टीईटी अनिवार्यता के खिलाफ अखिल भारतीय शिक्षक संघर्ष मोर्चा का गठन, कई अन्य प्रदेशों के शिक्षक संगठन भी शामिल
तीन से दस अक्तूबर तक स्थानीय सांसद को देंगे ज्ञापन
लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट द्वारा परिषदीय शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) करना अनिवार्य किए जाने के बाद इस मामले को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षक संगठन एकजुटता बना रहे हैं। इसी क्रम में अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षक संगठनों को एक मंच पर लाने के लिए अखिल भारतीय शिक्षक संघर्ष मोर्चा का गठन किया गया है।
शुक्रवार को दिल्ली में शिक्षक भवन पर अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बासवराज गुरिकर, राष्ट्रीय महासचिव कमलाकांत त्रिपाठी, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विनय तिवारी, अखिल भारतीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेश त्यागी आदि ने बैठक कर आंदोलन की आगे की रणनीति बनाई।
पदाधिकारियों ने कहा कि केंद्र सरकार 2017 में शिक्षा अधिकार अधिनियम में किए गए संशोधन को निरस्त कर देश के सभी शिक्षकों की सेवा सुरक्षित करें। तय हुआ कि राष्ट्रीय और प्रांतीय नेताओं की मौजूदगी में देश के सभी राज्यों में अभियान चलाकर शिक्षकों को एक मंच पर लाया जाएगा। यदि केंद्र सरकार शिक्षकों की सेवा सुरक्षित करने के लिए कदम नहीं बढ़ाती है तो संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान शिक्षक जंतर-मंतर पर विशाल प्रदर्शन करेंगे।
वहीं अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने निर्देश दिया है कि तीन से 10 अक्तूबर तक प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन अपने-अपने सांसद को देंगे। जिलाध्यक्ष व मंत्री के नेतृत्व में टीईटी मामले में अध्यादेश लाने की मांग की जाएगी। यदि केंद्र इस पर जल्द निर्णय नहीं लेता है तो दिल्ली में आंदोलन किया जाएगा।
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