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Monday, May 12, 2025

प्रदेश में एक साथ खुलेंगे 71 राजकीय महाविद्यालय, जुलाई से पढ़ाई शुरू कराने की तैयारी में उच्च शिक्षा निदेशालय, नियुक्ति होने तक दूसरे कॉलेजों के शिक्षकों को करेंगे संबद्ध

प्रदेश में एक साथ खुलेंगे 71 राजकीय महाविद्यालय, जुलाई से पढ़ाई शुरू कराने की तैयारी में उच्च शिक्षा निदेशालय,  नियुक्ति होने तक दूसरे कॉलेजों के शिक्षकों को करेंगे संबद्ध



प्रयागराज । 2025-26 शैक्षणिक सत्र में एक जुलाई से प्रदेश में पहली बार एकसाथ 71 नए राजकीय महाविद्यालय खुलने जा रहे हैं। उच्च शिक्षा विभाग के लिए यह खास उपलब्धि वाला सत्र होने जा रहा है जिसमें एकसाथ इतनी बड़ी संख्या में महाविद्यालयों में पठन-पाठन शुरू होगा।


उच्च शिक्षा निदेशालय के अफसरों को अब तक 40 से अधिक महाविद्यालय हस्तांतरित किए जा चुके हैं और अब अधिकारी फर्नीचर समेत दूसरे संसाधन जुटाने में व्यस्त हैं। इन महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1065 पदों समेत सीधी भर्ती के कुल 1562 पदों की सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है और बहुत जल्द आदेश जारी होने की उम्मीद है। जब तक नियमित नियुक्ति नहीं होती तब तक दूसरे महाविद्यालयों के शिक्षकों को संबद्ध करके कक्षाएं चलवाई जाएंगी। 


खास बात यह है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप इन महाविद्यालयों में विज्ञान, वाणिज्य और कला तीनों वर्ग की पढ़ाई कराई जाएगी। पूर्व से संचालित 172 राजकीय महाविद्यालयों में से अधिकांश में एक या दो वर्ग ही संचालित हैं लेकिन राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में अंतर विषयी अध्ययन को बढ़ावा देने के प्रावधान को देखते हुए तीनों वर्ग के संचालन का निर्णय लिया गया है। 

यानि विज्ञान का विद्यार्थी यदि संस्कृत की पढ़ाई करना चाहे तो उसे अवसर दिया जाएगा। सर्वाधिक 13 बरेली में स्थापित हो रहे हैं। लखनऊ में 12, मेरठ में 10, आगरा व झांसी में नौ-नौ, गोरखपुर में चार महाविद्यालय खुलेंगे। प्रयागराज को दो राजकीय महाविद्यालय मिलेंगे। एक राजकीय महिला महाविद्यालय परासिनपुर सिकंदरा फूलपुर और दूसरा मेजा में है। कौशाम्बी के सिराथू में भी एक राजकीय महाविद्यालय खुलेगा। पहले इन्हें पीपीपी मॉडल पर संचालित करने की बात थी लेकिन बाद में सरकार ने इन महाविद्यालयों के संचालन का जिम्मा स्वयं उठाने का निर्णय लिया।


मुख्यमंत्री की घोषणा के तहत निर्माणाधीन राजकीय महाविद्यालयों को 2025-26 सत्र से शुरू किया जाएगा। पद सृजन की प्रक्रिया अंतिम चरण में हैं। – डॉ. अमित भारद्वाज, निदेशक उच्च शिक्षा

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