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Wednesday, December 10, 2025

CBSE स्कूलों की भरमार से टूटी UP बोर्ड के विद्यालयों की कमर, सैकड़ों स्कूलों में एक भी छात्र का नहीं पंजीकरण, 481 विद्यालयों की मान्यता खतरे में

CBSE स्कूलों की भरमार से टूटी UP बोर्ड के विद्यालयों की कमर, सैकड़ों स्कूलों में एक भी छात्र का नहीं पंजीकरण, 481 विद्यालयों की मान्यता खतरे में


समस्या सिर्फ स्कूलों की नहीं, शिक्षा के संतुलन की भी...

सीबीएसई विद्यालयों ने ग्रामीण इलाकों तक मजबूत पकड़ बना ली है। आधुनिक सुविधाएं और अंग्रेजी शिक्षा का आकर्षण अभिभावकों को खींच रहा है।

शिक्षकों की कमी, कक्षाओं का नियमित न चलना और कमजोर निगरानी के कारण सरकारी व हिंदी मीडियम स्कूलों की साख प्रभावित हुई है।

आगे की पढ़ाई और रोजगार में अंग्रेजी का महत्व बढ़ने से माता-पिता बच्चों का प्रवेश सीबीएसई विद्यालयों में ही करा रहे हैं।

फीस छूट, वैन सुविधा, टेस्ट सीरीज और नियमित मॉनिटरिंग जैसी सुविधाएं अभिभावकों को आकर्षित कर रही हैं।

दो वर्ष से लगातार शून्य पंजीकरण वाले स्कूलों की मान्यता समाप्त करने की कार्रवाई की जाएगी। –भगवती सिंह, सचिव, माध्यमिक शिक्षा परिषद


प्रयागराज। प्रदेश में सीबीएसई स्कूलों की बेतहाशा बढ़ोतरी ने यूपी बोर्ड के विद्यालयों की कमर तोड़ दी है। नए शैक्षणिक सत्र 2025-26 में स्थिति इतनी विकट हो गई है कि प्रदेश के लगभग हर जनपद में यूपी बोर्ड के ऐसे विद्यालय मिले हैं जहां हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में एक भी छात्र का पंजीकरण नहीं हुआ। परिणामस्वरूप प्रदेश के 481 से अधिक इंटरमीडिएट स्तर के माध्यमिक विद्यालयों की मान्यता रद्द होने की कगार पर है। माध्यमिक शिक्षा परिषद ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों से ऐसे स्कूलों का ब्योरा मांगा है जहां पिछले दो वर्षों से छात्र संख्या शून्य बनी हुई है। प्राथमिक जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।

प्रदेश में हाईस्कूल स्तर के कुल 29,534 मान्यता प्राप्त विद्यालय हैं। इनमें प्रयागराज के 12, गाजीपुर के 16, एटा के 14, फिरोजाबाद के 10, बलिया के छह, कानपुर नगर व आगरा के चार-चार, मथुरा व बरेली के पांच-पांच सहित 219 विद्यालय ऐसे पाए गए हैं जहां वर्तमान सत्र में एक भी छात्र ने बोर्ड परीक्षा के लिए पंजीकरण नहीं कराया है।

इंटरमीडिएट स्तर के मान्यता प्राप्त 25,190 स्कूलों में से गाजीपुर के 49, प्रयागराज के 21, कानपुर नगर के 18, मऊ के 19, अंबेडकरनगर व गोरखपुर के 11-11, एटा व अलीगढ़ के 16-16 सहित कुल 481 विद्यालयों में एक भी विद्यार्थी का पंजीकरण नहीं हुआ है। प्रदेश भर में बड़ी संख्या में ऐसे स्कूलों ने शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।

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