DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बाँदा बांदा बागपत बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर लख़नऊ वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Wednesday, March 19, 2025

शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने के निर्णय लेने के लिए हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को दी एक माह की और मोहलत

शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने के निर्णय लेने के लिए हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को दी एक माह की और मोहलत

19 मार्च 2025
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने को लेकर हाईकोर्ट के आदेश पर निर्णय लेने के लिए सरकार को एक माह का और समय दिया है। कोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव को अगली तिथि एक मई को आदेश के अनुपालन में हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने वाराणसी के विवेकानंद की अवमानना याचिका पर दिया है। याचियों की ओर से अधिवक्ता सत्येंद्र चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि 2023 में शिक्षामित्रों ने समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग करते हुए याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने शिक्षामित्रों के मानदेय को न्यूनतम मानते हुए राज्य को समिति का गठन कर एक सम्मानजनक मानदेय निर्धारित करने का निर्देश दिया था। समिति का गठन व मानदेय बढ़ाए जाने पर सरकार की ओर से कोई फैसला नहीं लेने पर अवमानना याचिका दाखिल की।

सोमवार को अवमानना याचिका पर राज्य के वकील ने कोर्ट को बताया कि मानदेय में वृद्धि के लिए संबंधित विभागों के बीच परामर्श अभी जारी है। कोर्ट के पूर्व में पारित आदेश के अनुपालन के लिए दो माह का और समय देने की प्रार्थना की। इस पर कोर्ट ने एक माह का समय देते हुए अगली सुनवाई की तिथि एक मई निर्धारित की है।




शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने पर क्या कर रही सरकारः हाईकोर्ट

06 जनवरी 2025
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार से करीब डेढ़ लाख शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने पर लिए गए फैसले की 27 जनवरी तक जानकारी तलब की है। यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय की अदालत ने वाराणसी के विवेकानंद की अवमानना याचिका पर दिया है।

अब तक समिति का गठन व मानदेय बढ़ाए जाने पर सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया। यह आरोप लगा याची ने अवमानना याचिका दाखिल की है। अधिवक्ता सत्येंद्र चंद्र त्रिपाठी ने दलील दी कि 2023 में याची ने समान कार्य के लिए समान वेतन के आधार पर मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की थी। इस पर कोर्ट ने समिति गठित कर निर्णय लेने का आदेश दिया था।

स्थायी अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि आदेश के अनुपालन में शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति बनाई गई थी। समिति ने रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। वित्तीय बोझ को देखते हुए रिपोर्ट वित्त विभाग को भेजी गई है। साथ ही विस्तृत जानकारी देने के लिए मोहलत की मांग की। इस पर कोर्ट ने इजाजत दे दी।



शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने पर हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से मांगी जानकारी

06 जनवरी 2025
प्रयागराज : प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत लगभग डेढ़ लाख शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाए जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार से जानकारी मांगी है। कोर्ट ने मानदेय बढ़ाने पर लिए गए निर्णय के बारे में 27 जनवरी तक जानकारी मांगी है। यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने वाराणसी के विवेकानंद की अवमानना याचिका पर दिया है। इसके पहले याची ने मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की थी। इस पर कोर्ट ने सम्मानजनक मानदेय निर्धारित करने के लिए सरकार को समिति गठित करने का आदेश दिया था।

प्रदेश सरकार द्वारा समिति का गठन व मानदेय बढ़ाए जाने पर सरकार के कोई फैसला नहीं लेने पर अवमानना याचिका दाखिल की गई। अधिवक्ता सत्येंद्र चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि 2023 में शिक्षामित्रों ने समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग कर याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने शिक्षामित्रों के मानदेय को न्यूनतम मानते हुए राज्य को समिति का गठन कर एक सम्मानजनक मानदेय निर्धारित करने का निर्देश दिया था। 

अवमानना याचिका पर राज्य के वकील ने न्यायालय को बताया था कि आदेश के अनुपालन में शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति बनाई गई थी। समिति ने रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। कोर्ट ने वित्त विभाग और राज्य सरकार के ओर लिए गए निर्णय के संबंध में 27 जनवरी तक जानकारी मांगी है।




शिक्षामित्रों को सम्मानजनक मानदेय देने के लिए वित्त विभाग की सहमति का इंतजार 

डेढ़ लाख शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाएगी सरकार, हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार की ओर से दी गई जानकारी

■ अवमानना याचिका पर एकल पीठ कर रही सुनवाई 

■ बढ़े मानदेय के लिए वित्त विभाग को भेजी रिपोर्ट


20 नवम्बर 2024
प्रयागराज। प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में काम कर रहे लगभग डेढ़ लाख शिक्षामित्रों का मानदेय सरकार बढ़ा सकती है। राज्य सरकार की ओर से वित्त विभाग को इस संबंध में पत्र भेजा गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में शिक्षामित्रों को सम्मानजनक मानदेय दिए जाने को लेकर दाखिल अवमानना याचिका पर सरकार की ओर से यह जानकारी दी गई है।


मंगलवार को सुनवाई के दौरान राज्य के वकील ने कोर्ट को बताया कि लगभग एक लाख पचास हजार शिक्षामित्रों के मानदेय वृद्धि से सरकारी खजाने पर काफी भार पड़ेगा इसलिए वित्त विभाग को सहमति के लिए रिपोर्ट भेजी गई है। वाराणसी के विवेकानंद की अवमानना याचिका पर न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की पीठ सुनवाई कर रही है।


याची के अधिवक्ता सत्येंद्र चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि 2023 में शिक्षामित्रों को समान कार्य के समान वेतन की मांग करते हुए एक याचिका दाखिल की गई थी। याचिका निस्तारित करते हुए न्यायालय ने कहा था कि शिक्षामित्रों को दिया जाने वाला मानदेय काफी कम है। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया था कि एक समिति का गठन किया जाए। वित्तीय इंडेक्स के अनुसार जीवन जीने के लिए एक सम्मानजनक मानदेय निर्धारित किया जाए। इस आदेश का पालन नहीं किए जाने पर अवमानना याचिका दाखिल की गई है। 


सरकारी वकील ने कोर्ट को अवगत कराया कि कोर्ट के 12 जनवरी 2024 के आदेश के अनुपालन में शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति बनाई गई थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को नौ अगस्त 2024 को सौंप दी है। वित्तीय बोझ को देखते हुए वित्त विभाग को रिपोर्ट भेजी गई है।




शिक्षामित्रों को सम्मानजनक गुजारा भत्ता नहीं देने संबंधी अवमानना याचिका पर आज होगी सुनवाई

14 नवंबर 2024
प्रयागराज। हाईकोर्ट में शिक्षामित्रों को सम्मानजनक गुजारा भत्ता न देने संबंधी अवमानना याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई होगी। 


न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की अदालत वाराणसी के विवेकानंद की अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही है। याची के अधिवक्ता सत्येंद्र चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि 2023 में शिक्षामित्रों को समान कार्य के समान वेतन की मांग करते हुए एक याचिका दाखिल की गई थी। 


याचिका निस्तारित करते हुए न्यायालय ने कहा था कि शिक्षामित्रों को भुगतान की जाने वाली मानदेय राशि न्यूनतम है। राज्य को निर्देश दिया था कि एक समिति का गठन किया जाए। वित्तीय इंडेक्स के अनुसार जीवन जीने के लिए एक सम्मान जनक मानदेय निर्धारित किया जाए। इस आदेश का पालन नहीं किए जाने पर अवमानना याचिका दाखिल की गई है। 

No comments:
Write comments