पदोन्नत शिक्षक कार्यभार ग्रहण करने से पहले ही हो जाएंगे सेवानिवृत्त, 383 पदोन्नत शिक्षकों की स्कूलों में की गई थी तैनाती
32 शिक्षक-शिक्षिकाएं सेवानिवृत्त हो जाएंगे
केस 1
राजकीय बालिका इंटर कॉलेज सिंहपुर कछार कानपुर नगर की प्रवक्त्ता डॉ. सुमित्रा शर्मा (03 जनवरी 1965) का पदस्थापन राजकीय हाईस्कूल मुड़ियान बुजुर्ग कन्नौज में हेडमास्टर के पद पर हुआ है। लेकिन उन्होंने कार्यभार ग्रहण नहीं किया।
केस 2
राजकीय बालिका इंटर कॉलेज आगरा की प्रवक्ता डॉ. लक्ष्मी पंत (05 फरवरी 1965) की तैनाती 375 किलोमीटर दूर राजकीय हाईस्कूल तेलियर लखीमपुर खीरी में बतौर हेडमास्टर हुई।। । एक दिन में एक जिले से रिलीव होकर दूसरे जिले में कार्यभार ग्रहण मुमकिन नहीं होने के कारण वह नहीं गई।
प्रयागराज। राजकीय हाईस्कूल और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक या प्रधानाध्यापिका और राजकीय इंटर कॉलेजों में उप प्रधानाचार्य के पद पर पदोन्नत राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के कई शिक्षक कार्यभार ग्रहण करने से पहले ही सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव ने शुक्रवार देर शाम 383 शिक्षकों के पदस्थान का आदेश जारी किया है। तैनाती पाने वाले शिक्षकों में महिला शाखा से 17 और पुरुष शाखा से 15 कुल 32 ऐसे हैं, जिनकी सेवानिवृत्ति 31 मार्च को है। राजकीय विद्यालयों में सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष है और इन शिक्षकों का जन्म 31 मार्च 1965 से पहले या एक अप्रैल 1964 के बाद हुआ है।
इनके पास तैनाती स्थल पर कार्यभार ग्रहण करने के लिए सिर्फ शनिवार का ही वक्त था। स्कूलों में रविवार को बंदी रहती है और सोमवार को ईद का अवकाश है। ऐसे में कई शिक्षक पदस्थापित स्कूल में कार्यभार ग्रहण नहीं कर सके। कार्यभार ग्रहण नहीं करने के कारण उन्हें एक इंक्रीमेंट भी नहीं मिलेगा। अब इन शिक्षकों को अपना हक यानि इंक्रीमेंट पाने के लिए चक्कर लगाने होंगे, नियम में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है इसलिए संभव है कि शिक्षक कोर्ट भी जाएं, क्योंकि इनमें इनकी कोई गलती नहीं है।
इन शिक्षकों की पदोन्नति के लिए विभागीय चयन समिति की बैठक 11 दिसंबर 2024 को माध्यमिक शिक्षा निदेशक के कैंप कार्यालय लखनऊ में हुई थी। इनका पदोन्नति आदेश तीन महीने बाद 12 मार्च 2025 को जारी हुआ और 25-26 मार्च को ऑनलाइन विकल्प लेने के बाद 28 मार्च को पदस्थापन यानि स्कूलों में तैनाती का आदेश जारी हुआ। यदि समय से पदोन्नति सूची जारी हो जाती तो शायद ये नौबत नहीं आती।
अधीनस्थ राजपत्रित पदों पर सभी पदोन्नति प्राप्त शिक्षक एवं शिक्षिकाओं को नए पद की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। विभाग को पदोन्नति प्रत्येक वर्ष रिक्ति के सापेक्ष सत्र के शुरुआत में करके पदस्थापन कर देना चाहिए। जिससे शिक्षक अपनी सेवा में पद प्राप्त कर वेतनवृद्धि का आर्थिक लाभ भी प्राप्त कर सकें। सत्र के अंतिम दिन पदस्थापना से अनेक शिक्षक-शिक्षिकाएं कार्यभार ग्रहण नहीं कर सकते हैं, जिसका उन्हें जीवनभर पछतावा रहेगा। -डॉ. रवि भूषण, महामंत्री राजकीय शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश
तीन साल बाद राजकीय इंटर कॉलेजों को मिले 383 स्थायी प्रधानाचार्य, माध्यमिक शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को पदोन्नति देकर दी तैनाती
विभाग ने तत्काल कार्यभार ग्रहण करने के दिए निर्देश
लखनऊ। माध्यमिक शिक्षा विभाग में लगभग तीन साल बाद 383 राजकीय इंटर कॉलेजों को स्थायी प्रधानाचार्य मिले हैं। इसमें 292 बालिका राजकीय इंटर कॉलेज हैं। विभाग ने इनको तत्काल कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए हैं।
विभाग ने हाल ही में इंटर कॉलेज के लेक्चरर व असिस्टेंट टीचरों को प्रधानाचार्य के पद पर पदोन्नति दी गई है। इसी क्रम में पदोन्नति पाने वाले इन सभी 383 शिक्षकों को विद्यालय आवंटित कर दिए गए हैं। ये वे विद्यालय हैं, जहां पर अब तक प्रभारी शिक्षक कामकाज देख रहे थे। जिन विद्यालयों में प्रधानाचार्यों की तैनाती की गई है, उनमें 91 पुरुष शाखा व 292 महिला शाखा के हैं।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने इनका पदस्थापन आदेश जारी करते हुए कहा है कि वे तत्काल पदोन्नति वाले कॉलेजों में कार्यभार संभाल लें। जो शिक्षक पदोन्नति स्वीकार नहीं करते हैं, वे इसकी लिखित सूचना 30 दिन में शिक्षा निदेशालय को दें।
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