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Friday, May 23, 2025

शिक्षकों की योग्यता तय होने तक मदरसों में नई भर्ती नहीं, सुप्रीम कोर्ट से कामिल व फाजिल की डिग्री असांविधानिक होने पर शासन ने लगाई रोक

शिक्षकों की योग्यता तय होने तक मदरसों में नई भर्ती नहीं, सुप्रीम कोर्ट से कामिल व फाजिल की डिग्री असांविधानिक होने पर शासन ने लगाई रोक


लखनऊ। मदरसों में शिक्षकों की अब नए सिरे से योग्यता तय की जाएगी। योग्यता तय होने तक मदरसों में शिक्षकों की नई नियुक्ति नहीं हो सकेगी। शासन ने शिक्षकों की नई भर्ती पर रोक लगा दी है।


उप्र. मदरसा शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त प्रदेश में तहतानिया (कक्षा 1 से 5), फौकानिया (कक्षा 5 से 8) और आलिया (हाई स्कूल या इससे ऊपर) के करीब 16460 मदरसे हैं। इनमें सरकार से आर्थिक सहायता प्राप्त 560 मदरसे हैं। इन मदरसों में मुंशी-मौलवी (हाईस्कूल), आलिम (इंटर) की शिक्षा दी जा रही है। 


मदरसा बोर्ड की कामिल और फाजिल की डिग्री की यूजीसी से मान्यता न होने से सुप्रीम कोर्ट ने इन डिग्रियों को असांविधानिक घोषित कर दिया था। ऐसे में मदरसा शिक्षकों की योग्यता का नए सिरे से निर्धारण होना है। शिक्षकों की योग्यता का निर्धारण विषय व कक्षावार वर्गीकरण के आधार पर होगा। इसलिए शासन ने नई नियुक्ति पर रोक लगाई है। 


कार्यरत शिक्षकों को करेंगे प्रशिक्षित

अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक अंकित कुमार अग्रवाल ने बताया कि मदरसों में कार्यरत शिक्षक नए आदेश से प्रभावित नही होंगे। इन शिक्षकों का तहतानिया और फौकानिया में उपयोग किया जाएगा। कार्यरत शिक्षकों की विषयवार योग्यता को चिह्नित कर उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्हें आधुनिक विषयों से जोड़ने के लिए ब्रिज कोर्स कराया जाएगा।


नई शिक्षा नीति के मुताबिक तय होगा पाठ्यक्रम

शिक्षकों की योग्यता के निर्धारण और पाठ्यक्रम तय करने के लिए अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक की अध्यक्षता में शासन स्तर पर कमेटी बनेगी। अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक ने बताया कि कमेटी योग्यता निर्धारित करने के साथ ही नई शिक्षा नीति के आधार पर पाठ्यक्रम के लिए अनिवार्य आधुनिक विषय तय करेगी।

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