68500 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब, परिणाम जारी होने के बाद अभ्यर्थियों ने मूल्यांकन में अनियमितता का लगाया है आरोप
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 68500 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में तीन सप्ताह में सरकार से जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह व न्यायमूर्ति स्वरूपमा चतुर्वेदी की खंडपीठ ने प्रयागराज की अर्चना यादव की विशेष अपील पर दिया।
68500 सहायक शिक्षक भर्ती-2018 का परिणाम जारी होने के बाद अभ्यर्थियों ने मूल्यांकन में अनियमितता का आरोप लगाया था। दोबारा मूल्यांकन में 4800 नए अभ्यर्थियों का चयन हुआ। फिर भी असंतुष्ट दर्जनों छात्र हाईकोर्ट पहुंचे। कोर्ट के आदेश पर तीसरे मूल्यांकन में भी कई छात्र सफल हुए। इसके बाद भी बहुत से असंतुष्ट छात्र हाईकोर्ट पहुंचे।
याची के अधिवक्ता संजय यादव ने दलील दी कि 13 अगस्त 2018 को पहली बार रिजल्ट जारी किया गया, जिसमें अर्चना को 63 अंक मिले। परीक्षा नियामक प्राधिकरण ने दोबारा मूल्यांकन कराया तो 66 अंक हुए। तीसरी बार अदालत के आदेश पर मूल्यांकन हुआ तो अंक घटकर 64 रह गए। हर बार अलग नंबर मिलने से मूल्यांकन प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं।
सामान्य और ओबीसी वर्ग का कटऑफ 67 अंक था। परीक्षा नियामक प्राधिकरण ऐसा आयोग है कि जितनी बार कॉपी चेक कर रहा, उतनी बार प्रश्नों का आंसर बदल दे रहा है। इससे छात्रों में काफी आक्रोश है। 68500 सीटों में से लगभग 17,000 सीटें अभी भरी नहीं गई हैं। कोर्ट ने इस मामले में सरकार से दो सप्ताह में जवाब देने का आदेश दिया है।
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