीन अनुभागों में आग लगने की घटना का वीडियो वायरल हुआ है, उसमें तीनों अनुभाग के दरवाजे खुले नजर आ रहे हैं। निदेशालय में शनिवार व रविवार का साप्ताहिक अवकाश था। रविवार को सुबह आठ बजे के आसपास आग लगने की घटना हुई और उस वक्त निदेशालय में सन्नाटा था।

अनुभागों में रखे कंप्यूटर भी हुए क्षतिग्रस्त

अग्निकांड में माध्यमिक शिक्षा विभाग के अनुभागों में रखे कंप्यूटर भी राख हो गए। सूत्रों का कहना है कि इन कंप्यूटरों में जांच से जुड़ी फाइलों की कई महत्वपूर्ण जानकारियां मौजूद थीं। कंप्यूटर इस कदर जले हैं कि उनसे महत्वपूर्ण जानकारियों की रिकवरी कर पाना भी काफी मुश्किल होगा।

80 मीटर की गैलरी में सिर्फ एक कैमरा

माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के जिन तीन अनुभागों में आग लगी, वे 80 मीटर लंबी गैलरी में स्थित हैं। इस गैलरी में दो दर्जन कमरे हैं और गैलरी के बीचो-बीच सिर्फ एक सीसीटीवी कैमरा लगा है। वहां के कर्मचारियों को भी नहीं पता कि कैमरा ठीक से काम कर रहा है या नहीं। हालांकि, इस कैमरे में तीनों अनुभाग कवर होते हैं।


प्रयागराज। सिविल लाइंस स्थित शिक्षा निदेशालय में आग लगने का कारण जानने के लिए अग्निशमन विभाग की टीम सोमवार सुबह दस बजे घटनास्थल पर पहुंची। जिन तीन कमरों में आग लगी थी, उनकी जांच की गई। साथ ही पता लगाया कि घटना के 24 घंटे बाद भी कमरे से कहीं धुआं तो नहीं निकल रहा है। हालांकि, अग्निशमन विभाग को आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है।

हजारों फाइल जलने के मामले में बिल्डिंग में बिजली व्यवस्था और आग से बचने के इंतजाम को लेकर पोल खुल गई है। पूरे बिल्डिंग परिसर में खुले में बिजली के तारों का मकड़जाल फैला हुआ है। जगह-जगह खुले तार हैं। यही नहीं, बिल्डिंग परिसर में आग बुझाने के इंतजाम भी पूरी तरह से चौपट हैं। प्रवेश द्वार के पास ही अग्निशमन यंत्र लगा हुआ है। लेकिन, ये दिखने में काफी पुराना है।

इसपर चस्पा स्टीकर में भी कुछ नहीं लिखा है। यहां मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि ये न जाने कितने सालों से ऐसा ही लगा है। इसकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है। जिन जगहों पर अग्निशमन यंत्र लगा भी तो वह एक्सपायरी डेट के हैं। यानी अगर कोई बड़ा हादसा हो जाए तो बचने के कोई खास इंतजाम नहीं है। मुख्य अग्निशमन अधिकारी डॉ. आरके पांडेय ने बताया कि जांच की जा रही है।


चर्चा... कंप्यूटर खुला होने से शॉर्ट सर्किट की आशंका

शनिवार और रविवार को कार्यालय बंद होने के बावजूद आग की घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। विभाग में चर्चा है कि कंप्यूटर खुला होने की वजह से शॉर्ट सर्किट हुआ होगा। जिससे आग ने विकराल रूप ले लिया। अगर बिजली को पूरी तरह से शटडाउन कर दिया जाता तो शायद यह हादसा नहीं होता।



एडेड कॉलेजों के विवादों का कैसे होगा निपटारा? आग की भेंट चढ़ी हजारों फाइलें, फिर से रिकॉर्ड ढूंढना होगा मुश्किल, आग लगने के पीछे साजिश की आशंका पर जांच समिति गठित 
 

शिक्षा निदेशालय के दो महत्वपूर्ण अनुभागों में रविवार सुबह आग लगने से कई सवाल उठने लगे हैं। सूत्रों के अनुसार आग ने उन सेक्शनों को चपेट में लिया, जहां एडेड कॉलेज (अशासकीय माध्यमिक विद्यालय) से जुड़ी अतिसंवेदनशील फाइलें रखी गई थीं। सभी फाइलें जलकर नष्ट होने से फिर से रिकॉर्ड ढूंढना मुश्किल है। चौंकाने वाली बात यह है कि आग खासतौर पर ऐसे समय में लगी, जब कई एडेड कॉलेजों की जांच प्रक्रियाएं चल रही है।
 

शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने आग लगने के कारणों की गहन जांच के आदेश दिए हैं। प्रथम दृष्टया शॉर्ट सर्किट की संभावना जताई जा रही है, लेकिन साजिश से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। आग कैसे व किन परिस्थितियों में लगी, इसका जांच के बाद खुलासा होगा। हालांकि आग लगने से प्रबंधकीय माध्यमिक विद्यालयों के लंबे समय से लंबित मामलों की भी जुड़ी फाइलें शामिल थीं। विभागीय सूत्रों की मानें तो इसमें शिक्षकों की नियुक्ति, स्थानांतरण व वेतन भुगतान के विवादों के अलावा प्रबंधकीय विवाद पव लंबित मुकदमें से जुड़ी महत्वपूर्ण फाइलें थी। इसमें दस से अधिक मंडलों के माध्यमिक विद्यालयों की फाइलें आग से पूरी तरह राख हो गई हैं।

ड्यूटीरत कर्मचारियों से होगी पूछताछ

शिक्षा विभाग की मानें तो जिस वक्त आग लगी थी, उस वक्त वहां आउस सोर्सिंग गार्ड के अलावा कैंटीन के कर्मचारी समेत कुछ अन्य लोग मौजूद थे। रविवार को अवकाश का दिन होने से विभाग के कार्यालयों व अनुभागों के कक्ष में ताला लगा था। अंदर लाइट भी बंद थी, ऐसे में शार्ट सर्किट से कैसे आग लग सकती है, इस पर सवाल उठने लगे हैं। विभाग की ओर से गठित जांच समिति घटना के वक्त ड्यूटीरत व मौजूद लोगों से गहनता से पूछताछ करेगी। इसके साथ ही आस-पास लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला जाएगा।

घटना की जांच के लिए समिति गठित

अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक सुरेंद्र तिवारी ने बताया कि प्रथम दृष्टया आग लगने का मुख्य कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है। हालांकि घटना के हर पहलू की गहनता से जांच करने के लिए सचिव माध्यमिक शिक्षा विभाग की अध्यक्षता में जांच समिति गठित कर दी गई है। समिति में एडीएम सिटी और सीएफओ को भी शामिल किया गया है। घटना की गहराई से जांच करने और आवश्यक कदम उठाने के लिए पुलिस को भी तहरीर दी गई है।

डीआईओएस और ज्वाइंट डायरेक्टर की लेंगे मदद

शिक्षा निदेशालय के सूत्रों की मानें तो डीआईओएस व ज्वाइंट डायरेक्टर के कार्यालयों से संपर्क कर आग में जलकर राख हुई फाइलों के संबंध में रिकॉर्ड मांगा जाएगा। हालांकि केंद्रीय रसीद अनुभाग व लेखा अनुभाग से जुड़ी कुछ फाइलों का रिकॉर्ड तो मिल सकती है, लेकिन एडेड कॉलेजों के रिकॉर्ड मिलना नामुमकिन होगा। शिक्षा निदेशालय के भूतल में एक बड़े हॉल में सामान्य (1) के प्रथम व द्वितीय प्रभाग बनाया गया था। इसमें एडेड कॉलेजों की फाइलें रखी थी। इनका कोई ऑनलाइन डाटा भी उपलब्ध नहीं है।



शिक्षा निदेशालय में भीषण आग में पांच हजार से ज्यादा फाइलें जलकर राख, घटना की जांच के लिए समिति गठित
 
उत्तर प्रदेश शिक्षा निदेशालय के मुख्य भवन में रविवार सुबह अज्ञात कारणों से आग लग गई। तीन कमरों में लगी आग में अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों से जुड़ी लगभग पांच हजार से अधिक फाइलें जलकर नष्ट हो गईं। अग्निशमन कर्मचारियों ने तीन घंटे के प्रयास के बाद आग पर काबू किया। सहायक उप शिक्षा निदेशक अनुराग श्रीवास्तव ने सिविल लाइंस थाने में तहरीर देकर आग लगने के कारणों की जांच करने की मांग की है।

सिविल लाइंस स्थित शिक्षा निदेशालय के मुख्य भवन के भूतल पर स्थित सामान्य (1) के प्रथम व द्वितीय प्रभाग में रविवार सुबह लगभग आठ बजे आग की लपटें व धुआं निकलता दिखा। गार्ड प्रियांशु यादव ने तत्काल फार्म सहायक मोहम्मद सैफी को जानकारी दी। फार्म सहायक की सूचना पर थोड़ी देर में फायर ब्रिगेड पहुंच गई। हालांकि तब तक आग बगल में स्थित केंद्रीय रसीद अनुभाग व लेखा अनुभाग (उच्च शिक्षा) तक फैल गई। सूचना पर विभागीय अधिकारी व कर्मचारी और सिविल लाइंस पुलिस भी पहुंच गई।

दो दमकल की मदद से अग्निशमनकर्मियों ने तीन घंटे में आग पर काबू किया हालांकि तब तक सामान्य प्रभाग में लगभग पांच हजार से अधिक फाइलें पूरी तरह नष्ट हो गई। इसमें अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों की नियुक्ति, वेतन भुगतान, स्थानांतरण, प्रबंधकीय विवाद व लंबित मुकदमों की महत्वपूर्ण फाइलें शामिल थीं। वहीं केंद्रीय रसद व लेखा विभाग में भी रखी सैकड़ों फाइलें आग की भेंट चढ़ गई। एडीसीपी अभिजीत कुमार ने बताया कि शिक्षा निदेशालय के मुख्य भवन में लगी आग को अग्निशमन विभाग ने काबू कर लिया है। विभाग की तहरीर के आधार पर पुलिस मामले की जांच कर रही है।

घटना की जांच के लिए समिति गठित

अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक सुरेंद्र तिवारी ने बताया कि प्रथम दृष्टया आग लगने का मुख्य कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है। हालांकि घटना के हर पहलू की गहनता से जांच करने के लिए सचिव माध्यमिक शिक्षा विभाग की अध्यक्षता में जांच समिति गठित कर दी गई है। समिति में एडीएम सिटी और सीएफओ को भी शामिल किया गया है। घटना की गहराई से जांच करने और आवश्यक कदम उठाने के लिए पुलिस को भी तहरीर दी गई है।


Tuesday, April 29, 2025

पुरानी पेंशन के लिए दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक मई को प्रस्तावित रैली स्थगित, पुरानी पेंशन को लेकर सोशल मीडिया पर 30 अप्रैल को चलाएंगे अभियान

एक मई को पुरानी पेंशन के लिए दिल्ली में प्रस्तावित धरना स्थगित, पुरानी पेंशन को लेकर सोशल मीडिया पर 30 अप्रैल को चलाएंगे अभियान


लखनऊ। देश भर के शिक्षकों, कर्मचारियों और अधिकारियों ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले को देखते हुए एक मई को दिल्ली के जंतर मंतर पर पुरानी पेंशन बहाली के लिए प्रस्तावित धरना-प्रदर्शन को स्थगित कर दिया है।

नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने रविवार को शिक्षक, कर्मचारियों, अधिकारियों की ऑनलाइन बैठक में कहा कि देश पहले है बाकि मुद्दे बाद में है। पहलगाम आतंकी हमले से पूरा देश दुखी, गुस्से व आक्रोश में है। देश का शिक्षक, कर्मचारी मांग करता है कि आतंकवादियों पर कठोरतम कार्रवाई की जाए। देश का एक करोड़ शिक्षक, कर्मचारी, अधिकारी केंद्र सरकार के देश हित में लिए गए निर्णय के साथ है। कहा कि एक मई को जंतर मंतर पर प्रस्तावित प्रदर्शन स्थगित किया है।

30 अप्रैल को देश भर में एक्स पर पुरानी पेंशन के लिए अभियान चलाया जाएगा। इसके बाद पहलगाम आतंकी हमले में मृतकों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक मई को सभी जिला मुख्यालयों शिक्षक, कर्मचारी व अधिकारी कैंडल मार्च निकालकर श्रद्धांजलि सभा करेंगे। 



पुरानी पेंशन के लिए दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक मई को प्रस्तावित रैली स्थगित

एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) के खिलाफ और पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग के लिए एक मई को दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रस्तावित राष्ट्रीय स्तर पर रैली स्थगित कर दी गई है। पुरानी पेंशन बहाली के लिए प्रतिबद्ध राष्ट्रीय संगठन (एनएमओपीएस) की ओर से रविवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार देशहित में प्रस्तावित रैली स्थगित कर दी गई है। वहीं, 30 अप्रैल को सोशल मीडिया एक्स पर देशभर में ऑल इंडिया ट्विटर कैंपेन चलाने का निर्णय लिया गया है। 


एक मई को संगठन से जुड़े देश भर के एक करोड़ से अधिक शिक्षक, कर्मचारी एवं अधिकारी सभी जिला मुख्यालयों में पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए भारतीयों को श्रद्धांजलि देने के लिए कैंडल मार्च निकालेंगे और श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा। 


Monday, April 28, 2025

तदर्थवाद की समाप्ति के बाद कॉलेज प्रबंधन अल्पकालिक नियुक्ति नहीं कर सकता : हाईकोर्ट

तदर्थवाद की समाप्ति के बाद कॉलेज प्रबंधन अल्पकालिक नियुक्ति नहीं कर सकता : हाईकोर्ट


प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि इंटरमीडिएट शिक्षा का उल्लंघन कर की गई नियुक्ति शून्य होगी। तदर्थवाद को समाप्त कर दिया गया है। 25 जनवरी 1999 के बाद अध्यापकों की नियुक्ति का अधिकार माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड को दे दिया गया है। प्रबंध समिति अल्पकालिक रिक्त पद पर नियुक्ति नहीं कर सकती।


तदर्थ नियुक्ति को नियमित करने का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे में प्रबंध समिति की ओर से नियुक्त अध्यापक को वेतन भुगतान करने का राज्य सरकार को निर्देश नहीं दिया जा सकता।

कोर्ट ने विपक्षी याची राज कुमारी को नियमित कर वेतन भुगतान करने के एकलपीठ के 16 मई 2024 को पारित आदेश को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि याची अध्यापिका चाहे तो प्रबंध समिति से वेतन की मांग कर सकती है। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र तथा न्यायमूर्ति पीके गिरी की खंडपीठ ने राज्य सरकार की विशेष अपील को स्वीकार करते हुए दिया है।


अलीगढ़ स्थित बिशारा इंटर कॉलेज में 2005 में पद की रिक्ति हुई। बोर्ड से एक चयनित अध्यापक नहीं आया तो प्रबंध समिति ने 9 मई 2005 को याची की तदर्थ शिक्षक के रूप में नियुक्त कर लिया। 5 फरवरी 2024 को नियमित करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया जिसे अस्वीकार कर दिया गया। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की। एकलपीठ ने 16 मई 2024 के आदेश से नियमित कर वेतन भुगतान का आदेश दिया। इसके खिलाफ राज्य सरकार ने अपील दाखिल की।


राज्य सरकार का कहना था कि रिक्त पद पर प्रबंध समिति किसी की भी नियुक्ति नहीं कर सकती। रिक्तियां केवल बोर्ड से की जानी थी। सरकार ने तदर्थवाद को खत्म करने के लिए कानूनी प्रावधानों के विपरीत नियुक्ति को शून्य करार दिया है। इसलिए एकलपीठ का आदेश विधि के खिलाफ है। कोर्ट ने पक्षों को सुनने के बाद सरकार की अपील स्वीकार कर ली।

प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के अवशेष देयकों के निस्तारण के सम्बन्ध में

प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के अवशेष देयकों के निस्तारण के सम्बन्ध में।


Sunday, April 27, 2025

30 अप्रैल तक यूपी बोर्ड में छुट्टी, कार्यालय खुलते ही ग्रीवांस सेल का संचालन होगा शुरू

30 अप्रैल तक यूपी बोर्ड में छुट्टी, कार्यालय खुलते ही ग्रीवांस सेल का संचालन होगा शुरू


प्रयागराज। हाईस्कूल व इंटरमीडिएट का परीक्षा परिणाम घोषित किए जाने के बाद यूपी बोर्ड में 30 अप्रैल तक अवकाश घोषित कर दिया गया है। दरअसल, हर साल परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद यूपी बोर्ड कार्यालय में तीन दिनों का अवकाश घोषित किया जाता है। शनिवार व रविवार को साप्ताहिक अवकाश है। इसके बाद सोमवार से बुधवार तक छुट्टी रहेगी और बृहस्पतिवार (एक मई) से बोर्ड कार्यालय खुल जाएगा। 


बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने बताया कि कार्यालय खुलते ही ग्रीवांस सेल का संचालन शुरू कर दिया जाएगा, ताकि परीक्षार्थियों की समस्याओं का निराकरण किया जा सके। हालांकि, लगातार तीसरे साल किसी भी परीक्षार्थी का परिणाम अपूर्ण नहीं है। पूर्व के वर्षों में अपूर्ण परिणाम रहने के कारण परीक्षार्थी महीनों जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से लेकर बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालयों तक के चक्कर लगाते रहते थे।

इस बार खास होंगे यूपी बोर्ड प्रमाणपत्र सह अंकपत्र, अगले माह स्कूलों से किए जाएंगे वितरित

यूपी बोर्ड मार्कशीट में किसी भी तरह की छेड़छाड़ असंभव, ब्लेड या किसी दूसरी वस्तु से खुरचकर शब्द या अंक को अब बदला नहीं जा सकेगा, मार्कशीट फटेगी न ही गलेगी

इस बार खास होंगे यूपी बोर्ड प्रमाणपत्र सह अंकपत्र, अगले माह स्कूलों से किए जाएंगे वितरित


प्रयागराज। यूपी बोर्ड के परीक्षार्थियों को दिए जाने वाले अंकपत्र सह प्रमाणपत्र इस बार खास होंगे। मार्कशीट न फटेगी और न ही गलेगी। इन पर अंकित शब्दों या अंकों से कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकेगी। अंकपत्र सह प्रमाणपत्र के वितरण में अभी एक माह का वक्त लगेगा।

अंकपत्र में लगे विशेष मोनोग्राम का रंग धूप में लाल हो जाएगा और छांव में उसका रंग बदल जाएगा। अंकपत्र पर एक विशेष प्रकार की स्याही का इस्तेमाल किया गया है, ताकि चाय, कॉफी या कोई भी पेय पदार्थ, सब्जी आदि गिरने के बाद भी यह खराब न हो और कपड़े से पोंछते ही वह साफ हो जाए। अंकपत्र ऐसे कागज पर छपवाया गया है, जो आसानी से फटेगा नहीं। अंकपत्र पर लेमिनेशन की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।

इसकी एक विशेषता यह भी है कि अंकपत्र के नीचे पट्टी पर डिजाइन बनी है, लेकिन फोटोकॉपी कराने पर अंकपत्र की छायाप्रति में नीचे बनी पट्टी पर डिजाइन नजर नहीं आएगी और पट्टी पर जगह-जगह 'कॉपी' लिखा हुआ दिखने लगेगा।

पहले मार्कशीट का आकार छोटा होता था और अब यह ए-फोर आकार में होगी। मार्कशीट में फ्लोरोसेंट लोगो और नंबरिंग केवल यूवी लाइट में दिखेगी, ताकि असली व नकली में आसानी से फर्क किया जा सके। मार्कशीट में अंकित प्रविष्टियों में किसी भी प्रकार का बदलाव, जैसे शब्द या अंक को बदलना या ब्लेड अथवा दूसरी वस्तु से खुरचकर लिखना आदि असंभव होगा। मार्कशीट पर माता-पिता का नाम हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में होगा।

यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने बताया कि अंकपत्र सह प्रमाणपत्र के वितरण में एक माह का वक्त लगेगा। विद्यार्थियों को अंकपत्र स्कूलों से वितरित किए जाएंगे।



परिणाम देने में CBSE और CISCE से फिर आगे निकला यूपी बोर्ड,  देर से परीक्षाएं शुरू होने के बाद भी सबसे पहले परिणाम

प्रयागराज : हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा का परिणाम देने में यूपी बोर्ड एक बार फिर काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से आगे निकल गया। सीआईएससीई की 12वीं की परीक्षा 14 फरवरी से और 10वीं की परीक्षा 18 फरवरी से शुरू हुई थी जबकि सीबीएसई की 10वीं-12वीं की परीक्षाएं 15 फरवरी से शुरू हुई थीं। यूपी बोर्ड की परीक्षाएं सबसे अंत में 24 फरवरी से 12 मार्च तक 13 कार्यदिवसों में कराई गई थी।

अभी सीआईएससीई और सीबीएसई के परिणाम कुछ अता-पता नहीं है जबकि पूरे देश में सर्वाधिक छात्र-छात्राओं की परीक्षा कराने वाला यूपी बोर्ड महज डेढ़ महीने के अंदर शुक्रवार को परिणाम घोषित करने जा रहा है। पिछले साल भी यूपी बोर्ड ने बाजी मारी थी। 2024 में यूपी बोर्ड ने 20 अप्रैल को 10वीं-12वीं का परिणाम घोषित कर दिया था। जबकि सीआईएससीई ने छह मई और सीबीएसई ने 13 मई को परिणाम घोषित किया था। समय से परिणाम घोषित होने का फायदा हाईस्कूल के छात्रों को होगा क्योंकि वे इंटर में विज्ञान, वाणिज्य या कला विषय का विकल्प चुन सकेंगे। वहीं दूसरे बोर्ड के परीक्षार्थी परिणाम घोषित होने तक असमंजस की स्थिति में बने रहेंगे।



न फाड़ा जा सकेगा, न पानी में गलेगा यूपी बोर्ड परीक्षा का अंकपत्र/प्रमाणपत्र


प्रयागराज : यूपी बोर्ड की वर्ष 2025 की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा में सम्मिलित हुए करीब 51 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं को पहली बार ऐसा अंकपत्र/प्रमाणपत्र दिया जाएगा, जिसे काटा एवं फाड़ा नहीं जा सकेगा। यह पानी में भींगने पर भी नहीं गलेगा। दीमक भी इसे नष्ट नहीं कर सकेंगे। इसमें सुरक्षा की दृष्टि से कई आधुनिक फीचर भी प्रयुक्त किए गए हैं। इसके चलते फर्जी अंकपत्र/प्रमाणपत्र की आसानी से पहचान हो सकेगी।

परीक्षा आरंभ होने से पहले ही यूपी बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने वर्ष 2025 की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा के अंकपत्र/प्रमाणपत्र के डिजायन एवं गुणवत्ता में आमूल चूल परिवर्तन की तैयारी शुरू कर दी थी, जिसे पूरा कर लिया गया है। 

अंकपत्र का आकार पूर्व की तुलना में थोड़ा बड़ा किया गया है, जो ए-4 आकार में नान टियरेबल (न फटने वाले) पेपर पर है। इस पेपर पर बने अंकपत्र को पूरी ताकत लगाकर भी फाड़ा नहीं जा सकेगा। पानी में भीगने पर भी खराब नहीं होगा। पुराना होने पर अंकपत्र को दीमक चाट जाते थे, लेकिन इसे दीमक भी नुकसान नहीं पहुंचा सकेंगे। अंकपत्र के बैकग्राउंड में माइक्रो लेटर प्रयुक्त किए गए हैं।




यूपी बोर्ड: परिणाम आने के बाद 10वीं व 12वीं की ऑनलाइन मिलेगी डुप्लीकेट मार्कशीट, डिजी लॉकर में कर सकेंगे सुरक्षित, वेबसाइट पर रहेगी ऑनलाइन मार्कशीट

प्रयागराज : एशिया के सबसे बड़े शिक्षा बोर्ड उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज (यूपी बोर्ड) के हाई स्कूल और इण्टरमीडिएट का रिजल्ट 25 अप्रैल के बाद किसी भी दिन घोषित हो सकता है लेकिन इस बार यूपी बोर्ड ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के 54 लाख से अधिक परिक्षार्थियों के लिए पहली बार रिजल्ट की घोषणा के तुरंत बाद आनलाइन डुप्लीकेट मार्कशीट देने जा रहा है जबकि पहले बोर्ड रिजल्ट घोषित होने के बाद विषयवार अंक देता था।

इस बार यूपी बोर्ड हाई स्कूल और इण्टरमीडिएट रिजल्ट की घोषणा के तुरंत बाद आनलाइन अंकपत्र का डुप्लीकेट देगा जो मूल मार्कशीट की तरह होगा। इस मार्कशीट की डिजाइन मूल मार्कशीट की तरह होगी। नाम, पिता का नाम, जन्म तिथि, अनुक्रमांक, पंजीकरण संख्या, विषयवार अंक सहित अन्य पूरा विवरण होगा जिससे परीक्षार्थियों को कहीं प्रवेश लेने में परेशानी ना हो। जबकि पहले रिजल्ट घोषित होने के बाद परीक्षार्थी को अंकों का विषयवार विवरण मिलता था।

यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने बताया कि इस बार मार्कशीट को नयी डिजाइन, कलर के साथ दिया जा रहा है, यह वाटरप्रूफ है। उन्होंने बताया कि इस बार जिस दिन हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का रिजल्ट जारी होगा उसी के कुछ मिनट बाद बोर्ड हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के डुप्लीकेट मार्कशीट को आनलाइन जारी करने जा रहा है, इससे परीक्षार्थियों को सुविधा होगी और उनको कहीं प्रवेश लेने में परेशानी नहीं होगी। सचिव ने बताया कि रिजल्ट घोषित होने के 15 दिन के भीतर मूल मार्कशीट परीक्षार्थियों के विद्यालय से उनको मिल जाएगी।

सचिव ने बताया कि इस बार रिजल्ट के साथ जो आनलाइन मार्कशीट जारी होगी उसको लोग अपने डीजी व लाकर में सुरक्षित कर सकते हैं, यूपी बोर्ड भी उसको अपनी वेबसाइट पर प्र आनलाइन रखेगा जिससे कि कोई भी विभाग बोर्ड की वेबसाइट पर जाकर सत्यापन कर सके। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष हाईस्कूल और इंटरमीडिएट व में 5437233 परीक्षार्थी पंजीकृत व थे जिनमें से 302508 (5.56%) अनुपस्थित रहे। पिछले साल 2024 की 10वीं-12वीं परीक्षा में पंजीकृत 5525342 परीक्षार्थियों में से 323166 (5.84 फीसदी) गैरहाजिर थे।




24 अप्रैल के बाद किसी भी दिन जारी होंगे यूपी बोर्ड के परीक्षा परिणाम

यूपी बोर्ड के सचिव ने किया स्पष्ट, 25 अप्रैल से पहले घोषित नहीं होगा रिजल्ट


प्रयागराज। यूपी बोर्ड 24 अप्रैल के बाद किसी भी दिन वर्ष-2025 की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाओं का परिणाम जारी कर सकता है। सोशल मीडिया पर नतीजे को लेकर चल रहीं कयासबाजियों पर विराम लगाते हुए बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने स्पष्ट किया है कि परिणाम 25 अप्रैल से पहले घोषित नहीं किया जाएगा।



बोर्ड के सूत्रों का कहना है कि परीक्षा परिणाम 26 अप्रैल को जारी किया जा सकता है, क्योंकि रिजल्ट तैयार करने की प्रक्रिया अंतिम दौर में है। यूपी बोर्ड की परीक्षा में शामिल 51 लाख से अधिक परीक्षार्थियों को परिणाम का इंतजार है।

इस बार बोर्ड ने कॉपियों का मूल्यांकन 15 दिनों में पूरा करा लिया था। मूल्यांकन कार्य 19 मार्च से दो अप्रैल तक प्रदेश के 261 केंद्रों में कराया गया। इसके बाद बोर्ड ने सात से नौ अप्रैल तक हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में शामिल परीक्षार्थियों के शैक्षिक विवरण में त्रुटि संशोधन के लिए आवेदन लिए।

इस बीच बोर्ड ने प्रयोगात्मक परीक्षा में शामिल होने से वंचित रह गए परीक्षार्थियों के लिए सात एवं आठ अप्रैल को फिर से प्रयोगात्मक परीक्षाएं भी कराईं और इसके बाद रिजल्ट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की गई। इस बार हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा के लिए 54,37,233 परीक्षार्थी पंजीकृत थे।

एक और जिले में विद्यालय समय परिवर्तन आदेश जारी, देखें

एक और जिले में विद्यालय समय परिवर्तन आदेश जारी, देखें


अम्बेडकर नगर

आगरा
लखनऊ 


रायबरेली 
गोरखपुर 
सीतापुर 
आजमगढ़ 

कानपुर देहात

पीलीभीत 
बुलंदशहर 


श्रावस्ती 
कासगंज 
बदायूं 
फतेहपुर

महोबा 


औरैया 

अलीगढ़ 

संतकबीर नगर

मऊ 

लखीमपुर खीरी 
हाथरस


अमेठी

चंदौली 

उन्नाव

प्रतापगढ़ 

अमेठी 

एटा 

जालौन 

आगरा

सोनभद्र 


जौनपुर 

मीरजापुर 

बांदा 

इटावा 

चित्रकूट 

सुलतानपुर 

महोबा 


हमीरपुर 

प्रयागराज