DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बाँदा बांदा बागपत बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर लख़नऊ वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Sunday, May 18, 2025

42 हजार परीक्षक यूपी बोर्ड मूल्यांकन कार्य में रहे अनुपस्थित

42 हजार परीक्षक यूपी बोर्ड मूल्यांकन कार्य में रहे अनुपस्थित

18 मई 
प्रयागराज। यूपी बोर्ड ने वर्ष 2025 की परीक्षाओं में अनुपस्थित रहे परीक्षकों की रिपोर्ट प्रदेश के सभी 261 केंद्रों के प्रधानाचार्यों से तलब की थी। शनिवार तक इनमें से 220 केंद्रों की रिपोर्ट माध्यमिक शिक्षा परिषद को मिल गई है।

 बोर्ड के सूत्रों का कहना कि इन 220 केंद्रों में तकरीबन 42 हजार परीक्षक मूल्यांकन कार्य में अनुपस्थित रहे। सभी अनुपस्थित परीक्षकों से साक्ष्य सहित कारण पूछा गया था। ऐसे परीक्षकों के स्पटीकरण से असंतुष्ट होने पर यूपी बोर्ड इन्हें मूल्यांकन एवं आगामी परीक्षाओं से संबंधित अन्य कार्यों से प्रतिबंधित कर सकता है। 



मूल्यांकन में अनुपस्थित रहे परीक्षकों को साक्ष्य सहित बताना होगा कारण, यूपी बोर्ड के सचिव ने एक हफ्ते का दिया था समय

15 मई 2025
प्रयागराज। यूपी बोर्ड की वर्ष 2025 की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाओं की कॉपियों के मूल्यांकन में गैरहाजिर रहे परीक्षकों को अपनी अनुपस्थिति का कारण भी बताना होगा। बोर्ड ने पूर्व निर्धारित समय के अनुरूप मूल्यांकन कार्य करा लिया था। 19 मार्च से दो अप्रैल तक चले मूल्यांकन कार्य के लिए एक लाख 41 हजार 510 परीक्षकों की ड्यूटी लगाई गई थी। मूल्यांकन के पहले दिन 73 हजार 951 परीक्षकों (52.27 फीसदी) ने उपस्थिति दर्ज कराई थी, जबकि 67559 परीक्षक अनुपस्थित थे।

बाद के दिनों में कुछ अनुपस्थित शिक्षक कॉपियों जांचने पहुंचे और केंद्रों में नियमित रूप से मौजूद रहे परीक्षकों ने 15 दिनों में कुल तीन करोड़ एक लाख 48 हजार 236 कॉपियों का मूल्यांकन पूरा कर लिया था। बोर्ड अब अनुपस्थित रहे परीक्षकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि राजकीय व एडेड विद्यालयों से परीक्षकों की उपस्थिति तो 90 फीसदी के आसपास रही लेकिन निजी विद्यालयों से नियुक्त किए गए परीक्षकों की गैरहाजिरी ज्यादा रही।

बोर्ड के सचिव ने एक मई को सभी जिला विद्यालयों निरीक्षकों व मूल्यांकन केंद्रों के उपनियंत्रकों/प्रधानाचार्यों से एक सप्ताह में अनुपस्थित रहे परीक्षकों के बारे में जानकारी तलब की थी। बोर्ड ने अनुपस्थित रहे उप प्रधान परीक्षक/परीक्षा का नाम, परीक्षा संख्या, विषय, विद्यालय का नाम और सुसंगत साक्ष्यों सहित अनुपस्थिति का कारण पूछा है। सूत्रों का कहना है कि अनुपस्थित रहे परीक्षकों की संख्या 50 हजार के आसपास है। ऐसे में हर जिले से जानकारी अभी इकट्ठा नहीं की सकी है। बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने बताया, इस हफ्ते सभी जिलों से रिपोर्ट आ जाने की उम्मीद है। 


नौकरी छोड़कर गए शिक्षकों की ड्यूटी लगने की आशंका

बोर्ड के सूत्रों का कहना है कि जुलाई-अगस्त में निजी विद्यालयों में नए शिक्षक ज्वाइन करते हैं और प्रबंधन से विवाद के बाद कुछ माह बाद नौकरी छोड़ देते हैं, लेकिन उनके नाम की लिस्ट वेबसाइट पर पड़ी रह जाती है और इसी लिस्ट के हिसाब से मूल्यांकन में उनकी ड्यूटी लग जाती है। यही वजह है कि मूल्यांकन में ज्यादातर निजी विद्यालयों के शिक्षक अनुपस्थित रहे।




मूल्यांकन नहीं करने वाले शिक्षकों को तलाश रहा यूपी बोर्ड, संदेह के चलते डीआईओएस से मांगी गई कुंडली 
 

यूपी बोर्ड परीक्षा का परिणाम 25 अप्रैल को घोषित हो चुका है। अब यूपी बोर्ड पूरे प्रदेश में ऐसे शिक्षकों की तलाश कर रहा है, जिन्होंने यूपी बोर्ड की कॉपियों का मूल्यांकन नहीं किया। बोर्ड का फोकस ऐसे शिक्षकों पर है, जिन्होंने एक भी दिन मूल्यांकन नहीं किया। यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने सूबे के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों (डीआईओएस) को पत्र लिखकर ऐसे शिक्षकों का ब्योरा मांगा है, जानकारी देने के लिए डीआईओएस को एक प्रारूप भी भेजा जा रहा है। इस प्रारूप में इस बात का भी उल्लेख करना है कि राजकीय, सहायता प्राप्त और वित्त विहीन मान्यता प्राप्त स्कूलों के कितने शिक्षकों ने मूल्यांकन नहीं किया।

बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने कहा कि अब तक दो जनपदों के एक-एक केंद्र का ब्योरा मिला है। यह जानकारी बिना पत्र भेजे ही उन तक पहुंची है। ये दो जिले चित्रकूट और आंबेडकर नगर हैं। उन्होंने यह भी बताया कि आंबेडकर नगर के एक मूल्यांकन केंद्र से 95 ऐसे शिक्षक हैं जो एक दिन भी मूल्यांकन कार्य में शामिल नहीं हुए हैं। बोर्ड में इस बात की भी चर्चा है कि मूल्यांकन से अनुपस्थित रहने वालों ज्यादातर वही शिक्षक हैं जो एडेड एवं राजकीय कॉलेज के प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत हैं। सचिव का कहना है कि दोषी पाए गए शिक्षकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।

विदित हो कि हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षा 12 मार्च को खत्म हुई थी। इसके बाद करीब 3 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराया गया। मूल्यांकन कार्य 19 मार्च से 2 अप्रैल तक 261 केंद्रों पर हुआ। इन उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने के लिए 1 लाख 48 हजार 667 परीक्षक नियुक्त किए गए थे। सचिव भगवती सिंह ने बताया कि परीक्षा के दौरान कई केंद्रों पर फर्जी कक्ष निरीक्षक भी पकड़े गए थे। इनके खिलाफ परीक्षा अधिनियम के तहत केस दर्ज कराया गया था।


35,000 शिक्षकों ने नहीं जांचीं कापियां, लिखित परीक्षा में की थी ड्यूटी,  उत्तरपुस्तिकाएं नहीं जांचने पर उनके फर्जी होने का संदेह, मांगी गई जानकारी


प्रयागराजः हाईस्कूल एवं इंटमीडिएट परीक्षा-2025 का परिणाम घोषित करने के बाद यूपी बोर्ड अब उन शिक्षकों को खोज रहा है, जिन्होंने परीक्षा में कक्ष निरीक्षक के रूप में तो ड्यूटी की, लेकिन उत्तरपुस्तिकाएं जांचने नहीं पहुंचे। परीक्षा के दौरान कई केंद्रों पर फर्जी क्क्ष निरीक्षक पकड़ चुके यूपी बोर्ड को उत्तरपुस्तिकाएं न जांचने वालों के फर्जी होने का संदेह है। 


इसके लिए बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों से ऐसे करीब 35,000 शिक्षकों के अंकपत्र सहित रिकार्ड मांगे हैं। इसमें फर्जी मिलने वालों के विरुद्ध उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम-2024 के तहत मुकदमा दर्ज कराकर जेल भेजा जाएगा। इस अधिनियम में आजीवन कारावास एवं एक करोड़ रुपये तक जुर्माने का प्रविधान है।

12 मार्च को हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा संपन्न कराने के बाद यूपी बोर्ड ने करीब 2.84 करोड़ उत्तरपुस्तिकाओं का 19 मार्च से दो अप्रैल तक 261 केंद्रों पर मूल्यांकन कराया। इन उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने के लिए 1,48,667 परीक्षक नियुक्त किए गए थे। 

बोर्ड सचिव ने मूल्यांकन करने एक भी दिन नहीं पहुंचने वालों का आंकड़ा निकलवाया तो संख्या लगभग 35,000 मिली। बोर्ड इनके विषय में यह जानकारी जुटा रहा है कि जब परीक्षा के दौरान कक्ष निरीक्षक के रूप में ड्यूटी की तो फिर ऐसा क्या हो गया जो उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने नहीं पहुंचे। 

यूपी बोर्ड के सचल दलों ने परीक्षा के दौरान कई केंद्रों पर फर्जी कक्ष निरीक्षकों को उनके विरुद्ध परीक्षा अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया था, जिससे वह जेल में हैं। बोर्ड यह जानने में जुटा है कि कहीं यह सभी नकल कराने के उद्देश्य से तो फर्जी कक्ष निरीक्षक नहीं बने थे। 

सचिव ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों से ऐसे शिक्षकों के विवरण जुटाने और विद्यालय में उनके शिक्षक होने/न होने के संबंध में रिपोर्ट मांगी है। जो सही शिक्षक होंगे और मूल्यांकन करने नहीं पहुंचे, उनसे जवाब लेकर विभागीय कार्यवाही की जाएगी। फर्जी मिलने पर परीक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी ही, संबंधित विद्यालय और प्रधानाचार्यों का भी उत्तरदायित्व तय किया जाएगा।



यूपी बोर्ड मूल्यांकन में अनुपस्थित परीक्षकों का विवरण तलब, कार्यवाही की तैयारी 

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव भगवती सिंह ने यूपी बोर्ड की वर्ष 2025 की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाओं के मूल्यांकन कार्य में अनुपस्थित रहने वाले परीक्षकों एवं उप प्रधान परीक्षकों का विवरण तलब किया है। 

सचिव ने सभी जिला विद्यालयों निरीक्षकों और मूल्यांकन केंद्रों के उपनियंत्रकों/प्रधानाचार्यों को पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं कि 19 मार्च से दो अप्रैल 2025 अप्रैल तक संचालित मूल्यांकन कार्य में परिषद की ओर से नियुक्त जिन परीक्षकों व उप प्रधान परीक्षकों ने मूल्यांकन कार्य नहीं किया, उनका विवरण निर्धारित प्रारूप में परिषद के अधिकृत ईमेल आईडी पर एक सप्ताह के भीतर प्रेषित कर दिया जाए। 


No comments:
Write comments