यूपी में बढ़े डिग्री कॉलेज पर घटी छात्रों की संख्या
उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) बढ़ाने के लक्ष्य के विपरीत शैक्षणिक सत्र 2024-25 में परंपरागत पाठ्यक्रमों में विद्यार्थियों की संख्या कम हो गई। आश्चर्य की बात है कि प्रदेश में निजी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की संख्या बढ़ने के बावजूद तकरीबन डेढ़ लाख विद्यार्थियों की कमी दर्ज की गई है।
उच्च शिक्षा विभाग की ओर से विधानसभा में प्रस्तुत आय-व्ययक रिपोर्ट के अनुसार 2024-25 में परंपरागत पाठ्यक्रमों में 53,28,969 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत थे जबकि 2023-24 सत्र में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या 54,76,441 थी। स्पष्ट है कि छात्रसंख्या में पिछले सत्र की तुलना में 1,47,472 की कमी आई है।
2023-24 में निजी महाविद्यालयों की संख्या 7924 थी जो 2024-25 में बढ़कर 7984 हो गई। 2023-24 में निजी विश्वविद्यालयों की संख्या 38 थी जो 2024-25 में बढ़कर 47 हो गई थी। यानि इस दौरान 60 निजी महाविद्यालय और नौ निजी विश्वविद्यालय भी खोले गए लेकिन विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि नहीं हो सकी।
2024 में खुले निजी विश्वविद्यालय यूपी में वर्ष 2024 में सरोज इंटरनेशनल विश्वविद्यालय लखनऊ, शारदा विश्वविद्यालय आगरा, जेएसएस विश्वविद्यालय नोएडा, एचआरआईटी विश्वविद्यालय गाजियाबाद, जीएस विश्वविद्यालय हापुड़, फ्यूचर विश्वविद्यालय बरेली, विद्या विश्वविद्यालय मेरठ, चंडीगढ़ विश्वविद्यालय उन्नाव, विवेक विश्वविद्यालय बिजनौर खुले हैं।
इनका कहना है
उच्च शिक्षा में छात्र-छात्राओं की कमी को लेकर शासन भी गंभीर है। पूरा प्रयास किया जा रहा है कि आने वाले सत्र में पंजीकरण में वृद्धि हो।- डॉ. अमित भारद्वाज, उच्च शिक्षा निदेशक
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