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Wednesday, May 14, 2025

समर्थ के चक्कर में फंस गई एडेड और राजकीय महाविद्यालयों के हजारों शिक्षकों की पदोन्नति

समर्थ के चक्कर में फंस गई एडेड और राजकीय महाविद्यालयों के हजारों शिक्षकों की पदोन्नति

लंबी-चौड़ी सूचनाएं व कागज देने में शिक्षकों को छूट रहा पसीना

15 मई तक सूचना न देने पर शिक्षकों का वेतन रोकने की चेतावनी


लखनऊ। प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में परीक्षा और प्रवेश के बाद समर्थ पोर्टल के चक्कर में अब राजकीय व अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) महाविद्यालयों के हजारों शिक्षकों की पदोन्नति फंस गई है। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षकों से समर्थ पोर्टल पर लगभग 64 कॉलम में लगभग 170 बिंदुओं पर मांगी गई सूचनाएं देने में शिक्षकों को पसीना छूट रहा है।


प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में समर्थ पोर्टल के माध्यम से कोई भी व्यवस्था आसानी से लागू नहीं हो पा रही है। पहले इसके चक्कर में परीक्षाओं में देरी हुई और उनको पूर्व की प्रक्रिया से आयोजित करना पड़ा। इस सत्र से प्रवेश में समर्थ पोर्टल को लागू करने का प्रयोग भी सफल नहीं हुआ। अंत में प्रवेश भी पुरानी प्रक्रिया से ही कराने का निर्णय लिया गया। वहीं अब इसके चक्कर में महाविद्यालयों के शिक्षकों की पदोन्नति फंसती जा रही है।


विभाग की ओर से एक अक्तूबर 2024 तक जिन शिक्षकों का प्रमोशन ड्यू है, वह ऑफलाइन होगा। इसके बाद का प्रमोशन ऑनलाइन होगा। इसके लिए शिक्षकों से समर्थ पोर्टल पर भारी भरकम सूचना मांग ली गई है। खास यह कि सिर्फ सूचना ही नहीं मांगी गई है, हर बिंदु से संबंधित कागजात भी अपलोड करने हैं। जो शिक्षक छह महीने बाद सेवानिवृत्त होने वाले हैं, उनसे भी पीएचडी कब अवार्ड हुई, इसकी तिथि और सर्टिफिकेट मांगा जा रहा है।


इसी तरह उनके शैक्षिक अनुभव, मुख्य संस्थान से इतर तैनाती, प्रशासनिक अनुभव, पीएचडी गाइडेंस, एमफिल-पीजी गाइडेंस, प्रकाशन आदि सूचनाएं मांगी गई हैं। इतना ही नहीं उच्च शिक्षा विभाग ने 15 मई तक सूचना न अपलोड करने पर संबंधित शिक्षकों व प्राचार्य के वेतन रोकने के भी निर्देश दे दिए हैं। इसे लेकर 331 एडेड व 141 राजकीय महाविद्यालयों के 15 हजार से अधिक उच्च शिक्षा विभाग के शिक्षक अब आंदोलन की राह पर हैं।



विभाग खुद अपलोड कराए सूचनाएं 
शिक्षकों का कहना है कि किसी भी शिक्षक ने जब ज्वाइन किया है, कब उसकी पीएचडी हुई है, कब उसका प्रमोशन हुआ है। इसकी सारी सूचनाएं वह पूर्व में दे चुका है। यह सूचनाएं उच्च शिक्षा विभाग व निदेशालय के भी पास है। ऐसे में वह इन सूचनाओं को खुद पोर्टल पर अपलोड कराए। शिक्षकों के ऊपर इसको मढ़ना ठीक नहीं है। शिक्षकों के पास इतना समय नहीं है कि वह इतनी सूचनाएं अपलोड कर सकें।


दिन भर करा रहे परीक्षाएं कब अपलोड करें सूचना
फुपुक्टा के संयुक्त मंत्री डॉ. गंगेश दीक्षित ने कहा कि इस समय राज्य विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं चल रही हैं। शिक्षक सुबह से शाम तक इसमें व्यस्त रहते हैं। वह सूचनाएं कब अपलोड करें। बीच सत्र में यह नियम लागू करना ठीक नहीं है। यह सूचनाएं घर से अपलोड कर पाना संभव नहीं है। इसके लिए साइबर कैफे में घंटों समय देना पड़ेगा। ऊपर से साइट भी ठप हो जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर विभाग जून तक ऑफलाइन प्रमोशन की छूट नहीं देता है तो प्रदेश संगठन आंदोलन के लिए बाध्य होगा।


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