प्रधानाध्यापक पद रिक्त, फिर भी उच्च पद पर दी गई नियुक्ति, उच्च पदों पर किए जा रहे पदस्थान पर रोक लगाकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग
प्रयागराज : राजकीय माध्यमिक शिक्षा के अधीनस्थ राजपत्रित (पुरुष/महिला) के रिक्त पदों पर पदोन्नति प्राप्त शिक्षकों के पदस्थापन किए जाने में अनियमितता का आरोप लगाकर मुख्यमंत्री से शिकायत की गई है। भेजे पत्र में बताया गया है कि अधीनस्थ राजपत्रित (हाईस्कूल प्रधानाध्यापक) पद पर पदोन्नत शिक्षकों के पदस्थापन में सुनियोजित ढंग से संशोधन किया है। एक तरफ जहां हाईस्कूल में प्रधानाध्यापक के पद रिक्त हैं, वहां तैनाती न देकर कुछ को बेसिक के निवर्तन पर भेजा गया है तो कुछ को उच्च पद पर नियुक्ति के आदेश किए गए हैं। मांग की गई है कि उच्च पदों पर किए जा रहे पदस्थान पर रोक लगाकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए।
शिकायती पत्र में राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद पाण्डेय एवं कार्यकारी महामंत्री अरुण यादव ने बताया है कि 28 मार्च 2025 को अधीनस्थ राजपत्रित पद पर पदोन्नति प्राप्त पुरुष/महिला शाखा के अधिकांश शिक्षकों ने उन विद्यालयों में कार्यभार ग्रहण नहीं किया, जहां पदस्थापन किया गया था। कुछ दिनों बाद शिक्षा निदेशक के यहां पत्र देकर पदस्थापन में संशोधन किए जाने की मांग की।
संशोधन किए जाने का प्रकरण शिक्षा अनुभाग-2 को भेज दिया गया। कुछ इंतजार के बाद 18 सितंबर को शासन के विशेष सचिव उमेश चंद्र की ओर से सूची निर्गत की गई, जिसमें तीन पुरुष व दो महिला शिक्षकों के विद्यालयों में संशोधन किया गया है। संशोधित विद्यालय उच्च पद के हैं। दो को बेसिक शिक्षा में निवर्तन पर भेजा गया है तथा एक शिक्षक को प्रभारी सह जिला विद्यालय निरीक्षक बनाया गया है। एक शिक्षक को अलीगढ़ में इंटर कालेज के प्रिंसिपल पद पर नियुक्त किया गया है।
आरोप लगाया है कि हाईस्कूल में प्रधानाध्यापक पद रिक्त होते हुए पदोन्नत शिक्षकों को उनके मूल पद पर नियुक्त न कर उच्च पद पर नियुक्त करना अवैधानिक है। इसके लिए दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की गई है।
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