कोर्ट ने पूछा, क्या स्पेशल एजुकेटर की नियुक्ति के लिए भी टीईटी जरूरी? सुप्रीम कोर्ट ने एनसीटीई से कानूनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा
फिलहाल के लिए विना टीईटी के स्पेशल एजुकेटर्स की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट में अब स्पेशल एजुकेटर्स (विशेष जरूरत वाले बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षक) की नियुक्ति में भी टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) का पेंच फंसता नजर आ रहा है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल काउंसिल फार टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) से पूछा है कि क्या स्पेशल एजुकेटर के लिए भी टीईटी जरूरी है। कोर्ट ने एनसीटीई से इस बारे में कानूनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। साथ ही आदेश दिया है कि फिलहाल किसी भी स्पेशल एजुकेटर की नियुक्ति टीईटी के बगैर नहीं की जाएगी। कोर्ट इस मामले में दो दिसंबर को फिर सुनवाई करेगा।
जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस अगस्टीन जार्ज मसीह की पीठ ने रजनीश कुमार पांडेय बनाम केंद्र सरकार के मामले में सुनवाई करते हुए हाल में ये आदेश दिए। यह मामला स्पेशल एजुकेटर की भर्ती से संबंधित था जिसमें कोर्ट अपने पूर्व के आदेश के अनुपालन पर विचार कर ख्य था। सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के वकील ने बताया कि नियम के मुताबिक प्राथमिक शिक्षक के लिए टीईटी न्यूनतम योग्यता है। पीठ ने कहा कि उसे तो अभी तक यही लगता था कि सुप्रीम कोर्ट के सात मार्च, 2025 के जिस फैसले के अनुपालन पर विचार हो रहा है, उसके मुताबिक स्पेशल एजुकेटर की नियुक्ति के लिए रिहेबिलिटेशन काउंसिल आफ इंडिया (आरसीआइ) की योग्यता ही जरूरी है।
सुनवाई के दौरान न्यायमित्र ऋषि मल्होत्रा ने कोर्ट का ध्यान 21 जुलाई, 2022 के आदेश की ओर खींचा। इसमें शिक्षा मंत्रालय के 10 जून, 2022 के सर्कुलर पर चर्चा की गई थी जिसमें सीटीईटी या टीईटी या एनटीए स्कोर के साथ-साथ क्लासरूम डिमोंस्ट्रेशन और इंटरव्यू को प्रोसेस का हिस्सा माना गया था। इन दलीलों पर पीठ ने कहा कि कई राज्यों ने स्पेशल एजुकेटर्स की भर्ती प्रक्रिया यह मानकर आगे बढ़ाई है कि आरसीआइ ही स्पेशल एजुकेटर के लिए एकमात्र जरूरी योग्यता है और उन राज्यों ने टीईटी को जरूरी योग्यता नहीं बताया है।
कोर्ट ने कहा कि इस संबंध में एनसीटीई को स्पष्ट करना होगा कि आज की तारीख में विधायी नियम कानून क्या हैं। कोर्ट ने पूछा कि क्या स्पेशल एजुकेटर के लिए टीईटी करना जरूरी है। यदि हां, तो क्या इस आवश्यकता के बारे में व्यापक प्रचार किया गया है या नहीं। कोर्ट ने स्थिति स्पष्ट करने के लिए एनसीटीई को पक्षकार बनाने के लिए नोटिस जारी किया। साथ ही न्यायमित्र से कहा कि वह उन सभी राज्यों की अधिसूचनाएं इकट्ठा करके पेश करें जहां टीईटी के बिना चयन प्रक्रिया शुरू की गई है। शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही अंतरिम आदेश दिया कि किसी भी अभ्यर्थी को स्पेशल एजुकेटर के तौर पर तब तक नियुक्त नहीं किया जाएगा जब तक कि उसके पास टीईटी की योग्यता न हो।
पीठ के समक्ष यह मुद्दा भी उठा कि दिल्ली सरकार ने जुलाई, 2022 और जुलाई, 2023 में जारी भर्ती विज्ञापन चयन प्रक्रिया का रिजल्ट अभी तक प्रकाशित नहीं किया है। दिल्ली सरकार ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि दो सप्ताह में मेरिट लिस्ट प्रकाशित कर दी जाएगी। पीठ ने अगली सुनवाई पर मेरिट लिस्ट पेश करने का आदेश दिया।
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