DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बाँदा बांदा बागपत बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर लख़नऊ वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Monday, March 31, 2025

नए सत्र से 33 डिग्री कॉलेज हो जाएंगे बंद, विद्यार्थियों को दूसरे कॉलेजों में किया जाएगा शिफ्ट, तीन वर्षों से नहीं हो रहे थे दाखिले

नए सत्र से 33 डिग्री कॉलेज हो जाएंगे बंद, विद्यार्थियों को दूसरे कॉलेजों में किया जाएगा शिफ्ट, तीन वर्षों से नहीं हो रहे थे दाखिले

राज्य विवि ने वापस ली 33 महाविद्यालयों की संबद्धता


प्रयागराज। प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय से संबद्ध प्रयागराज, फतेहपुर, कौशाम्बी और प्रतापगढ़ के 33 महाविद्यालयों की संबद्धता वापस ले ली गई है। इनमें तीन वर्षों से दाखिले नहीं हो रहे थे। ज्यादातर कॉलेजों में छात्रों की संख्या बहुत ही सीमित रह गई है और कुछ कॉलेजों में कोई भी छात्र अध्ययनरत नहीं है। यह मामला तब सामने आया, जब बीते दिनों एक कॉलेज को बंद करने के लिए वहां के प्रबंधन ने विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र लिखा।


इसमें कहा गया है कि एक भी छात्र न होने से अब कॉलेज का संचालन संभव नहीं रह गया है, इसलिए कॉलेज बंद करना पड़ रहा है। विवि प्रशासन ने इसकी जांच कराई तो प्रयागराज मंडल में राज्य विश्वविद्यालय से संबद्ध 703 कॉलेजों में से ऐसे 33 स्ववित्तपोषित महाविद्यालय पाए गए, जहां तीन वर्षों से प्रवेश की प्रक्रिया लगभग ठप थी।

इन कॉलेजों का संचालन केवल कागजों में किया जा रहा था। ऐसे में विवि प्रशासन को इनकी संबद्धता वापस लेने का फैसला करना पड़ा। राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार सिंह ने बताया, इन कॉलेजों की संबद्धता वापस लेने के मामले में कार्य परिषद ने भी मुहर लगा दी है।

इन महाविद्यालयों में बीए, एमए जैसे परंपरागत पाठ्यक्रमों का संचालन किया जा रहा था। जिन महाविद्यालयों में बहुत ही सीमित संख्या में छात्र रह गए गए हैं, वहां के छात्रों को उनकी सुविधानुसार आसपास के दूसरे महाविद्यालयों में शिफ्ट किया जाएगा।

कुलपति ने बताया कि ज्यादातर महाविद्यालयों में तीन वर्षों से कोई प्रवेश ही नहीं हुआ है। ऐसे में महाविद्यालयों के बंद होने की नौबत आ गई है। यही वजह है कि इन महाविद्यालयों की संबद्धता वापस लेने का निर्णय हुआ है। ये महाविद्यालय सत्र 2025-26 से दाखिले नहीं ले सकेंगे। अगर किसी महाविद्यालयों को संबद्धता वापस चाहिए तो कॉलेज प्रबंधन को नए सिरे से आवेदन करना होगा।

No comments:
Write comments