कक्षा-9 से 12 तक के छात्रों को हर साल 31 दिसंबर तक वजीफा
लखनऊ। प्रदेश में कक्षा-9 से 12 तक के सभी छात्रों को हर साल 31 दिसंबर तक छात्रवृत्ति का भुगतान किया जाएगा। इससे 10 लाख से ज्यादा छात्र लाभांवित होंगे। प्रदेश सरकार तय आय सीमा के दायरे में आने वाले सभी वर्गों के छात्रों को छात्रवृत्ति का भुगतान करती है। अभी तक यह छात्रवृत्ति हर वित्त वर्ष में 31 मार्च तक मिल पाती थी। हाल ही में हुई उच्चस्तरीय बैठक में फैसला किया गया कि कक्षा 9-12 तक के सभी वर्गों के छात्रों के आवेदन के लिए एक ही समयसारिणी जारी की जाए। इसका पालन समाज कल्याण, पिछड़ा वर्ग कल्याण और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को करना होगा। उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार, इसके लिए शीघ्र ही समाज कल्याण विभाग समयसारिणी जारी करेगा।
सामान्य व पिछड़े वर्ग के छूटे छात्रों को भी अगले साल मिलेगी छात्रवृत्ति, अभी बजट खत्म होने पर नहीं मिलती है छात्रवृत्ति, शासन को भेजा गया नया प्रस्ताव
लखनऊ। सामान्य और पिछड़े वर्ग के छूटे छात्रों को भी अगले साल छात्रवृत्ति के साथ शुल्क की भरपाई हो सकेगी। अभी बजट खत्म होने पर देयता अगले वित्त वर्ष के लिए नहीं बढ़ाई जाती थी। इससे तमाम पात्र छात्र योजना का लाभ पाने से वंचित रह जाते थे। नियमों में बदलाव के लिए समाज कल्याण विभाग ने शासन को प्रस्ताव भेजा है।
प्रदेश सरकार अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए ढाई लाख रुपये तक सालाना आय और अन्य वर्गों के लिए दो लाख रुपये तक सालाना आय वाले परिवारों के छात्रों को इस योजना का लाभ देती है। हर साल सभी वर्गों के 50 लाख से ज्यादा छात्र योजना का लाभ पाते हैं। मौजूदा नियमों के तहत, अनुसूचित जाति व जनजाति के पात्र छात्र अगर किसी वित्त वर्ष में लाभ पाने से वंचित रह जाते हैं, तो उन्हें अगले वित्त वर्ष में भी पिछले वर्ष का भुगतान किया जा सकता है। जबकि, सामान्य, पिछड़े व अल्पसंख्यक वर्ग के लिए यह व्यवस्था नहीं है।
समाज कल्याण विभाग ने सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए भी देयता अगले वित्त वर्ष में अग्रसारित करने का प्रस्ताव तैयार किया है। उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक, अगर शासन से सहमति मिली तो वित्त वर्ष 2024-25 के छूटे छात्रों को भी योजना का लाभमिल सकेगा।
आय सीमा भी ढाई लाख रुपये सालाना होगी : छात्रवृत्ति योजना में सभी वर्गों के लिए एकसमान आयसीमा करने पर भी विचार किया जा रहा है। चालू वित्त वर्ष में यह सभी वर्गों के छात्रों के लिए ढाई लाख रुपये सालाना तक हो सकती है।
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