सभी स्कूलों को स्मार्ट क्लास और वाई-फाई से संतृप्त करने का लक्ष्य अभी दूर, ऐसे कई जिले–जहां अभी भी लक्ष्य से काफी कम स्मार्ट क्लास शुरू किए जा सके
लखनऊ। इस वित्तीय वर्ष के अन्त तक प्रदेश की 74 फीसदी परिषदीय स्कूलों में स्मार्ट क्लास शुरू हो जाएंगी। वर्तमान में प्रदेश के अनुपातिक रूप से मात्र 46.79% परिषदीय स्कूलों में ही स्मार्ट क्लास की सुविधा है। इसमें परिषदीय उच्च प्राथमिक स्कूलों से लेकर कम्पोजिट तथा कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) आते हैं।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सभी स्कूलों को स्मार्ट क्लास के लिए 'वाई-फाई' सुविधा से पूरी तरह लैस करने की संस्तुति की गई है। इसके लिए स्कूलों को पूरी तरह से इंटरनेट सुविधा से लैस करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
कई स्कूलों में सीएसआर ('कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) फण्ड से भी स्मार्ट क्लास शुरू कराए गए हैं। स्मार्ट कलास नियमित रूप से संचालित होती रहें, इसके लिए बड़ी संख्या में बकायदा आईसीटी लैब की स्थापना भी की गई है लेकिन यूपी जैसे बड़े राज्य एवं स्कूलों की अधिक संख्या वाले प्रदेश में यह संख्या 'ऊंट के मुंह में जीरा' जैसी है। जिलेवार स्थितियों को देखें तो कई जिले तो ऐसे हैं, जहां अभी भी लक्ष्य से काफी कम स्मार्ट क्लास शुरू किए जा सके हैं।
कई जगह इंटरनेट नहीं
कई जिले में स्मार्ट क्लास तैयार तो हो गए लेकिन इंटरनेट कनेक्शन न होने या उपकर्णों के निष्क्रिय पड़े हैं। विभाग जल्द ही स्मार्ट क्लास को पूरी तरह से सक्रिय कराने की दिशा में काम शुरू करने जा रही है।
No comments:
Write comments