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Sunday, May 25, 2025

एडेड कॉलेजों के शिक्षकों की पदोन्नति व दंड व्यवस्था समेत सेवा संबंधित सभी प्रकरणों के निस्तारण का अधिकार DIOS के पास

एडेड कॉलेजों के शिक्षकों की पदोन्नति व दंड व्यवस्था समेत सेवा संबंधित सभी प्रकरणों के निस्तारण का अधिकार  DIOS के पास 


लखनऊ। प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों के सेवा संबंधित प्रकरणों के निस्तारण का अधिकार डीआईओएस के ही पास है। नए शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन के बाद सेवा शर्तों को लेकर उठ रही शंकाओं के बीच माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने इसे लेकर स्थिति स्पष्ट की है।

सभी डीआईओएस को भेजे पत्र में डॉ. महेंद्र देव ने कहा है कि धारा-12 में किसी भी शिक्षक या अनुदेशक के तबादले, पदोन्नति, मृत आश्रित के रूप में नियुक्ति, अधिनियमों व नियमावलियों में दी गई व्यवस्था के अनुसार की जाएगी। इसी तरह धारा-16 के नियमों के अनुसार प्रधान, शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों की सेवा शर्त, स्थायीकरण, पदोन्नति, दंड, निलंबन, सेवा समाप्ति का अनुमोदन निर्धारित व्यवस्था के अनुसार होगा। इसके अनुसार ही डीआईओएस नियमानुसार कार्यवाही करेंगे



एडेड कॉलेजों के शिक्षकों की पदोन्नति करेंगे डीआईओएस,  शासन ने पदोन्नति की व्यवस्था में किया बदलाव

चयन बोर्ड नियमावली समाप्त पर नई व्यवस्था पहले जेडी की अध्यक्षता में समिति करती थी

प्रयागराज । प्रदेश के 4512 सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की पदोन्नति अब डीआईओएस करेंगे। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का विलय नवगठित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा आयोग में होने के बाद शासन ने पदोन्नति की व्यवस्था में बदलाव कर दिया है। पूर्व में चयन बोर्ड नियमावली के तहत एडेड कॉलेज के शिक्षकों की पदोन्नति जेडी की अध्यक्षता में गठित होने वाली तीन सदस्यीय समिति करती थी। इस समिति में डीआईओएस और एक जीआईसी के प्रधानाचार्य सदस्य हुआ करते थे।

अगस्त 2023 में नए आयोग के गठन के बाद चयन बोर्ड का उसमें विलय हो गया और उसके साथ ही पूरे प्रदेश में पदोन्नति की प्रक्रिया ठप हो गई। शिक्षक संगठनों के दबाव पर शासन के विशेष सचिव कृष्ण कुमार गुप्ता ने 28 अप्रैल को माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव को भेजे पत्र में साफ किया है कि इस प्रकरण में कोई नवीन व्यवस्था स्थापित होने तक एडेड कॉलेज के अध्यापकों के संवा संबंधी मामलों का निस्तारण माध्यमिक शिक्षा अधिनियम 1921 के अनुसार करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करें। 

इंटरमीडिएट एक्ट 1921 में सेवा संबंधी प्रकरणों के निस्तारण का अधिकार डीआईओएस के पास है। यह आदेश होने के बाद संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालयों में अगस्त 2023 से पड़ी पदोन्नति संबंधी फाइलें वापस डीआईओएस कार्यालय भेजी जाने लगी है। माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व एमएलसी सुरेश कुमार त्रिपाठी का कहना है कि यह आदेश पहले ही हो जाना चाहिए था। पदोन्नति न होने से शिक्षकों का आर्थिक नुकसान तो हो ही रहा था मानसिक रूप से प्रताड़ित महसूस कर रहे थे।



DIOS की कमिटी करेगी प्रमोशन की सिफारिश, एडेड माध्यमिक शिक्षकों और प्रधानाचार्यों के प्रमोशन की रुकावट फिलहाल दूर


लखनऊ : एडेड माध्यमिक इंटर कॉलेजों में शिक्षकों और प्रधानाचार्यों के प्रमोशन की रुकावट फिलहाल दूर हो गई है। प्रदेश सरकार ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को निर्देश दिए हैं कि जब तक शिक्षा सेवा चयन आयोग में नई व्यवस्था नहीं होती, तब तक इंटरमीडिएट ऐक्ट की व्यवस्था के तहत प्रमोशन किए जाएं। इस तरह अब DIOS की अध्यक्षता वाली कमिटी के जरिए प्रमोशन हो सकेंगे। 


इंटरमीडिएट ऐक्ट 1921 में बना था। उसमें DIOS की अध्यक्षता वाली कमिटी प्रमोशन की सिफारिश करती थी। 1982 में माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में यह व्यवस्था बन गई कि संयुक्त शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता वाली कमिटी प्रमोशन की सिफारिश करेगी।


 अब प्रदेश सरकार ने शिक्षा सेवा चयन आयोग गठित कर दिया है और तब से शिक्षकों के प्रमोशन रुके हैं। अब आयोग में नया प्रावधान जोड़ने के लिए ऐक्ट में संशोधन करना पड़ेगा। इस बीच शिक्षकों की मांग को देखते हुए माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने शासन से राय मांगी थी। इस पर शासन ने नई व्यवस्था दी है।



अशासकीय विद्यालयों के शिक्षकों की पदोन्नति का रास्ता हुआ साफ, पदोन्नति व सेवा संबंधी मामलों में माध्यमिक शिक्षा अधिनियम की व्यवस्था होगी लागू

माध्यमिक शिक्षा विभाग ने जारी किया शासनादेश, शिक्षक संगठनों ने जताई खुशी

लखनऊ। प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की सेवा सुरक्षा व पदोन्नति को लेकर चल रही मांग को शासन ने मान लिया है। इससे एडेड विद्यालयों के शिक्षकों की पदोन्नति का रास्ता भी साफ हो जाएगा। शिक्षक संगठनों ने इस पर खुशी जताई है।

प्रदेश में उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा आयोग के गठन के बाद से शिक्षक पहले से चल रही धारा 12 व धारा 16 को नए आयोग में शामिल करने व प्रभावी करने की मांग कर रहे थे। इसे लेकर शिक्षक एमएलसी ने विधान परिषद में भी मामला गया था।

इस क्रम में माध्यमिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव कृष्ण कुमार गुप्ता ने शासनादेश जारी किया है। उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम 2023 की धारा 12 व 16 में दी गई व्यवस्था के क्रम में एडेड विद्यालयों के शिक्षकों को सेवा संबंधित प्रकरणों का निस्तारण कर सकेंगे। माध्यमिक शिक्षा निदेशक इसके तहत व्यवस्था के लिए संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी करेंगे। इस शासनादेश के बाद एडेड माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की सेवा संबंधी प्रकरणों का समाधान सरलता से किया जा सकेगा।


माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने बताया कि उप्र शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम 2023 में पदोन्नति तथा सेवा संबंधी मामलों का उल्लेख नहीं था, जिससे शिक्षकों की पदोन्नति व सेवा संबंधी मामलों के निस्तारण में कठिनाई आ रही थी। इस शासनादेश के प्रभावी होने से संबंधित मामलों के निस्तारण में सरलता होगी।


वहीं उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (चंदेल गुट) के प्रदेश मंत्री संजय द्विवेदी व पांडेय गुट के ओम प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि शिक्षक संगठनों की मांग पर यह शासनादेश जारी किया गया है। इस आदेश के जारी होने के बाद अधिकारियों को शिक्षकों के लंबित मामले जल्द से जल्द निस्तारित करना चाहिए।


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