बेसिक स्कूलों को मिलेंगे 5352 विशेष शिक्षक
लखनऊः परिषदीय विद्यालयों में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को पढ़ाने के लिए 5,352 पदों पर विशेष शिक्षकों को आवश्यकता अनुसार रखा जाएगा। वर्तमान में संविदा पर 2200 शिक्षकों पर विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में सात मार्च 2025 को रजनीश कुमार पांडेय व अन्य बनाम यूनियन आफ इंडिया व अन्य मामले में दिए गए आदेश के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने यह कदम उठाया है। आदेश के अनुसार हर राज्य को विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए स्वीकृत पदों की अधिसूचना जारी करनी होगी और नियुक्ति केवल योग्य व प्रशिक्षित शिक्षकों की ही की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार बेसिक शिक्षा विभाग में 80 हजार दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए 5352 नियमित विशेष शिक्षकों की होगी नियुक्ति
लखनऊ। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए 5352 नियमित विशेष शिक्षकों को रखा जाएगा। माध्यमिक शिक्षा विभाग के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है। बेसिक में लगभग 80 हजार दिव्यांग बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट में सात मार्च को रजनीश कुमार पांडेय व अन्य बनाम यूनियन ऑफ इंडिया व अन्य मामले में दिए गए आदेश के बाद माध्यमिक व बेसिक शिक्षा विभाग ने यह निर्णय लिया है। जानकारी के अनुसार शासन को 9 सितंबर को इस मामले में एफिडेविट देना है। इसी क्रम में पहले माध्यमिक में 47 और अब बेसिक में 5352 विशेष शिक्षक रखने का निर्णय लिया गया है।
बेसिक शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव पर सहमति हुई है। अब आवश्यकता के अनुसार विशेष शिक्षकों की नियुक्ति की जा सकेगी। विशेष श्रेणी के बच्चों में सीखने, बोलने, व्यवहार से संबंधित समस्या रहती है। इन्हें पढ़ाने के लिए विशिष्ट प्रशिक्षण प्राप्त विशेष शिक्षक होते हैं।
अभी संविदा शिक्षकों के माध्यम से हो रही पढ़ाई : वर्तमान में एक निर्धारित मानदेय पर विशेष शिक्षकों से काम लिया जा रहा है। इसके लिए 2200 से अधिक संविदा शिक्षक तैनात हैं। जबकि अब इन पदों पर नियमित नियुक्ति की जाएगी। विभाग के अधिकारियों के अनुसार इसके लिए भेजे गए प्रस्ताव को उच्च स्तर पर मंजूरी मिल गई है।
लखनऊ। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में विशेष (दिव्यांग) बच्चों के लिए विशेष शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन में कैबिनेट ने वर्तमान पदों में से ही 47 पद विशेष शिक्षकों के रूप में बदलने को अनुमति दे दी है। इससे विभाग पर कोई अतिरिक्त भार नहीं आएगा।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने बताया कि राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में वर्तमान में 692 दिव्यांग विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। इसके सापेक्ष 311 विशेष शिक्षक सेवाप्रदाता के जरिये रखे गए हैं।
नियमानुसार 15 विद्यार्थी पर एक शिक्षक की जरूरत है। इसे देखते हुए 47 पद विशेष शिक्षक के रूप में बदलने को सहमति दे दी गई है। इसके लिए भर्ती लोक सेवा आयोग से लिखित परीक्षा के आधार पर की जाएगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए स्नातक स्तर पर 50 फीसदी अंकों के साथ बीएड, विशेष शिक्षा (अक्षमता, दृष्टिहीन, मूकबधिर) में डिग्री वाले अभ्यर्थियों का चयन होगा।
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