महाविद्यालयों के पाठ्यक्रमों के लिए भी नियामक संस्था से मान्यता लेना अनिवार्य
श्रीराम स्वरुप मेमोरियल विवि के मामले के बाद उच्च शिक्षा विभाग का निर्देश
सभी राज्य विवि व उच्च शिक्षा निदेशक को पत्र जारी कर अनुपालन के लिए कहा
लखनऊ। श्रीराम स्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय, बाराबंकी में लॉ पाठ्यक्रम की मान्यता को लेकर हुए बवाल के बाद उच्च शिक्षा विभाग सक्रिय हो गया है। विभाग ने प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि वे अपने संबद्ध कॉलेजों में चल रहे पाठ्यक्रमों के लिए नियामक संस्थाओं से मान्यता जरूर लें। ऐसा न करने पर उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव गिरिजेश कुमार त्यागी की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि प्रदेश के महाविद्यालयों में चल रहे विधि पाठ्यक्रम को बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) से मान्यता लिया जाना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त भी महाविद्यालयों में ऐसे पाठ्यक्रम चल रहे हैं, जिनको नियामक संस्थाओं से मान्यता लिया जाना आवश्यक है।
विशेष सचिव ने सभी राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति व निदेशक उच्च शिक्षा को पत्र भेजकर कहा है कि वे अपने स्तर से यह सुनिश्चित करें कि प्रदेश के सभी महाविद्यालयों में चल रहे विभिन्न पाठ्यक्रमों को संबंधित नियामक संस्थाओं से मान्यता ले ली गई है।
यदि किसी महाविद्यालय द्वारा बिना नियामक संस्थाओं से मान्यता लिए पाठ्यक्रम चलाए जा रहे हैं तो उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
बता दें कि कई बार विश्वविद्यालयों से संबद्ध महाविद्यालयों में बीएड, विधि, कृषि, फार्मेसी जैसे कोर्सों की अस्थायी मान्यता ली जाती है। इसके बाद यह कोर्स चलते रहते हैं। जबकि इन कोसों की स्थायी मान्यता क्रमशः नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन, बार काउंसिल ऑफ इंडिया, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद व फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया जैसी नियामक संस्थानों से लेना अनिवार्य होता है। अब इसे लेकर सख्ती की जाएगी।
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