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Tuesday, May 27, 2025

समर्थ पोर्टल पर उच्च शिक्षा विभाग के 12109 शिक्षकों का हुआ पंजीकरण, 53 हजार से अधिक शोधपत्र अपलोड, 392 शिक्षकों की प्रमोशन प्रक्रिया शुरू, ऑनलाइन होगी प्रोन्नति सॉफ्टवेयर करेगा मूल्यांकन

समर्थ पोर्टल पर उच्च शिक्षा विभाग के 12109 शिक्षकों का हुआ पंजीकरण, 53 हजार से अधिक शोधपत्र अपलोड, 392 शिक्षकों की प्रमोशन प्रक्रिया शुरू, ऑनलाइन होगी प्रोन्नति सॉफ्टवेयर करेगा मूल्यांकन


प्रयागराज। समर्थ पोर्टल के माध्यम से उच्च शिक्षा विभाग के शिक्षकों का प्रमोशन अब ऑनलाइन किया जाएगा। इसके तहत 392 शिक्षकों की प्रमोशन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। शिक्षकों के मूल्यांकन के लिए 53 हजार से अधिक शोधपत्र पोर्टल पर अपलोड किए जा चुके हैं।

कॅरिअर एडवांसमेंट स्कीम (कैस) के माध्यम से शिक्षकों का प्रमोशन अब तक ऑफलाइन किया जाता था, जिसमें मनमानी और भ्रष्टाचार के आरोप लगते थे। प्रमोशन प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी बनाने के लिए समर्थ पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन प्रमोशन करने का निर्णय लिया गया।

नई व्यवस्था के तहत अगर शिक्षक प्रमोशन के योग्य है तो प्रोन्नति को कोई रोक नहीं सकेगा। शिक्षक के कार्यों का मूल्यांकन अब कोई अफसर नहीं, बल्कि सॉफ्टवेयर करेगा। यहां तक कि इंटरव्यू भी यूट्यूब पर अपलोड किया जाएगा।

इस बदलाव को सरकारी और अनुदानित महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों एवं संस्थानों की प्रक्रियाओं को डिजिटल, पारदर्शी एवं उत्तरदायी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

इसके तहत 392 शिक्षकों की कैस के तहत प्रमोशन प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है, जिनमें से 20 आवेदन आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आईक्यूएसी) को प्रस्तुत किए जा चुके हैं। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमित भारद्वाज के अनुसार, अब तक 12109 शिक्षक समर्थ पोर्टल पर पंजीकृत हो चुके हैं।

53,576 शोध पत्र अपलोड किए जा चुके हैं, जो शिक्षकों की अकादमिक सक्रियता को दर्शाता है। 709 शोध परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं, जबकि 350 परियोजनाएं प्रगति पर हैं। 256 महाविद्यालयों में आईक्यूएसी का गठन हो चुका है और 1048 आईक्यूएसी सदस्यों को पोर्टल पर जोड़ा गया है।

630 विषय विशेषज्ञ, 38 कुलपति नामांकित प्रतिनिधि और 75 निदेशक प्रतिनिधि भी पोर्टल पर अपलोड किए जा चुके हैं। 331 अनुदानित महाविद्यालयों में से 190 महाविद्यालयों ने अपनी प्रबंधन समिति के सदस्यों की जानकारी पोर्टल पर अपलोड कर कर दी, शेष को 31 मई तक पूर्ण करना है। 8913 शिक्षकों की 138102 प्रविष्टियों का अनुमोदन प्रधानाचार्य स्तर पर लंबित है, जिनका सत्यापन भी 31 मई तक अपेक्षित है।



समर्थ पोर्टल पर एक से 15 जून तक अपलोड किया जा सकेगा डाटा, शिक्षकों की मांग पर शासन ने डाटा अपलोड करने के लिए दिया अंतिम अवसर

16 मई 2025
प्रयागराज। उच्च शिक्षा में शिक्षकों का डाटा समर्थ पोर्टल पर अपलोड किए जाने की अंतिम तिथि बढ़ा दी गई है। साथ ही लंबित प्रकरणों को पूरा करने के लिए भी अतिरिक्त समय दिया गया है। इस बाबत विशेष सचिव निधि श्रीवास्तव ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

पोर्टल पर डाटा अपलोड करने की अंतिम तिथि 15 मई थी, लेकिन बड़ी संख्या में प्रकरण लंबित रह गए थे। शासन ने लंबित प्रकरणों के निस्तारण के लिए 31 मई तक का समय दिया है। साथ ही तय किया है कि एक से 15 जून तक पोर्टल दोबारा खोला जाएगा। यह अंतिम अवसर होगा। इसके बाद कोई समयवृद्धि नहीं की जाएगी।

इस मसले पर उत्तर प्रदेश राजकीय महाविद्यालय शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. इंदु प्रकाश सिंह व अन्य पदाधिकारियों ने 15 मई को उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमित भारद्वाज व सहायक निदेशक डॉ. बीएल शर्मा से मुलाकात की थी।

उन्होंने वार्षिक और सेमेस्टर परीक्षाओं में व्यस्तता और महाविद्यालयों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए केंद्र बनाए जाने के कारण हुए विलंब का हवाला देते हुए डाटा अपलोड करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा था।




समर्थ के चक्कर में फंस गई एडेड और राजकीय महाविद्यालयों के हजारों शिक्षकों की पदोन्नति

लंबी-चौड़ी सूचनाएं व कागज देने में शिक्षकों को छूट रहा पसीना

15 मई तक सूचना न देने पर शिक्षकों का वेतन रोकने की चेतावनी

12 मई 2025
लखनऊ। प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में परीक्षा और प्रवेश के बाद समर्थ पोर्टल के चक्कर में अब राजकीय व अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) महाविद्यालयों के हजारों शिक्षकों की पदोन्नति फंस गई है। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षकों से समर्थ पोर्टल पर लगभग 64 कॉलम में लगभग 170 बिंदुओं पर मांगी गई सूचनाएं देने में शिक्षकों को पसीना छूट रहा है।


प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में समर्थ पोर्टल के माध्यम से कोई भी व्यवस्था आसानी से लागू नहीं हो पा रही है। पहले इसके चक्कर में परीक्षाओं में देरी हुई और उनको पूर्व की प्रक्रिया से आयोजित करना पड़ा। इस सत्र से प्रवेश में समर्थ पोर्टल को लागू करने का प्रयोग भी सफल नहीं हुआ। अंत में प्रवेश भी पुरानी प्रक्रिया से ही कराने का निर्णय लिया गया। वहीं अब इसके चक्कर में महाविद्यालयों के शिक्षकों की पदोन्नति फंसती जा रही है।


विभाग की ओर से एक अक्तूबर 2024 तक जिन शिक्षकों का प्रमोशन ड्यू है, वह ऑफलाइन होगा। इसके बाद का प्रमोशन ऑनलाइन होगा। इसके लिए शिक्षकों से समर्थ पोर्टल पर भारी भरकम सूचना मांग ली गई है। खास यह कि सिर्फ सूचना ही नहीं मांगी गई है, हर बिंदु से संबंधित कागजात भी अपलोड करने हैं। जो शिक्षक छह महीने बाद सेवानिवृत्त होने वाले हैं, उनसे भी पीएचडी कब अवार्ड हुई, इसकी तिथि और सर्टिफिकेट मांगा जा रहा है।


इसी तरह उनके शैक्षिक अनुभव, मुख्य संस्थान से इतर तैनाती, प्रशासनिक अनुभव, पीएचडी गाइडेंस, एमफिल-पीजी गाइडेंस, प्रकाशन आदि सूचनाएं मांगी गई हैं। इतना ही नहीं उच्च शिक्षा विभाग ने 15 मई तक सूचना न अपलोड करने पर संबंधित शिक्षकों व प्राचार्य के वेतन रोकने के भी निर्देश दे दिए हैं। इसे लेकर 331 एडेड व 141 राजकीय महाविद्यालयों के 15 हजार से अधिक उच्च शिक्षा विभाग के शिक्षक अब आंदोलन की राह पर हैं।



विभाग खुद अपलोड कराए सूचनाएं 
शिक्षकों का कहना है कि किसी भी शिक्षक ने जब ज्वाइन किया है, कब उसकी पीएचडी हुई है, कब उसका प्रमोशन हुआ है। इसकी सारी सूचनाएं वह पूर्व में दे चुका है। यह सूचनाएं उच्च शिक्षा विभाग व निदेशालय के भी पास है। ऐसे में वह इन सूचनाओं को खुद पोर्टल पर अपलोड कराए। शिक्षकों के ऊपर इसको मढ़ना ठीक नहीं है। शिक्षकों के पास इतना समय नहीं है कि वह इतनी सूचनाएं अपलोड कर सकें।


दिन भर करा रहे परीक्षाएं कब अपलोड करें सूचना
फुपुक्टा के संयुक्त मंत्री डॉ. गंगेश दीक्षित ने कहा कि इस समय राज्य विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं चल रही हैं। शिक्षक सुबह से शाम तक इसमें व्यस्त रहते हैं। वह सूचनाएं कब अपलोड करें। बीच सत्र में यह नियम लागू करना ठीक नहीं है। यह सूचनाएं घर से अपलोड कर पाना संभव नहीं है। इसके लिए साइबर कैफे में घंटों समय देना पड़ेगा। ऊपर से साइट भी ठप हो जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर विभाग जून तक ऑफलाइन प्रमोशन की छूट नहीं देता है तो प्रदेश संगठन आंदोलन के लिए बाध्य होगा।


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