CBSE : 10वीं-12वीं में 75% हाजिरी वाले ही दे सकेंगे परीक्षा, हर विषय में लगातार दो वर्ष पढ़ाई भी हुई अनिवार्य
नौवीं के विषय 10वीं में नहीं बदले जा सकेंगे, 11वीं के विषय 12वीं में नहीं बदलेंगे
बोर्ड परीक्षा प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव, 75% हाजिरी अनिवार्य
ट्यूशन पर निर्भर रहने वाले विद्यार्थियों को होगी मुश्किल
नई दिल्ली। सीबीएसई की 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने के लिए अब छात्रों की 75 फीसदी हाजिरी जरूरी है। साथ ही छात्र का सभी चयनित विषयों में दो साल तक लगातार पढ़ाई करना और आंतरिक मूल्यांकन भी अनिवार्य होगा। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी) के तहत ये नियम तय किए हैं।
सीबीएसई बोर्ड के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज की ओर से सोमवार को जारी अधिसूचना के तहत अब यदि किसी ने नौवीं कक्षा में कंप्यूटर और संगीत को वैकल्पिक विषय के तौर पर रखा होगा तो दसवीं तक दोनों विषय पढ़ना जरूरी होगा। इनके मूल्यांकन के आधार पर आगे बोर्ड परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। इसी तरह 11वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा में भी चयनित विषयों की पढ़ाई जरूरी होगी।
नौंवी-दसवीं और 11वीं-12वीं कक्षा को दो वर्षीय शैक्षणिक कार्यक्रमों के तौर पर माना जाएगा। दोनों कक्षाओं के छात्र विषय नहीं बदल सकेंगे। दसवीं कक्षा में पांच मुख्य विषयों के साथ दो अतिरिक्त विषय रख सकेंगे। 11वीं व 12वीं कक्षा में भी पांच मुख्य विषयों के साथ एक अतिरिक्त विषय लेने की अनुमति होगी।
नौवीं व 11वीं में लिए विषय को दो वर्ष पढ़ना होगा अनिवार्य : सीबीएसई
नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने बोर्ड परीक्षाओं में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं दो वर्षीय कार्यक्रम के रूप में मान्य होंगी। इसका अर्थ है कि किसी भी विषय में बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए छात्रों को उस विषय की दो वर्षों तक पढ़ाई करना अनिवार्य होगा। उदाहरण के लिए, यदि विद्यार्थी ने नौवीं कक्षा में फैशन डिजाइनिंग और पेंटिंग को वैकल्पिक विषय के रूप में चुना है, तो उसे ये दोनों विषय नौवीं के साथ-साथ 10वीं में भी पढ़ने होंगे। 10वीं में विषय बदला नहीं जा सकेगा। यही नियम 11वीं और 12वीं के लिए भी लागू होगा।
सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक डा. संयम भारद्वाज ने बताया कि ये बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के अनुरूप हैं, जिसका उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था को और पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। स्पष्ट किया है कि नौवीं-10वीं में छात्र पांच मुख्य विषयों के साथ दो अतिरिक्त विषय और 11वीं-12वीं में पांच मुख्य विषयों के साथ एक अतिरिक्त विषय लेने की अनुमति होगी। इसके अतिरिक्त, बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने के लिए छात्रों को कम से कम 75 प्रतिशत हाजिरी बनाए रखनी होगी और सभी विषयों में आंतरिक मूल्यांकन अनिवार्य होगा। यदि छात्र स्कुल नहीं आते हैं, तो उनका आंतरिक मूल्यांकन नहीं हो पाएगा और परिणाम घोषित नहीं किया जाएगा। नियमों का पालन न करने वाले छात्रों को आवश्यक दोहराव श्रेणी में रखा जाएगा।
सीबीएसई ने चेतावनी दी है कि वे बिना बोर्ड की अनुमति नए विषय शुरू नहीं कर सकते हैं। स्कूल के पास मान्यता प्राप्त शिक्षक, लैब और संसाधन नहीं हैं, तो वे किसी विषय को मुख्य या अतिरिक्त के रूप में नहीं पढ़ा पाएंगे। वहीं, जिन विद्यार्थियों ने अतिरिक्त विषय लिया था और वे कंपार्टमेंट या आवश्यक दोहराव की श्रेणी में हैं, उन्हें निजी तौर पर परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी।
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